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क्या मोटापा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है? डॉक्टर से जानें दोनों में संबंध

महिलाओं में स्तन कैंसर एक आम बीमारी बन गई है। दुनियाभर करोड़ों महिलाएं इस बीमारी से जान गंवाती हैं। क्या मोटापा इसका कारण हो सकता है?
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क्या मोटापा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है? डॉक्टर से जानें दोनों में संबंध


Relationship Between Obesity and Breast Cancer: स्तन कैंसर, महिलाओं में होने वाली एक घातक बीमारी है। दुनियाभर में हर साल लाखों महिलाएं इस बीमारी से अपनी जान गंवा रही हैं। स्तन कैंसर कई कारणों से हो सकता है। यह जेनेटिक भी हो सकता है। यानी अगर मां को ब्रेस्ट कैंसर है, तो बेटी में इसके विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है। यह कैंसर तब होता है, जब स्तनों में कैंसर कोशिकाएं बढ़कर ट्यूमर बन जाती हैं। कई मामलों में ट्यूमर स्तन से शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी फैल जाता है। इसकी वजह से महिला की जान तक जा सकता है। वैसे तो स्तन कैंसर के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। लेकिन मोटापे को भी स्तन कैंसर यानी ब्रेस्ट कैंसर का एक मुख्य कारण माना गया है। लेकिन मोटापा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का कारण कैसे बनता है? आइए, फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं इस बारे में-

क्या मोटापा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है?- Does Obesity Cause Breast Cancer in Women in Hindi

NCBI के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से स्तन कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। कई अध्ययनों में मोटापे को इसका एक मुख्य कारण बताया गया है। खासकर, मोटापे से ग्रसित महिलाओं में मेनोपॉज के बाद स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम अधिक रहता है। 

अगर मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ता है, तो स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर आपका वजन वयस्कता से ही अधिक है, तो मेनोपॉज के बाद ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है। आपको बता दें कि मोटापे से ग्रसित 100 महिलाओं में से 9 को स्तन कैंसर का जोखिम अधिक हो सकता है। खासकर, तब अगर वे 50 या उससे अधिक उम्र की महिला है। ऐसे में मेनोपॉज के दौरान वजन कंट्रोल में रखने से कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

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मोटापे की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम क्यों बढ़ता है?

आपको बता दें कि महिलाओं में एस्ट्रोजन होता है, जो स्तन कैंसर को बढ़ाने का कारण बन सकता है। दरअसल, मेनोपॉज के बाद, अंडाशय एस्ट्रोन हार्मोन का उत्पादन बंद कर देता है। इससे महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। हालांकि, जिन महिलाओं का मेनोपॉज के दौरान वजन अधिक होता है, उन्हें एस्ट्रोजन का स्तर अधिक हो सकता है। एस्ट्रोजन का अधिक स्तर, स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह हार्मोन भी फैटी टिशू द्वारा बनाया जाता है। इसके अलावा, मेनोपॉज के दौरान अधिक वजन होने की वजह से कई अन्य हार्मोन के स्तर में भी बदलाव हो जाता है। इन्हीं बदलावों की वजह से महिलाओं के शरीर में स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है। अगर आप वजन को नियंत्रण में रखेंगी, तो इससे डायबिटीज, स्ट्रोक, हृदय रोग और डिमेंशिया का जोखिम भी कम होता है। 

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स्तन कैंसर से बचने के उपाय- Prevention Tips for Breast Cancer in Hindi

  • ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए। शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें। ये कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन करने से बचें। 
  • स्तन कैंसर से बचने के लिए अच्छी डाइट लेनी चाहिए। अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स जरूर शामिल करें।
  • स्तन कैंसर से बचने के लिए वजन को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी होता है।

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