Can Cancer Be Prevented If Detected Early In Hindi: हाल ही में मॉडल पूनम पांडे का सर्वाइकल कैंसर से निधन हो गया। इस बात की पुष्टि पूनम पांडे की टीम ने इंस्टा पोस्ट के जरिए की है। उनकी टीम का कहना है कि पूनम पांडे को आखिरी स्टेज में अपनी बीमारी का पता चला। आखिरी स्टेज में कैंसर लाइलाज हो जाता है। इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि हर व्यक्ति कैंसर से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी रखे। वैसे भी कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के के लिए प्रति वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें, अगर पहले से ही कैंसर के प्रति हम जानकारी रखें और शुरुआती जांच को अहमियत दें, तो कई जानें बचाई जा सकती हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि क्या वाकई शुरुआती जांच के जरिए कैंसर से बचाव (kya cancer se bacha ja sakta hai) संभव है? जानते हैं एक्शन कैंसर हॉस्पिटल नई दिल्ली व कैंसर केयर क्लिनिक फरीदाबाद के सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा से।
क्या शुरुआती जांच कैंसर से बचाव किया जा सकता है- Can Cancer Be Prevented If Detected Early In Hindi
जागरूक रहेंः आमतौर पर कैंसर के शुरुआती स्तरों में इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है। जब तक इस बीमारी के बारे में पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो बेहतर है कि जागरूक रहें। डॉ. मनीष शर्मा कहते हैं, "जागरूक रहने से इसके लक्षणों और जोखिमों के बारे में पता चल जाता है। ऐसा करने से लोग अपने हेल्थ को लेकर कॉन्शस होते हैं और स्वस्थ रहने के लिए सही कदम उठाते हैं, जो कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के रिस्क को भी कम कर सकती है।"
बुरी आदतें छोडेंः स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने से व्यक्ति बुरी आदतों को छोड़ देता है। डॉ. मनीष शर्मा की मानें, "बुरी आदतें अक्सर स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है। जैसे अगर किसी को शराब या स्मोकिंग की आदत है, तो इससे कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं, हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर कैंसर सेल्स के डेवेलपमेंट को रोका जा सकता है।"
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मिथक क्लियर होते हैंः कैंसर ही नहीं, बल्कि ज्यादातर गंभीर बीमारी को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के मिथक घूमते हैं। वहीं, अगर कोई व्यक्ति बीमारी के प्रति जागरूक है और खुद को एजुकेट करता है, तो वे झूठी बातों पर विश्वास नहीं करता है। इसके बजाय, सच्चाई जानने की कोशिश करते हैं। इसके लिए कई तरह के हेल्थ कैंपेन या प्रोग्राम का हिस्सा बनते हैं और कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए सही फैसले करते हैं।
रेगुलर चेकअप करवाते हैंः कैंसर के प्रति जब व्यक्ति जागरूक होता है और इस घातक बीमारी के रिस्क को कम करना चाहता है, तो वह रेगुलर चेकअप को भी महत्व देता है। डॉ. मनीष शर्मा के अनुसार, "स्वस्थ व्यक्ति को भी रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए। शुरुआती स्क्रीनिंग की मदद से कैंसर जैसी बीमारी को शुरुआती स्तर पर डायग्नोस करना आसान हो जाता है। इससे व्यक्ति के स्वस्थ रहने की संभावना भी बढ़ती है।" डॉक्टर का आगे कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइक कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर काफी गंभीर बीमारियां हैं। अगर समय रहते इनका पता चल जाए, तो बीमारी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। ऐसा रेगुलर चेकअप से ही संभव है।
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लाइफ की क्वालिटी इंप्रूव होती हैः जब व्यक्ति कैंसर के प्रति जागरूक रहना चाहता है, तो वह अपनी लाइफ की क्वालिटी को भी इंप्रूव करता है। इसके लिए, कैंसर से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाता है और लक्षणों को जानकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देता है। रेगुलर स्क्रीनिंग की मदद से भी अपनी लाइफ की क्वालिटी को बेहतर बनाने की कोशिश की जा सकती है।
फाइनेंशियल दबाव कम होता हैः यह कहने की जरूरत नहीं है कि कैंसर न सिर्फ जानलेवा बीमारी है, बल्कि यह मरीज पर फाइनेंशियल बर्डन भी बनाता है। खासकर, अगर आखिरी स्टेज में इसका पता चले, तो मरीज का काफी खर्च बढ़ता है। यह मरीज में तनाव बढ़ाने का एक बड़ा कारण है। तनाव की वजह से मरीज की कंडीशन बिगड़ सकती है। वहीं, जागरूक रहने से और बचाव के उपाय अपनाने से कैंसर का शुरुआती स्तर पर ही पता चल जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोई भी कैंसर हो, जैसे ब्रेस्ट कैंसर का अगर शुरू में पता चल जाए, तो एग्रेसिव ट्रीटमेंट के विकल्प को नहीं अपनाया जाता है। इससे मरीज में सर्वाइवल का चांस बढ़ता है और यह मरीज पर तुलनात्मक रूप से कम फाइनेंशियल दबाव बनाता है।
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