Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्तनों की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है। सामान्य रूप से हमारे शरीर की कोशिकाएं बढ़ती या मरती हैं, लेकिन जब यह प्रक्रिया असामान्य हो जाती है, तो कोशिकाएं अधिक मात्रा में बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर स्तनों में गाठों या उभार के रूप में दिखाई देता है, लेकिन इसके अलावा यह कई अन्य लक्षण भी पैदा कर सकता है जैसे स्तन में दर्द, त्वचा में बदलाव, या निप्पल से स्राव (दूध या रक्त)। ब्रेस्ट कैंसर कभी-कभी स्तन के आसपास के टिशूज या लिम्फ नोड्स में भी फैल सकता है, जिससे बीमारी का इलाज और भी मुश्किल हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले कई कारक होते हैं, जैसे उम्र, परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास, हार्मोनल असंतुलन और जीवनशैली से जुड़ी खराब आदतें जैसे धूम्रपान और अस्वस्थ आहार। हालांकि, समय पर जांच और स्क्रीनिंग से इस बीमारी को जल्दी पकड़ा जा सकता है, जिससे इलाज के ज्यादा बेहतर परिणाम मिलते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के कारण शरीर और मन पर गहरा असर होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्रेस्ट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी, शरीर और मन पर क्या असर डालती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ लिलि सिंह से बात की।
ब्रेस्ट कैंसर के शारीरिक प्रभाव- Physical Impact of Breast Cancer
- ब्रेस्ट कैंसर और उसके इलाज जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी से शारीरिक थकान हो सकती है। यह थकान कई बार लंबे समय तक बनी रहती है और सामान्य दिनचर्या को भी प्रभावित कर सकती है।
- कीमोथेरेपी का एक आम साइड इफेक्ट बालों का झड़ना है। यह बालों के साथ-साथ आईब्रो और पलकें पर भी असर डाल सकता है। बालों का झड़ना अस्थायी होता है और इलाज पूरा होने के बाद बाल वापस उग सकते हैं।
- रेडिएशन थेरेपी से स्किन पर जलन, खुजली और लालिमा हो सकती है। कुछ मामलों में, स्किन पर स्थायी बदलाव भी हो सकते हैं, जैसे कि रंग में बदलाव या निशान पड़ना आदि।
- ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान और बाद में शारीरिक दर्द महसूस हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर में सर्जरी से जुड़े दर्द, रेडिएशन से होने वाला जलन और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स के कारण दर्द होता है।
- ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में हार्मोन थेरेपी शामिल हो सकती है, जो शरीर में हार्मोन के स्तर को बदल सकती है। इससे हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स और हड्डियों के कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- कीमोथेरेपी और अन्य दवाओं के कारण भूख कम हो सकती है, मुंह का स्वाद बदल सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं जैसे उल्टी, दस्त, या कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इसे भी पढ़ें- ब्रेस्ट कैंसर कितने प्रकार के होते हैं? जानें इनके लक्षणों के बारे में
ब्रेस्ट कैंसर के मानसिक प्रभाव- Mental Impact of Breast Cancer
- ब्रेस्ट कैंसर होने पर व्यक्ति में तनाव और चिंता नजर आ सकती है। इलाज की प्रक्रिया, जैसे कि सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी आदि के बारे में सोचकर भी व्यक्ति चिंतित हो सकता है।
- कई लोग ब्रेस्ट कैंसर के कारण अवसाद का अनुभव करते हैं। बीमारी और इलाज के दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव, जैसे बालों का झड़ना या सर्जरी के निशान, व्यक्ति की आत्म-छवि और आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकते हैं।
- ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद शारीरिक बदलाव आत्मसम्मान को प्रभावित कर सकते हैं। व्यक्ति अपने शरीर के प्रति असंतोष महसूस कर सकता है, जिससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- इलाज के दौरान या बाद में थकान और नींद की समस्याएं आम होती हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित कर सकती हैं।
- ब्रेस्ट कैंसर से जूझने वाले व्यक्ति के लिए परिवार और दोस्तों का साथ जरूरी होता है। इस साथ की कमी होने पर व्यक्ति और ज्यादा तनाव और उदासी का एहसास होता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय- Breast Cancer Prevention Tips
- ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार को खाने में अहमियत दें। तली-भुनी और प्रोसेस्ड फूड्स को खाने से बचें।
- नियमित व्यायाम, जैसे योग, चलना, साइक्लिंग, या अन्य एक्सरसाइज करने से शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है।
- ज्यादा वजन के कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, खासकर मेनोपॉज के बाद। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए हेल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज करें।
- शराब का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसे पूरी तरह से छोड़ना ही बेहतर है।
- धूम्रपान से कैंसर का खतरा बढ़ता है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर भी शामिल है।
- नियमित रूप से मैमोग्राम और ब्रेस्ट का सेल्फ-एग्जामिनेशन करवाएं। इससे कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है।
- मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों की मदद लें।
- अगर आपके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर खास सावधानियां बरतें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।