
स्तन कैंसर की पहचान करके सही समय पर इलाज शुरू कर देने से स्तन कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
Breast Cancer Awareness Month 2020: स्तन कैंसर (Breast Cancer) दुनियाभर की महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। भारत में महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसरों में स्तन कैंसर महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण है। स्तनों में गांठ महसूस होना या निप्पल से किसी तरह का रिसाव होना स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं। अगर सही समय पर स्तन कैंसर की पहचान कर ली जाए और इसका इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन स्टेज 3-4 में पहुंचने पर अगर इलाज शुरू किया जाए, तो कई बार सर्जरी अंतिम विकल्प बचता है या गंभीर परिस्थितियों में मौत का खतरा भी रहता है। आइए आपको बताते हैं महिलाओं में स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और इलाज के बारें में।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
अगर आपको आपके ब्रेस्ट में दर्द या गांठ सा महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी बहुत जरूरी है। कभी-कभी ये भी होता है गांठ में सामान्य रूप से दर्द न हो, लेकिन छूने पर इस दर्द को महसूस किया जा सकता है। स्तनों में पड़ने वाली गांठ का पता लगाने के लिए मेमोग्राफी की जाती है। मैमोग्राफी से ही ब्रेस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते। विशेषज्ञों का मानना है कि 30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं-
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- ब्रेस्ट में गांठ होना
- समय के साथ स्तन का आकार बढ़ना
- ब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बढ़ना
- स्तनों के बगल में सूजन आना
- निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना
- स्तन में कोई उभार या असामान्य मोटाई लगना
इन सभी स्थितियों में तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
जांच व इलाज
यह आवश्यक है कि 30 साल की उम्र से प्रत्येक महिला माहवारी के बाद अपने स्तनों और इसके इर्दगिर्द होने वाले बदलावों की स्वयं जांच करे। इसी तरह 40 साल की उम्र से प्रत्येक महिला को साल में एक बार महिला रोग विशेषज्ञ से अपनी जांच कराकर उनके परामर्श से स्तनों का एक्सरे या मैमोग्राफी कराना चाहिए। इस एक्सरे को मैमोग्राम कहते हैं। मैमोग्राम के जरिये चावल के दाने जितने सूक्ष्म कैंसरग्रस्त भाग का पता लगाया जा सकता है। इस स्थिति में कैंसर के इलाज में पूरे स्तन को निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। इस अवस्था में पता चलने वाले स्तन कैंसर के रोगियों का 90 से 95 प्रतिशत तक सफल इलाज हो सकता है। जब स्तन कैंसर का बाद की अवस्था (एडवांस्ड स्टेज) में पता चलता है, तो इसके इलाज के लिए पूरे स्तन को ऑपरेशन के जरिये निकालना पड़ता है।
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महानगरों व शहरों में रहने वाली औरतों में स्तन कैंसर के मामले अधिक देखे जाते हैं। भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर एक बड़ी और गंभीर बीमारी के रूप में उभरा है। आजकल 40 की उम्र के बाद बहुत सारी महिलाओं को इसका खतरा होता है। इससे बचने के लिए महिलाएं खुद हर महीने स्तन की जांच करें और देखें कि उसमें कोई गांठ तो नहीं है।
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