महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen hormone) की एक बड़ी भूमिका होती है। बात चाहे प्यूबर्टी की करें या मेनोपॉज की, इस हार्मोन का डिसबैलेंस होना पूरे शरीर का बैलेंस बिगाड़ सकता है। इसलिए आज हम बात एस्ट्रोजन की कमी (Deficiency of estrogen hormone) या एस्ट्रोजन के लो लेवल (low estrogen level)की करेंगे, जिसके कारण शरीर में कई सारे बड़े बदलाव होते हैं। इनमें सबसे आम बदलाव की बात करें, तो वो तेजी से वजन का बढ़ना (Weight Gain)है। जी हां, अगर आप में अचानक से वजन बढ़ रहा है, तो आपको एस्ट्रोजन के बढ़ते और घटते लेवल के बारे में जरूर जानना चाहिए। तो आइए जानते हैं एस्ट्रोजन के लो लेवल को पहचानने का तरीका और फिर इसे बैलेंस करने के कुछ आसान उपाय (Ways to Increase Estrogen Naturally)।
एस्ट्रोजन की कमी (Deficiency of estrogen hormone)
एस्ट्रोजन की कमी को साइंस की भाषा में समझें, तो आमतौर पर ये परेशानी ज्यादातर 40 की उम्र या इससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि एस्ट्रोजन की कमी हमेशा मेनोपॉज यानी कि पीरियड्स बंद होने वाले समय से जोड़ कर देखा जाता है। पर आज कल लोगों की लाइफस्टाइल में बदलाव आने के कारण ये कम उम्र की महिलाओं को भी परेशान करने लगा है।
मेनोपॉज के अलावा एस्ट्रोजन की कमी के बड़े कारण
अगर एस्ट्रोजन की कमी या इसका लो लेवल में उन महिलाओं में है, जो कि मेनोपॉज या प्री मेनोपॉज की उम्र से दूर हैं, तो इसके पीछ उनके लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ कारण हो सकते हैं। जैसे कि
- -ईटिंग डिसऑर्डर
- -स्ट्रेस और एंग्जायटी
- -एक्सरसाइज एडिक्टेड होना
- -स्लीप साइकिल का डिस्बैलेंस होना
- -हार्मोनल ग्लैंड्स का सही से काम न करना
- -पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
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एस्ट्रोजन की कमी को कैसे पहचानें?
एस्ट्रोजन की कमी शरीर में कई तरह के संकेत देती है। जैसे कि
- -रेगुलर मूड स्विंग्स
- -डिप्रेशन
- -सिर में दर्द
- -अनियमित पीरियड्स
- -थकान और आलस
- -क्रेविंग्स और इमोशनल ईटिंग करना
- - बार-बार वजाइनल इंफेक्शन का होना
- -तेजी से वजन का बढ़ना

एस्ट्रोजन की कमी और वजन बढ़ना
एस्ट्रोजन की कमी के इन संकेतों को हम समझें, जैसे कि मूड स्विंग्स, क्रेविंग और ईटिंग डिसऑर्डर तो, ये तीनों अपने आप में वजन बढ़ाने के लिए (Hormonal Weight Gain)काफी हैं। इनके कारण आपको अनियमित भूख लगेगी, जिससे आप वजन संतुलित नहीं कर पाएंगे। इनके अलावा एस्ट्रोजन की कमी के कारण एस्ट्राडियोल (estradiol) की कमी हो जाती है, जो कि शरीर में मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है, जिसके कारण तेजी से वेट बढ़ता है। गौरतलब है कि ये वेट कूल्हों और जांघों के आसपास ज्यादा बढ़ता है, जिसके पीछे एस्ट्राडियोल की कमी का बड़ा हाथ है।
एस्ट्रोजन को बैलेंस करने के तरीके (Ways to Increase Estrogen Naturally)
एस्ट्रोजन को नेचुरल तरीके से बैलेंस करने के लिए आप डाइट और एक्सरसाइज में की मदद ले सकते हैं। जैसे कि डाइट में
- -मछली खाएं
- -प्रोसेस्ड फूड्स को कम करें।
- -अलसी और तिल के बीज का सेवन करें।
- -खुबानी, अखरोट और पिस्ता खाएं।
- -अल्कोहल और शुगर को सीमित करें।
- -हरी सब्जियां खाएं
- -सोया वाले खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें।
एक्सरसाइज में
- -ब्रिस्क वॉकिंग करें।
- -दौड़ना
- -सीढ़ियां चढ़ें
- -योगा करें
- -डांस करें
- -वेट लिफ्टिंग करें।
इन चीजों के अलावा जरूरी ये है कि आप खुद को एक्टिव रखें और स्ट्रेस फ्री रहें। स्ट्रेस फ्री रहना ज्यादा जरूरी इसलिए है कि ये आपके हार्मोनल हेल्थ को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इन सबके अलावा अगर आपके एस्ट्रोजन का स्तर कम है और यह आपके वजन को प्रभावित कर रहा है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। साथ ही एस्ट्रोजन की कमी के लक्षणों का आप खुद से आकलन करें और इन्हें कंट्रोल करने की कोशिश करें।
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