क्या पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग भी बन सकती है एनीमिया का कारण?

एनीमिया के दौरान शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कणिकाएं (रेड ब्लड सेल्स) या हीमोग्लोबिन की संख्या सामान्य से कम हो जाती है। ये समस्या आमतौर पर महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। खून में हीमोग्लोबिन की कमी इसलिए घातक हो सकती है.
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क्या पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग भी बन सकती है एनीमिया का कारण?


पीरियड्स या मासिक धर्म महिलाओं के जीवन के एक हिस्से की तरह है। शुरुआती दिनों में पीरियड्स के कारण होने वाली ब्लीडिंग को लेकर लड़कियां काफी परेशान रहती हैं। पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग अलग-अलग तरह से देखने को मिलती है। कुछ महिलाओं को सामान्य ब्लीडिंग होती है, तो कुछ को हैवी ब्लीडिंग (menorrhagia) होती है। ऐसे में महिलाओं के मन में एक सवाल अक्सर उठता है कि क्या पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग उन्हें एनीमिया का शिकार बना सकती है? एनीमिया एक ऐसी समस्या है, जिसे सामान्य बोलचाल में लोग 'खून की कमी' बोल देते हैं। लेकिन असल मे ये शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है। आइए आपको बताते हैं कि पीरियड्स की ब्लीडिंग के कारण एनीमिया की समस्या हो सकती है या नहीं?

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क्या है एनीमिया?

एनीमिया के दौरान शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कणिकाएं (रेड ब्लड सेल्स) या हीमोग्लोबिन की संख्या सामान्य से कम हो जाती है। ये समस्या आमतौर पर महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। खून में हीमोग्लोबिन की कमी इसलिए घातक हो सकती है क्योंकि यही हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन सहित दूसरे पोषक तत्वों को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाने का काम करता है। इसलिए अगर शरीर में हीमोग्लोबिन कम होगा, तो इसका असर व्यक्ति के पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर पड़ता है। एनीमिया के दौरान नसों में ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है जिसकी वजह से शरीर कमजोर हो जाता है और शरीर को उर्जा नहीं मिलती।

क्या पीरियड्स के कारण हो सकता है एनीमिया?

अगर पीरियड्स हैवी भी होते हैं लेकिन शरीर में रेड ब्लड सेल्स पर्याप्त मात्रा में बन रहे हैं तो एनीमिया नहीं होगा। लेकिन पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग हो जाए और महिला का शरीर नए ब्लड सेल्स न बना पाए, तो एनीमिया हो सकता है। पीरियड्स से एनीमिया का वैसे तो कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है फिर भी कई बार ऐसा भी हो सकता है कि महिला जिन लक्षणों को एनीमिया समझ रही हो, वो पीरियड्स के कारण हों या फिर जिन लक्षणों को पीरियड्स का साइड इफेक्ट समझकर नजरअंदाज कर रही है, वो एनीमिया का संकेत हों। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों के लक्षणों में कई संकेत समान होते हैं। 

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पीरियड्स और एनीमिया के दौरान कुछ लक्षण समान होते हैं जिसके कारण ऐसा लगता है कि आप एनीमिया की शिकार हों। जैसे:

  • थकान होना।
  • चक्कर आना।
  • कमजोरी महसूस होना।
  • त्वचा एवं आँखों में पीलापन दिखना।
  • असमान्य धड़कन।
  • हथेलियाँ ठंडी होना इत्यादि।

पीरियड्स के समय हैवी ब्लीडिंग होने के कारण

पीरियड्स के समय हैवी ब्लीडिंग होने के कई कारण होते हैं जिसकी वजह से पीरियड्स या तो लंबे समय तक होते हैं या फिर पीरियड्स के समय ज्यादा ब्लीडिंग होती है। इनमें से कुछ ये समस्या भी शामिल है जैसे-

 

  • गर्भाशय में ट्यूमर
  • शरीर में अयरन की कमी
  • सर्वाइकल पॉलिप्स

संतुलित आहार दिला सकता है इन परेशानियों से निजात:

पीरियड्स में और एनीमिया में बहुत से लक्षण सामान्य होते हैं तो इस दौरान अगर संतुलित आहार लिया जाये तो इन परेशानियों से निजात मिल सकती है। संतुलित आहार में आप नीचे दिए गए आहार लें।

  • हरी सब्जियाँ ज्यादा से ज्यादा खाएँ। हरी सब्जियों में आयरन पर्याप्त मात्रा में होता है। पालक का सेवन अधिक से अधिक करें।
  • संतरा, आंवला का सेवन करें इससे शरीर में कैल्शियम और आयरन की कमी पूरी होगी।
  • फॉलिक एसिड युक्त आहार लें और जितना हो सके विटामिन बी 12 का सेवन करें।
  • कॉफ़ी एवं चाय का सेवन न करें या बहुत ही कम करें। साथ ही चीनी का सेवन भी कम से कम करें।
  • अखरोट, बादाम एवं अंजीर का सेवन प्रतिदिन करें।
  • भरपूर मात्रा में पानी पिएं और नारियल पानी का सेवन करें।

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इन सभी आहार को लेने से पीरियड्स में भी आराम होगा और खून की कमी की समस्या भी नहीं होगी। संतुलित आहार शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इसलिए आयरन युक्त भोजन लें और एनीमिया जैसी बीमारियों से बचें। पीरियड्स के कारण एनीमिया का भ्रम न पालें। क्योंकि जरुरी नहीं है कि पीरियड्स की वजह से ही आपको एनीमिया हो। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर की सलाह जरुर लें जिससे आपका भ्रम दूर हो सके। अगर आप अपने आहार का ध्यान रखेंगी तो इस प्रकार की समस्या आपको नहीं होगी। शरीर में रक्त प्रभाव भी नियंत्रित रहेगा और खून भी पर्याप्त रूप से बनेगा। थकान, चक्कर आना जैसी समस्याओं से भी निजात मिलेगा।

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