PCOS से पीड़ित महिलाओं को लेकर शोध में हुआ बड़ा खुलासा, तेजी से हो रही हैं इस घातक बीमारी की शिकार

PCOS से पीड़ित महिलाओं में भावनात्मक तनाव और अवसाद की चपेट में आने का खतरा भी ज्यादा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इससे बचने की कोशिश करें।
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PCOS से पीड़ित महिलाओं को लेकर शोध में हुआ बड़ा खुलासा, तेजी से हो रही हैं इस घातक बीमारी की शिकार

पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) इन दिनों महिलाओं में बड़ी तेजी से फैल रही बीमारियों में से एक है। हालांकि इसे शुरू से ही खराब लाइफस्टाइल से जोड़ कर देखा गया है, पर हाल ही में आए शोध ने इसे लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी (European Journal of Preventive Cardiology) में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि 30 से 40 वर्ष की महिलाएं जो पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से प्रभावित हैं उनमें इसके कारण दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा ज्यादा है। ये शोध इस बात की ओर भी संकेत करता है कि पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) किस तरह महिलाओं के जीवन के लिए भी घातक हो सकती हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं ये शोध।

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क्या कहता है ये शोध?

पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से जुड़े इसे शोध में 60,574 उन महिलाओं पर अध्ययन किया गया जो मां बनने के लिए आईवीएफ और अन्य तकनीकों की मदद ले रही थीं और वो पीसीओएस से पीड़ित थीं। शोधकर्ताओं ने नौ साल तक महिलाओं का पालन करने के लिए मेडिकल रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया। उस अवधि के दौरान, 2,925 (4.8%) महिलाओं में हृदय रोग का विकास हुआ और पता चला कि कुल मिलाकर, पीसीओएस वाली महिलाओं को उन महिलाओं की तुलना में 19% अधिक हृदय रोग होने का खतरा था, जिन्हें पीसीओएस नहीं था।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि 50 से अधिक आयु वाली पीसीओएस वाली महिलाओं को पीसीओएस के मुकाबले अपने साथियों की तुलना में हृदय संबंधी जोखिम विकसित होने का अधिक जोखिम नहीं था। हालांकि, पीसीओएस वाले अपने 30 और 40 की उम्र की महिलाओं में ये खतरा अधिक था।

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अध्ययन में बताया गया है कि कैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम दिल के स्वास्थ्य को खराब कर सकती है। इसके लिए खान-पान में छोटे बदलाव करना बेहद जरूरी है। जैसे कि अधिक फल और सब्जियां खाने और अधिक व्यायाम करना। अध्ययन लेखक डॉ. क्लेर ओलिवर-विलियम्स ऑफ कैंब्रिज ने ये भी कहा है कि यह अनुमान है कि प्रजनन उम्र की 6-20 प्रतिशत महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) है। इस दौरान महिलाओं को अंडाशय में अल्सर (द्रव से भरे थैली), अनियमित पीरियड, शरीर के अधिक बाल या सिर से बालों का झड़ना, पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर और गर्भावस्था में कठिनाई आदि का सामना करना पड़ता है।

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पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में मोटापा भी है बड़ी बीमारियों का कारण

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अधिक वजन या मोटापे की संभावना होती है, जो मधुमेह को बढ़ावा दे सकती है। साथ ही इसके कारण शरीर में उच्च रक्तचाप की परेशानी हो सकती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक के सभी जोखिम धीमे-धीमे बढ़ते जाते हैं। पिछले अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि ये परेशानी उम्र के साथ कम हो जाते हैं। दूसरे शब्दों में, समझें तो पीसीओएस से पीड़ित उम्र बढ़ने के साथ तेजी से अधिक वजन वाली हो जाती हैं और उच्च रक्तचाप और मधुमेह कीन शिकार हो जाती हैं। ऐसे में महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ अपने स्वास्थ्य की खास देखभाल करनमे की कोशिश करनी चाहिए।

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पीसीओएस महिलाओं को अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे उच्च रक्तचाप (High BP), उच्च कोलेस्ट्रॉल, चिंता और अवसाद, स्लीप एप्निया, दिल का दौरा, मधुमेह और एंडोमेट्रियल व स्तन कैंसर के लिए कमजोर बना सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। हेल्दी भोजन लें और योग करें। साथ ही स्मोकिंग व वक्त पर सोने और उठने का समय तय करें।

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