बच्चे को जन्म देने के बाद मां को स्तनपान के जरिए बच्चे का पोषण करना होता है। स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) के दौरान महिलाओं को कई समस्याएं भी झेलनी पड़ती हैं। इन्हीं में से एक समस्या है मैस्टाइटिस। मैस्टाइटिस, स्तनों में होने वाला एक प्रकार का इंफेक्शन है जिसकी वजह से स्तन में सूजन और लाली हो जाती है। इस समस्या में स्तनों के ऊतक सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सबसे ज्यादा यह समस्या ब्रेस्टफीडिंग यानि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में देखी जाती है। आमतौर पर यह समस्या केवल एक स्तन में एक समय पर होती है लेकिन कुछ मामलों में यह दोनों स्तनों में देखा जाता है। स्तनपान के दौरान होने वाली मैस्टाइटिस की समस्या को लैक्टेशन मैस्टाइटिस भी कहा जाता है। मैस्टाइटिस की समस्या क्यों होती है? इसके लक्षण क्या हैं और इस समस्या से बचाव कैसे किया जाए? आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब शाहजहांपुर के जिला अस्पताल में कार्यरत मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ आंचल कौशल से।
क्या होती है मैस्टाइटिस की समस्या? (What is Mastitis?)
मैस्टाइटिस, स्तनों में होने वाला एक प्रकार का इंफेक्शन है जिस समस्या में स्तनों में सूजन, लालिमा और ब्रेस्ट में दर्द भी हो सकता है। आमतौर पर यह समस्या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को होती है। और इस समस्या में ज्यादातर मामलों में एक ही स्तन प्रभावित होता है। मैस्टाइटिस की समस्या में आपके स्तन के ऊतकों में सूजन आ जाती है और इसकी वजह से स्तनों में इंफेक्शन फैल सकता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में मैस्टाइटिस की समस्या जन्म देने के बाद पहले 3 महीनों में सबसे ज्यादा देखी जाती है। हालांकि यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में बच्चे के जन्म के 3 साल तक भी हो सकता है। इस समस्या में कभी कभी दूध की वाहिकाओं में गांठ बनने की समस्या भी होती है।
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मैस्टाइटिस इंफेक्शन के लक्षण (Mastitis Symptoms)
मैस्टाइटिस की समस्या में ज्यादातर मामलों में एक समय में एक ही स्तन प्रभावित होता है। इससे ग्रसित होने पर स्तन में सूजन और लाल निशान दिखाई देते हैं। चूंकि यह समस्या दोनों स्तनों में एक साथ बहुत कम होती है इसलिए एक ही स्तन पर इसके लक्षण देखे जा सकते हैं। मैस्टाइटिस के प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- स्तन में गांठ बनना
- स्तन में सूजन
- लाल रंग के चक्कते जैसे निशान
- शिशु को स्तनपान कराने पर स्तन में दर्द
- स्तनों का कोमल होना और छूने पर गर्मी महसूस करना
- अत्यधिक थकान
- बुखार और ठंड लगना
- फ्लू के लक्षण
- सिरदर्द
- मतली और उल्टी
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मैस्टाइटिस की समस्या के कारण (What Causes Mastitis?)
अधिकांश मामलों में मैस्टाइटिस की समस्या का सबसे बड़ा कारण स्तनों में दूध बढ़ना होता है। स्तन में दूध को लाने वाली नलिका में ब्लॉकेज की वजह से भी मैस्टाइटिस की समस्या होती है। सबसे पहले स्तनों में सूजन की समस्या होती है जिसके बाद बैक्टीरिया अंदर की तरफ प्रवेश करने लगते हैं और धीरे-धीरे यह इंफेक्शन में बदल जाता है। दूध के रुक जाने या ब्लाक होने की वजह से स्तन में दूध इकठ्ठा होने लगता है और इसकी वजह से गांठ बनने लगती है। कुछ मामलों में शिशुओं के दांत लगने की वजह से भी मैस्टाइटिस की समस्या हो सकती है। मैस्टाइटिस के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं।
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- स्तन में दूध का भरा रहना (एन्गॉर्जमेंट), इसकी वजह से भी मैस्टाइटिस की समस्या हो सकती है।
- दूध की नलिकाओं में ब्लॉकेज की वजह से।
- स्तनपान नहीं कराने की वजह से।
- निप्पल पियर्सिंग में इंफेक्शन होने की वजह से।
- ब्रेस्टफीडिंग के बीच में ज्यादा गैप देने की वजह से।
- कपड़ों की वजह स्तनों पर दबाव पड़ने पर।
- मिल्क स्टेसिस की स्थिति की वजह से।
मैस्टाइटिस की समस्या का इलाज (Mastitis Treatment)
मैस्टाइटिस की समस्या होने पर शुरुआत में कुछ बचाव और घरेलू उपायों को अजमा कर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इस दौरान महिलाओं को स्तनपान कराना बंद नहीं करना चाहिए। इसके अलावा यह समस्या गंभीर होने पर चिकित्सक के पास जाना चाहिए। डॉक्टर इस समस्या के इलाज के लिए कुछ एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि ज्यादतर महिलाओं में यह समस्या जरूरी सावधानियों का पालन करने से ही खत्म हो जाती है। मैस्टाइटिस के दौरान स्तनपान कराते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान आपका स्तन सूखा हो और बच्चा सही तरीके से स्तनपान कर रहा हो।
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मैस्टाइटिस की समस्या के लक्षण दिखने पर जरूरी सावधानियों का पालन करना चाहिए। हालांकि इस दौरान स्तनपान बंद करने की सलाह नहीं दी जाती है। मैस्टाइटिस की समस्या से पीड़ित महिलाएं भी स्तनपान करा सकती हैं। स्तनपान कराते समय सही तरीकों का पालन करें। अगर यह समस्या कुछ दिनों में ठीक नही हो रही हो तो चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
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