क्या आप जल्द ही मां बनने वाली हैं? आपको ब्रेस्टफीड कराने का सही तरीका पता है? घर में जल्द ही नन्हा सदस्य आने वाला है तो उसकी सेहत की जिम्मेदारी भी आपको बखूबी निभानी है। इसके लिये आपको अपने नन्हे-मुन्हे को ब्रेस्टफीड कराने का सही तरीका जान लेना चाहिये। कई मांओं को ब्रेस्टफीड करवाने का सही तरीका नहीं पता होता जिसके चलते उनका बच्चा भूखा रहता है। वैसे तो बच्चे को गोदी में लिटाकर या लेटकर दोनों ही तरीकों से ब्रेस्टफीड करवा सकती हैं पर हर मां को ब्रेस्टफीड करवाते समय सही पोजिशन के बारे में जानकारी होना जरूरी है। ब्रेस्टफीड के लिये क्रॉस क्रैडल बेस्ट पोजिशन मानी जाती है। ब्रेस्टफीड कराने का सही तरीका जानने के लिये हमने लखनऊ के मां-सी केयर क्लीनिक की लैक्टेशन एक्सपर्ट डॉ तनिमा सिंघल से बात की।
ब्रेस्टफीड कराने का बेस्ट तरीका है क्रॉस क्रैडल (Cross cradle position for breastfeed)
क्रॉस क्रैडल होल्ड बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाने के लिये सबसे बेस्ट पोजिशन मानी जाती है। इससे बच्चा आसानी से मां का दूध पी पाता है। एक्सपर्ट ज्यादातर मांओं को इसी तरीके से ब्रेस्टफीड करवाने की सलाह देते हैं। बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप आरामदायक पोजिशन में बैठी हों। ऐसी पोजिशन में न बैठें जिससे आपके हाथ या पीठ में दर्द हो। आप चाहें तो तकिए से बच्चे को सहारा दे सकती हैं।
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ब्रेस्टफीड कराने का तरीका (Steps of breastfeeding)
- बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाते समय पीठ को टेक देकर बैठ जायें।
- इसके लिये आप बच्चे का सिर ऊपर की ओर उठाइये और उसके हिप्स को अपनी एल्बो के बीच रखते हुए ब्रेस्ट की तरफ ले जाइये।
- आपको ये ध्यान रखना है कि बच्चे का गले न पकड़ें बल्कि उसके सिर को हाथ से सहारा दें।
- आपको बच्चे का गला खुला रखना है और नाक ऊपर की ओर उठानी है ताकि बच्चे की नाक ब्रेस्ट के पास दब न जाये।
- उसके बाद ब्रेस्ट को यू शेप में होल्ड करें और निप्पल के ब्लैक पोर्शन को बच्चे के लोअर लिप से टच करवायें।
- निप्पल से टच होने के बाद बच्चे का मुंह एडजस्ट करें। बच्चा जितना बड़ा मुंह खोलकर दूध पीयेगा उसे उतना ही ज्यादा फायेदा होगा।
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ब्रेस्टफीड के लिये मां की खुशी जरूरी (Counselling before delivery)
डॉ तनिमा ने बताया कि हमारे पास कई मांएं ऐसी आती हैं जो हद से ज्यादा परेशान होती हैं। उनकी परेशानी का कारण होता है ब्रेस्टफीड न करवा पाना। दरअसल 2 तरह के हार्मोन ब्रेस्टफीडिंग के लिये जरूरी होते हैं। पहला प्रोलैक्टिन जिसका काम होता है दूध बनाना और दूसरा होता है ऑक्सीटोसिन जिसका काम होता है दूध को बाहर निकालना। इन दोनों ही हार्मोन का सीधा संबंध मां की साइकोलॉजी से होता है। अगर मां खुश है तो वो आराम से बच्चे को ब्रेस्टफीड करवा पायेगी। हम मां से अक्सर ये उम्मीद कर लेते हैं कि उसे ब्रेस्टफीड करवाना आता होगा पर इसके लिये सही काउंसलिंग की जरूरत है। प्रेगनेंसी के 8 या 9वें महीने में मां को ब्रेस्टफीड कराने का सही तरीका बताया जाना चाहिये। आजकल इंटरनेट पर सब कुछ उपलब्ध है आप चाहें तो वहां से भी मदद ले सकते हैं।
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न्यूबॉर्न को केवल 8 ml दूध दें (Quantity of milk for newborn)
लोगों में ये धारणा है कि बच्चे का पेट मां के दूध से नहीं भरता पर ऐसा नहीं है। किसी भी न्यूबॉर्न बेबी को केवल 8 ml दूध की जरूरत होती है। उसे डिब्बाबंद दूध देने की गलती बिल्कुल भी न करें। इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि हर 1 घंटे बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाने की कोशिश करती रहें।
इन बातों का ध्यान रखते हुए आप अपने बच्चे तक पूरा पोषण पहुंचा सकती हैं। ध्यान रखें कि अगर आप मां बनने वाली हैं तो ब्रेस्टफीड का सही तरीका सीखने के लिये डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं।
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