Gynecological Cancer Types: गायनेकोलॉजिकल कैंसर उस कैंसर को कहा जाता है जो महिलाओं के रिप्रोडक्टिव आर्गन में होते हैं। यह कैंसर महिला जननांग प्रणाली के विभिन्न हिस्सों में विकसित हो सकता है, जिसमें गर्भाशय (यूट्रस), गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स), अंडाशय (ओवरीज), योनि (वजाइना), वल्वा (योनि के बाहरी हिस्से) और फैलोपियन ट्यूब शामिल हैं। गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता लगाने के लिए कई प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि पैप स्मीयर टेस्ट की मदद से किसी भी प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है। पैप स्मीयर टेस्ट एक सरल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का नमूना लिया जाता है। इन कोशिकाओं को लैब में माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर जांच की जाती है ताकि किसी भी असामान्य या पूर्व-कैंसर कोशिकाओं की पहचान की जा सके। यह टेस्ट महिलाओं के लिए नियमित जांच के रूप में किया जाता है, खासकर 21 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं के लिए, ताकि सर्वाइकल कैंसर को प्रारंभिक अवस्था में ही पहचाना जा सके और समय पर इलाज किया जा सके। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या पैप स्मीयर टेस्ट की मदद से सभी प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है या नहीं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल की वरिष्ठ गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ लिलि सिंह से बात की।
क्या पैप स्मीयर टेस्ट सभी प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता लगाता है?- Can Pap Smear Test Detect All Gynecological Cancer Types
नहीं, पैप स्मीयर टेस्ट सभी प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता नहीं लगा सकता। पैप स्मीयर टेस्ट एक प्रकार की जांच है जो मुख्य रूप से सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) और उससे जुड़े पूर्व-कैंसर का पता लगाने में सक्षम है, लेकिन यह अन्य गायनेकोलॉजिकल कैंसर, जैसे कि ओवेरियन (अंडाशय का कैंसर), यूटेरिन (गर्भाशय का कैंसर), वजाइनल (योनि का कैंसर)और वल्वर कैंसर (योनि के बाहरी हिस्से का कैंसर) का पता नहीं लगाता। इस टेस्ट का उद्देश्य गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में किसी भी प्रकार के असामान्य बदलावों को जल्दी से पकड़ना है, जो समय के साथ कैंसर में विकसित हो सकते हैं। हालांकि, यह टेस्ट सभी प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता नहीं लगा सकता।
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गायनेकोलॉजिकल कैंसर का पता कैसे लगाते हैं?- Gynecological Cancer Diagnosis
महिलाओं के रिप्रोडक्टिव आर्गन्स में होने वाले कैंसर को गायनेकोलॉजिकल कैंसर कहते हैं। सभी कैंसर की जांच अलग होती है-
1. सर्वाइकल कैंसर- Cervical Cancer
सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट, एचपीवी टेस्ट, कोल्पोस्कोपी, बायोप्सी आदि टेस्ट किए जाते हैं।
2. ओवेरियन कैंसर- Ovarian Cancer
ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के लिए पेल्विक एग्जामिनेशन, ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड, सीए-125 ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन और एमआरआई आदि टेस्ट किए जाते हैं।
3. यूटेरिन कैंसर- Uterine Cancer
यूटेरिन कैंसर का पता लगाने के लिए एंडोमेट्रियल बायोप्सी, ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड, हिस्ट्रोस्कोपी जैसे टेस्ट किए जाते हैं।
4. वल्वर कैंसर- Vulvar Cancer
वल्वर कैंसर का पता लगाने के लिए पेल्विक एग्जामिनेशन, कोल्पोस्कोपी, बायोप्सी की जाती है।
5. वजाइनल कैंसर- Vaginal Cancer
वजाइनल कैंसर का पता लगाने के लिए पेल्विक एग्जामिनेशन, पैप स्मीयर टेस्ट, बायोप्सी आदि जांचें की जाती है।
6. फैलोपियन ट्यूब कैंसर- Fallopian Tube Cancer
फैलोपियन ट्यूब कैंसर का पता लगाने के लिए पेल्विक एग्जामिनेशन, ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीए-125 ब्लड टेस्ट आदि किए जाते हैं।
कैंसर के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जिसका इलाज समय पर किया जाना चाहिए।
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