महिलाओं में स्तन कैंसर समस्या काफी गंभीर बनी हुई है, स्तनों में होने वाली गांठ भी कैंसर का एक लक्षण हो सकती है। अनियमित जीवनशैली के कारण स्तन कैंसर का खतरा लगातार बढ़ रहा है। आमतौर पर ये समस्या 45 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को होती थी, लेकिन आजकल 25 से 30 साल की महिलाएं भी इसकी चपेट में काफी तेजी से आ रही है, जो हर किसी के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है।
स्तन में बनी गांठों को नजरअंदाज बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, इसको समय रहते इलाज कराना बहुत जरूरी होता है। महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्तनों का परीक्षण करना चाहिए, जिससे उन्हें किसी प्रकार की हल्की गांठ भी नजर आए तो तुरंत उसकी जांच करानी चाहिए। जरूरी नहीं कि हर महिला को होने वाली स्तन में गांठ का कारण कैंसर ही हो, कई मामलों में गांठ किसी और कारण से भी हो सकती है, जिसका पता आपको जल्द से जल्द जांच के दौरान हो सकता है।
हार्मोन्स में बदलाव के कारण
उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं के स्तन में कई बदलाव होते हैं जिसकी वजह से कई बार हल्की गांठें भी हो जाती है। मासिक धर्म में हो रहे हार्मोन्स में बदलावों के कारण गांठ पैदा होती हैं। शरीर में हार्मोन्स के बदलाव के साथ ही स्तनों के आकार में भी बदलाव होता है और इसी कारण गांठें भी हो जाती है, जो कई बार अपने आप ही खत्म हो जाती हैं। लेकिन अगर आपको स्तन में गांठ ज्यादा महसूस होती है तो ऐसे में आपको तुरतं डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मासिक धर्म के कारण
मासिक धर्म के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोन बदलते हैं जिसकी वजह से अक्सर महिलाओं को स्तनों में सूजन और हल्का दर्द महसूस होता है। यह समस्याएं मासिक धर्म शुरु होने के एक हफ्ते पहले से शुरु होती हैं और मासिक धर्म शुरु होने पर अपने आप खत्म हो जाती है।
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फाइब्रोडिनोमा
स्तन में फाइब्रोडिनो वाली गांठ होने पर आपको घबराने की जरूरत नहीं होती है, ये गांठ कैंसर की नहीं होती है। अक्सर ये चालीस साल से कम उम्र की महिलाओं में पाया जाता है। आपको बता दें कि इस तरह की गांठें स्तनों में ग्लैंड के ज्यादा बढ़ने के कारण होती है। इन गांठों में आपको ज्यादा दर्द महसूस नहीं होता है। इसके साथ ही ये गोल आकार की होती है इसे दबाने पर ये अंदर चली जाती है।
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सिस्ट
सिस्ट की स्थिति में इस तरह की गांठ में द्रव्य भरा होता है। यह ओवल या गोलाकार गांठ होती जो कि छूने पर काफी हल्की महसूस होती है। इसे दबाने पर यह अपनी जगह से थोड़ा सा खिसक जाती है। यह अधिकतर तब महिलाओं को महसूस होती है जब उनका मासिक धर्म शुरू होने वाला होता है, जिसके बाद मासिक धर्म के खत्म होने ये गांठें अपने आप गायब हो जाती है। अगर आपको मासिक धर्म खत्म होने के बाद भी ये गांठें नहीं जाती तो आपको तुरंत डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए और इससे संबंधित जांच करानी चाहिए।