आपके दूध में फैट की कमी से पोषण से वंचित हो रहा है शिशु? जानें कैसे बढ़ाएं ब्रेस्टमिल्क में फैट

एक शिशु अपने पोषण के लिए पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर होता है, मां के दूध में जितना ज्यादा फैट होगा दूध उतना ही ज्यादा शिशु के लिए फायदेमंद होगा. मालिश करने के अलावा और भी कई तरीकों से दूध में फैट बढ़ाया जा सकता है।
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आपके दूध में फैट की कमी से पोषण से वंचित हो रहा है शिशु? जानें कैसे बढ़ाएं ब्रेस्टमिल्क में फैट

बच्चा जब पैदा होता है तो उसे मां का दूध ही पिलाया जाता है। ये दूध बच्चे के लिए बेहद लाभकारी होता है। एक शिशु अपने पोषण के लिए पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर होता है। ऐसे में हर मां ये ही चाहती है कि वो अपने ब्रेस्ट मिल्क में पोषक तत्व इतने भरपूर कर ले की उसके शिशु के शरीर में ताकत बनी रहे। मां के दूध में कार्ब्स, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स आदि मौजूद होते हैं, इसके अलावा मां के दूध में फैट भी होता है। ये सभी बच्चे की सेहत को अच्छा बनाने के लिए जरुरी होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं की मां के दूध में मौजूद फैट बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद होता है। ऐसे में कैसे बढ़ाएं ब्रेस्ट मिल्क में फैट की मात्रा  जानिए इस आर्टिकल में।

ब्रेस्ट मिल्क के फैट को बढ़ाने के उपाय

प्रोटीन युक्त आहार लें

सबसे पहले हम आपको ये बता दें कि हर महिला के दूध में फैट की मात्रा अलग-अलग होती है। दूध में फैट की मात्रा बढ़ाने के लिए आपको प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे की अंडा, चीज़, ड्राईफ्रूट्स, दूध, नट्स आदि खाने चाहिए। वैसे तो ब्रेस्ट मिल्क में प्रोटीन मौजूद होता है लेकिन ये खाद्य पदार्थ प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने में फायदेमंद होते हैं।

प्रत्येक स्तन को पूरा खाली करें

बहुत सारी नवजात मांए अपने बच्चे को कुछ देर के लिए एक ब्रेस्ट से दूध पिलाती है और फिर दूसरे ब्रेस्ट से उन्हें फीड करवाती हैं। लेकिन यहां हम आपको बता दें कि जब आप शिशु को स्तनपान करवाती हैं तो पहले स्तन से पतला और कम फैट वाला दूध निकलता है और कुछ देर बाद फुल फैट वाला दूध निकलता है। ऐसे में अगर आप एक ब्रेस्ट से दूध पिलाने के कुछ देर बाद दूसरे ब्रेस्ट से दूध पिलाने लगती हैं तो हो सकता है कि शिशु का पेट भर जाए और दोनों स्तनों से सिर्फ कम फैट वाला दूध ही उसके शरीर में जाए। इसलिए ये जरुरी है कि पहले शिशु को एक ब्रेस्ट से दूध पिलाएं और उसके खाली होने के बाद ही दूसरे ब्रेस्ट से दूध पिलाना शुरु करें।

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स्तनों की मालिश करें

स्तनों की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और साथ ही उसमें ब्रेस्ट मिल्क का बहाव भी बढ़ जाता है। आप अपने ब्रेस्ट में हल्का-हल्का दबाव जब डालती हैं तो उससे फैट युक्त दूध निप्पल की ओर बढ़ता है। लेकिन बच्चे को अगर इसका फायदा पहुंचाना है तो आपको ये प्रेसिंग तभी करनी चाहिए जब आपका शिशु दूध पी रहा हो। यानि की फीड करवाते समय आपको स्तनों की मालिश करनी चाहिए ताकि फुल फैट मिल्क तेजी से बाहर आ जाए।

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ब्रेस्ट मिल्क को निकालते रहें

स्तनों से पहले जो दूध निकलता है वह कम फैट वाला होता है और बाद का दूध ज्यादा फैट वाला होता है। ऐसे में आप शिशु को दूध पिलाने से पहले पंप की मदद से थोड़ा दूध निकाल सकती हैं ताकि उसे सीधा हाई-फैट युक्त दूध पीने को मिले। इसके अलावा जितना हो सके उतना शिशु को स्तन पान करवाएं ताकि अधिक फैट वाला दूध उसके शरीर में पहुंचे। लगातार फीडिंग करवाने से शिशु के शरीर में अधिक फैट वाला दूध पहुंचता है।

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