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प्रदूषण के कारण दिल्ली में बढ़ रहे हैं साइलेंट निमोनिया के मामले, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

दिल्ली में वायु प्रदूषण और बदलते मौसम के कारण साइलेंट निमोनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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प्रदूषण के कारण दिल्ली में बढ़ रहे हैं साइलेंट निमोनिया के मामले, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके


राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली में 12 नवंबर की सुबह वायु गुणवत्ता 355 दर्ज की गई, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है। इतना ही नहीं दिल्ली के कुछ इलाकों में एक्यू 400 के पार जा चुका है। दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollutions) बढ़ने और सर्दियों की दस्तक के बीच साइलेंट निमोनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साइलेंट निमोनिया (What is silent pneumonia), साधारण निमोनिया से ज्यादा घातक साबित होता है।

साइलेंट निमोनिया में व्यक्ति को फेफड़ों से संबंधी परेशानी या बुखार तुरंत दिखाई नहीं देता है, बल्कि यह धीरे-धीरे बढ़ता है। ऐसे में साइलेंट निमोनिया के लक्षण और इस बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है, इसके बारे में जानना जरूरी है। इस लेख में, गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल के हेड पल्मोनोलॉजी डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर (Dr. Kuldeep Kumar Grover, Head, Pulmonology, CK Birla Hospital, Gurugram) से जानेंगे साइलेंट निमोनिया के बारे में।

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क्या है साइलेंट निमोनिया?- What is silent pneumonia?

डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर के अनुसार, साइलेंट निमोनिया, साधारण निमोनिया से ज्यादा गंभीर स्थिति है। इस बीमारी में व्यक्ति के फेफड़े प्रभावित होते हैं। जिस तरह से आम निमोनिया के लक्षण तुरंत नजर आ जाते हैं, लेकिन साइलेंट निमोनिया के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। इसे "साइलेंट निमोनिया" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य निमोनिया के जैसे स्पष्ट नहीं होते। इसलिए, इसका पता आसानी से लगा पाना मुश्किल हो जाता है।

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साइलेंट निमोनिया के लक्षण- Symptoms of silent pneumonia

साइलेंट निमोनिया के लक्षण सामान्य से गंभीर हो सकते हैं। इस बीमारी के लक्षण विभिन्न व्यक्तियों में अलग-अलग नजर आते हैं।

1. हल्की खांसी- साइलेंट निमोनिया में हल्की खांसी लगातार ही बनीं रहती है। इस तरह की खांसी न तो तेज होती है और न ही हल्की होती है, बस लगातार बनी रहती है।

2. थकान और कमजोरी- बिना काम किए थकान और शरीर में दर्द होना भी साइलेंट निमोनिया का एक आम लक्षण है।

3. सांस लेने में परेशानी- रोजमर्रा के काम करते समय सांस लेने में परेशानी महसूस होना।

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4. हल्का बुखार - बुखार बहुत अधिक नहीं होता, लेकिन लगातार हल्का बुखार बना रहना भी साइलेंट निमोनिया हो सकता है।

5. सीने में दर्द- सीने में हल्का दर्द या दबाव भी महसूस होता है।

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साइलेंट निमोनिया के कारण- Causes of silent pneumonia

डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर की मानें तो, किसी व्यक्ति को साइलेंट निमोनिया होने के कई कारण हो सकते हैं। इसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण, हवा में मिट्टी के कण और संक्रमण बैक्टीरिया से ज्यादा संपर्क बनाना है। जब कोई व्यक्ति प्रदूषित हवा में सांस लेता है, तो फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है और सांस लेने में परेशानी देखी जाती है।

साइलेंट निमोनिया से बचने के उपाय- Ways to avoid silent pneumonia

वायु प्रदूषण और बदलते मौसम में अगर आप साइलेंट निमोनिया से बचाव करना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए उपायों को अपना सकते हैं।

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1. मास्क का करें इस्तेमाल

दिल्ली की प्रदूषित हवा में बाहर निकलने से पहले मास्क का इस्तेमाल करें। मास्क से नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करें। इससे धूल और प्रदूषक कणों से बचाव होता है।

2. हाथों की सफाई का रखें ध्यान

संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। बाजार से घर आने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। खाना खाने से पहले भी हाथों की सफाई पर ध्यान न दें।

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3. इम्यूनिटी को बढ़ाएं

डॉक्टर के अनुसार, साइलेंट निमोनिया की समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसलिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल और सब्जियों को रोजाना की डाइट का हिस्सा बनाएं।

निष्कर्ष

साइलेंट निमोनिया धीरे-धीरे फेफड़ों को संक्रमित करता है। यही कारण है साइलेंट निमोनिया के लक्षण भी धीरे-धीरे ही नजर आते हैं। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जैसे क्षेत्र जहां पर वायु प्रदूषण ज्यादा है, वहां साइलेंट निमोनिया के मामले ज्यादा देखें जाते हैं, इसलिए इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दें।

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