ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी हैं चार समस्याएं, एक्सपर्ट से जानें कैसे हो बचाव

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अकसर महिलाओं और बच्चे को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानतो हैं इन समस्याओं से बचाव भी...
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ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी हैं चार समस्याएं, एक्सपर्ट से जानें कैसे हो बचाव

जो महिलाओं को मां बने का पहला अनुभव होता है उन्हें स्तनपान करवाते समय शुरुआत में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। जिसके कारण न केवल महिलाओं को बलेकि बच्चे को भी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सम रहते इन समस्याओं के बारे में जानना जरूरी है। साथ ही इससे कैसे बचा जा सकता है ये भी जानकारी होना जरूरी है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि स्तनपान के दौरान महिलाओं को किन समस्याओं का समना करना पड़ सकता है। इससे बच्चों की कैसे प्रभावित होगी और किन तरीकों से इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए हमने गायनीकोलॉजिस्ट से बात की है। पढ़ते हैं आगे...

breast problem

दूध के उत्पादन नली में रुकावट आना (During Breastfeeding Blocked Milk Duct)

बता दें कि स्तन से दूध आने की प्रक्रिया दूध उत्पादन ग्रंथियों या ऊतकों के माध्यम से होती है जिससे एल्वियोली भी कहते हैं। ये स्तन के अंदर पाई जाती हैं इसके द्वारा दूध एरियोला में इकठ्ठा हो जाता है। जब बच्चा स्तनपान करता है तो वह एरियोला को चूसता है, जिससे स्तन से दूध बाहर आता है। हालांकि कभी-कभी ऐसी परिस्थिति आ जाती है जब दूध उत्पादन वाहिनी यानि दूध की उत्पादन नली में रुकावट आ जाती है। यह तब होता है जब ब्रेस्ट मिल्क और बच्चे की चूसने की प्रक्रिया एक दूसरे से मेल नहीं खाती और पूरी प्रक्रिया में रुकावट आ जाती है। इसके कारण ब्रेस्ट में सूजन के साथ-साथ गांठ भी महसूस होती है, जिसे छूने पर दर्द महसूस हो सकता है और अगर इस समस्या पर समय रहते ध्यान दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले लेती है।

इससे बचाव -

1- यदि आप अपने स्तन में सूजन जैसी समस्या महसूस करते हैं तो बच्चे को अपने उस साइड से भोजन ज्यादा कराएं और जिससे उन निप्पल पर काम हो सके। और अगर यह समस्या दूर ना हो तो डॉक्टर की सलाह लें।

2- आप इस समस्या को मालिश के माध्यम से भी दूर  कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी तेल की मदद से अंगुलियों के माध्यम से मालिश करनी होगी।  

3- अलग अलग तरीके से बच्चे को स्तनपान करवाएं। अगर आपको अपने बच्चे को लेटाकर स्तनपान कराना है तो खुद बैठ जाएं और अपने बच्चों को बाहों में पकड़कर ब्रेस्टफीडिंग करवाएं।

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निपल्स का क्रेक हो जाना (cracked nipples during breastfeeding)

निपल्स में क्रैक आना आम समस्याओं में से एक हैं। यह समस्या खासतौर पर स्तनपान कराने के पहले हफ्ते में ही शुरू हो जाती है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब माताएं अपने बच्चे को गलत तरीके से या गलत स्थिति के कारण स्तनपान कराती हैं। ऐसे में माताओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या इस दौरान अपने बच्चे को स्तनपान कराना सही है या नहीं।

इससे बचाव

बता दे अगर आपके निपल्स में क्रैक आ गया है तो अपे बच्चे को स्तनपान कराना बंद न करें। इस प्रक्रिया को जारी रखें। हालांकि इस बात का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है कि बच्चे के मुंह में अधिक से अधिक एरोला आ रहा है या नहीं। अगर बच्चे के मुंह में एरोला ठीक प्रकार से नहीं आएगा तो ये बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी सही नहीं है। ऐसा करने से ब्रेस्ट में दर्द भी कम होता है और इसका खुद ब खुद इलाज भी हो जाता है। इसके अलावा आप अपनी ब्रेस्ट पर स्तन का दूध भी लगा सकते हैं। यह दवाई का काम करता है। ऐसे में आपको अपने स्तन पर क्रैक हुए क्षेत्रफल में दूध की कुछ बूंदे लगानी होंगी। ऐसा करने से समस्या ठीक हो सकती है। ब्रेस्टफीडिंग के बाद ब्रेस्ट को साबुन से धोने से बचें। इससे त्वचा शुष्क हो जाती है ये अधिक दर्द को जन्म देती है।

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स्तनपान के दौरान निपल्स का फ्लैट हो जाना (Flat Nipples Due to Breastfeeding)

अगर आप अपने बच्चे को सही तरीके से स्तनपान कराना चाहती हैं तो उसके लिए निपल्स में उभार होना बेहद जरूरी है। जिससे बच्चा अच्छे से ब्रेस्टफीड कर सके। लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी पैदा हो जाती हैं जब निपल्स अंदर की तरफ या फ्लैट हो जाते हैं, जिसके कारण ब्रेस्टफीडिंग कराने में दिक्कत होती है। यही कारण है कि बच्चा अच्छे से भोजन नहीं कर पाता और माताओं को भी कई संक्रमण का सामना करना पड़ता है। ऐसे में फ्लैट निपल्स का इलाज समय रहते होना बेहद जरूरी है।

इसका समाधान

यदि आपको फ्लैट नेपल्स की समस्या है तो गर्भावस्था के दौरान मालिश करें इससे समस्या से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा अगर आप अपने बच्चे से नियमित रूप से स्तनपान और लेचिंग कराती हैं तब भी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा कुछ एक्सरसाइज की मदद से भी इस समस्या को दूर किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है। 

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स्तन में भारीपन महसूस होना (Engorged Breast During Breastfeeding)

मां को बच्चे के जन्म के दूसरे-पांचवें दिन के दौरान अपने स्तन भारी और भरे-भरे महसूस होते हैं। यह एक आम समस्या है। इसका एक कारण ये होता है कि स्तन में सबसे ज्यादा दूध भरने लगता है। नवजात शिशु को पोषण देने के लिए स्तन पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पन्न करते हैं। लेकिन कई बार स्तन में दूध पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता, जिसके कारण इन दिनों स्तन भारी भारी और भरे भरे महसूस होते हैं। अधिक भारीपन के कारण स्तन में सूजन आ जाती है और उन्हें छूने में दर्द महसूस होता है। ऐसे में समय रहते इससे बचाव बेहद जरूरी है। वरना बच्चे के साथ-साथ मां को भी संक्रमण का सामना करना पड़ता है। 

इससे बचाव

अगर आपके बच्चे का पेट भर गया है फिर भी स्तन में दूध के कारण भारीपन महसूस हो रहा है तो आप पंप की मदद ले सकते हैं। इसके लिए आपको पंप को लेकर ब्रेस्ट से दूध बाहर निकालना होगा। इसके अलावा अपने बच्चे को बार-बार फीड करवाएं। ऐसा करने से भी ब्रेस्ट में भरा दूध बाहर आ जाता है। और अगर इसके बावजूद ये समस्या कम न हो और बढ़ती चली जाए तो तुरंत अपनी डॉक्टर से संपर्क करें। 

नोट- नवजात शिशु के लिए मां का दूध बेहद जरूरी है। ऐसे में आपका फर्ज है कि आप स्तनपान से जुड़ी समस्याओं से तुरंत छुटकारा पाएं। ध्यान रखें हर शरीर की तासीर अलग होती है। ऐसे में किसी के कहने पर अपनी डाइट में परिवर्तन न करें। अपनी दिनचर्या में योग, एक्सरसाइज या किसी भी शारीरिक गतिविधि को जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। इसके अलावा यदि आपको सूजन के साथ निप्पल के रंग या उसकी शेप में बदलाव लगे को तुरंत डॉक्टर से मिले। अगर आपको अपने स्तन में गांठ जैसा प्रतीत हो तो भी किसी घरेलू उपाय को न अपनाकर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें। हो सकता है ये गांठ किसी गंभीर समस्या का संकेत दे रही हो।

 ये लेख डॉ पारुल सिंघल, स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति विशेषज्ञ - एलिक्सर हेल्थकेयर से बातचीत पर आधारित हैं। 

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