डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क ना होने के क्या हैं कारण? जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क ना आने की परेशानी होने लगती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में।
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डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क ना होने के क्या हैं कारण? जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

नवजात शिशुओं के लिए मां का गाढ़ा और पीला दूध अमृत के समान होता है। कई एक्सपर्ट से आपने सुना होगा कि शिशुओं के लिए मां का दूध बहुत ही जरूरी है। करीब 6 माह तक नवजात शिशुओं को मां का दूध पिलाना चाहिए, इससे वे जिंदगीभर स्वस्थ रहेंगे। मां का दूध पीने वाले मां का दूध ना पीने वालों की तुलना में काफी स्वस्थ और हेल्दी रहते हैं। लेकिन कई मामलों में महिलाएं मजबूरी में अपने शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं करवा पाती हैं। इसका कारण है उन्हें डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क नहीं होता है। ब्रेस्ट मिल्क ना होने के कारण शिशुओं को बाहर का दूध पिलाना मजबूरी बन जाती है। ऐसे में बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अनायाज क्लीनिक की गायकलॉजिस्ट डॉक्टर नीरा सिंह का कहना है कि महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क ना होने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों कारण शामिल हैं। इस समस्या का इलाज संभव है। आप चाहें, तो डॉक्टर की सलाह अपनाकर ब्रेस्ट मिल्क ना आने की समस्या से निजात पा सकते हैं। आइए जानते हैं ब्रेस्ट मिल्क ना आने के क्या कारण होते हैं। 

लाइफस्टाइल के कारण

डॉक्टर नीरा बताती हैं कि गर्भावस्था का दौर बहुत ही नाजुक होता है। इस दौरान हमें अपनी लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को कैफीन, असंतुलित भोजन, स्मोकिंग जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। अगर वे गर्भावस्था में इन चीजों का सेवन करती हैं, तो इससे उनके ब्रेस्ट मिल्क पर असर पड़ सकता है। 

स्ट्रेस लेना हो सकता है नुकसानदेय

स्ट्रेस आज के समय में बहुत ही बड़ी समस्या बनती जा रही है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग स्ट्रेस के शिकार होते जा रहे हैं। बहुत से लोग ना तो अपनी बात शेयर कर पाते हैं और ना अपनी चीजें शेयर कर पाते हैं। इस वजह से भी स्ट्रेस की समस्या काफी ज्यादा हो रही है। गर्भवती महिलाओं का स्ट्रेस लेना नुकसानदेय हो सकता है। डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क ना होने का कारण स्ट्रेस भी हो सकता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेस ना लें।  

हॉर्मोन के असंतुलन के कारण

डॉक्टर बताती हैं कि डिलीवरी के दौरान शरीर का हार्मोन असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण ब्रेस्ट मिल्क पर भी इसका असर पड़ता है। कुछ महिलाओं को थायराइड की समस्याएं होती हैं। थायराइड होने पर शरीर का हार्मोंस असंतुलित रहता है। इस वजह से भी महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क नहीं हो पाता है। 

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डिलिवरी में होने वाली परेशानियों के कारण

डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियां भी ब्रेस्ट मिल्क ना होने के जिम्मेदार होती हैं। कई बार डिलीवरी की वजह से बहुत अधिक ब्लीडिंग होती है, जिसमें ट्रॉमैटिक डिलीवरी होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है। स्ट्रेस, ट्रॉमैटिक डिलीवरी का जिम्मेदार होता है। डिलीवरी के बाद अधिक ब्लीडिंग होने से ब्रेस्ट मिल्क बनाने वाले हार्मोंस प्रभावित होते हैं।  इस वजह से ब्रेस्ट मिल्क में कमी आती है। जिसे एक्सपर्ट की भाषा में शिहांस सिंड्रोम (Sheehan’s Syndrome) कहा जाता है।  

प्लेसेंटा के अंश गर्भाशय में रह जाने के कारण

डिलीवरी होने के बाद महिला के शरीर से प्लेंटा का अंश पूरी तरह से बाहर निकाल दिया जाता है। लेकिन कुछ मामलों में प्लेसेंटा के अंश गर्भाशय में रह जाते हैं, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। जिसकी वजह से महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क नहीं हो पाता है। शरीर में हार्मोनल बदलाव से मिल्क प्रोडक्शन में बाधा होने लगता है। अगर आपको इस तरह की कोई समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें। ताकि समय रहते आफके शरीर में बचे प्लेसेंटा अंश को बाहर निकाला जा सके।

प्रीमेच्योर बर्थ डिलीवरी

साधारण मामलों में गर्भावस्था के तीसरे महिने से महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन अगर गर्भावस्था के दौरान प्रीमेच्योर बर्थ हो जाए, तो ब्रेस्ट मिल्क की प्रक्रिया में बाधा होने लगती है। क्योंकि मिल्क बनने की प्रक्रिया में कुछ समय लगता है। सही से वक्त ना मिलने के कारण मिल्क पंप नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से ब्रेट मिल्क निकलने में परेशानी होती है।

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गर्भनिरोधक दवाओं के कारण

गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करने के कारण भी शरीर में हार्मोनल बदलाव देखने को मिलते हैं। इस वजह से शरीर में ब्रेस्ट मिल्क कम बनने लगता है। शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के ब्रेस्ट से मिल्क नहीं निकल पाता है। ऐसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।

डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क नहीं बनने पर फॉलो करें ये टिप्स 

ब्रेस्ट का करें मसाज

डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क लाने के लिए ब्रेस्ट की अच्छी तरह मसाज करें। ब्रेस्ट का आप सर्कुलर और अप-डाउन मोशन में अच्छी तरह मसाज करें। इससे ब्रेस्ट में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिसकी वजह से मैमरी ग्लैंड्स भी स्टीम्यूलेट होता है। ब्रेस्ट का अच्छी तरह मसाज करने से ब्रेस्ट मिल्क सही तरीके से बनता है। 

हाथों से निकालें मिल्क

अगर आपके ब्रेस्ट में मिल्क सही से पंप नहीं कर रहा है, तो हाथों से प्रेस करके ब्रेस्ट मिल्क निकालें। ब्रेस्ट पर हाथों से प्रेस करने से मिल्क सही से निकलता है।

बिना डॉक्टर के सलाह पर ना खाएं दवाएं

कई बार हम खुद भी दवाइयां बिना डॉक्टर की सलाह पर खा लेते हैं। ऐसा करने से ब्रेस्ट मिल्क पर असर पड़ता है। इसलिए बिना डॉक्टर के संपर्क पर दवाएं ना खाएं। 

 

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