Can Air Pollution Cause Lung Infection In Hindi: ये पंक्तियां लिखे जाने तक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 440 था। इसे खतरनाक स्तर माना जाता है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य कितनी तरह की बीमारियों के जोखिम से घिरा हुआ है। विशेषज्ञां की मानें, तो बढ़ते वायु प्रदूषण का सबसे बुरा असर उन लोगों पर पड़ता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है और जिन्हें अस्थमा या सांस संबंधी समस्याएं हैं। वहीं, फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां भी वायु प्रदूषण के कारण बढ़ जाती हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इस बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन भी हो सकता है? आइए, इस बारे में यथार्थ अस्पताल, नोएडा एक्सटेंशन में इंटरवेंशन पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के प्रमुख-पल्मोनोलॉजी डॉ.पुनीत गुप्ता और Zynova Shalby Hospital में Internal Medicine Expert डॉ. उर्वी माहेश्वरी से बात की है।
क्या वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन हो सकता है?- Can Air Pollution Cause Lung Infection In Hindi
वैसे तो लंग इंफेक्शन होने के कई कारण होते हैं, जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंगाई और एन्वायरमेंटल इर्रिटेंट। इसे विस्तार से समझें। किसी को बैक्टीरिया के कारण निमोनिया हो सकता है। यह लंग इंफेक्शन के कारण ही होता है। इसी तरह, वायरल निमोनिया भी हो सकता है, जो लंग इंफेक्शन होने पर देखा जाता है। हालांकि, वायरल निमोनिया, बैक्टीरियल निमोनिया की तरह खतरनाक नहीं है। कुछ मामलों में वायरल निमोनिया अपने आप ठीक हो जाता है। वहीं, कुछ गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। फंगाई भी लंग इंफेक्शन की वजह बन सकता है। बहरहाल, सवाल यह है कि क्या वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन हो सकता है? इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है, हां, यह सच है कि वायु प्रदूषण के कारण लंग इंफेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है। दरअसल, वायु प्रदूषण की वजह से हवा में ऐसे तत्व घुल जाते हैं, जो सांस लेने के जरिए लंग्स तक पहुंच सकते हैं। इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे गंभीर बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है। यही नहीं, वायु प्रदूषण में मौजूद पर्टिकुलेट मैटर के कारण लंग कैंसर का रिस्क भी बढ़ता है।’ ऐसे में बहुत जरूरी है कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है या जिन्हें लंग्स से जुड़ी समस्या है, वे वायु प्रदूषण में अपनी सेहत का ध्यान रखें। इसके अलावा, वायु प्रदूषण के संपर्क में जितना कम हो सके, उतना कम आएं।
वायु प्रदूषण के कारण हुए लंग इंफेक्शन के लक्षण
खांसीः खांसना सर्दी-जुकाम, लंग इंफेक्शन, अस्थमा आदि कई बीमारियों का कॉमन लक्षण है। इसके बावजूद, इसकी अनदेखी करना सही नहीं है। आप यह जरूर नोटिस करें कि अगर वायु प्रदूषण के बाद बढ़ने के बाद आपको खांसी की समस्या बढ़ी है, तो यह लंग इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है। इसकी अनदेखी करना सही नहीं है।
सांस लेने में तकलीफः अगर बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है या सांस लेते हुए सीटी की आवाज आ रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह फेफड़ों में संक्रमण की ओर इशारा करता है।
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छाती में भारीपनः कई बार आपने नोटिस किया होगा कि जिन लोगों को निमोनिया होता है, उन्हें अक्सर छाती में भारीपन रहता है। असल में, यह लंग इंफेक्शन का ही लक्षण है। छाती में भारीपन, टाइटनेस और जकड़न महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाएं।
सीने में दर्दः वैसे तो एसिडिटी आदि समस्याओं में सीने में दर्द की समस्या हो सकती है। लेकिन, अगर ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ-साथ सीने में दर्द भी हो, तो यह भी लंग इंफेक्शन के खतरे की ओर इशारा करता है। यही नहीं, कई बार खांसने या छींकने के दौरान सीने का दर्द बढ़ जाता है।
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बुखार आनाः लंग इंफेक्शन होने पर मरीज को बुखार के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। आपको बता दें कि बुखार का मतलब है कि आपका शरीर किसी बाहरी इंफेक्शन से लड़ने की कोशिश कर रहा है। जब आपके शरीर को अतिरिक्त किसी संक्रमण से लड़ने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, तब बुखार जैसा महसूस होता है।
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