How times in a year should women get scans for cancer: भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के लिए कैंसर चिंता का विषय बनता जा रहा है। इन दिनों जितनी तेजी से आधुनिक लाइफस्टाइल बढ़ रही है, कैंसर के मरीजों का ग्राफ भी उतनी ही तेजी से ऊपर जा रहा है। बीते कुछ साल में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कैंसर (Women Cancer Risk in India) के ज्यादा मामले देखे गए हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, साल 2022 में भारत में 14,13, 316 कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में 7,22,138 कैंसर के केस महिलाओं से जुड़े हुए थे। भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए जाते हैं। महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखकर हर महिला के लिए समय-समय पर कैंसर स्क्रीनिंग जरूरी है।
इसलिए, यह जानना बेहद जरूरी है कि महिलाओं को साल में कितनी बार कैंसर स्कैन करवाना चाहिए। इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पूजा बब्बर से बात की।
1. स्तन कैंसर - Breast Cancer
आंकड़ों की मानें, तो भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है। हर साल 170,000 से ज़्यादा नए ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने दर्ज किए जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के सीने में गांठ महसूस होती है, जो वक्त के साथ बड़ी होती जाती है। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है मैमोग्राफी का। डॉ. पूजा बब्बर का कहना है कि 40 से 44 आयु की महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए साल में एक बार मैमोग्राफी करवा सकती हैं। वहीं, 50 साल के बाद ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए साल में दो बार मैमोग्राफी करवानी पड़ सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो, जिन महिलाओं की फैमिली में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री या जेनेटिक म्यूटेशन (BRCA1 या BRCA2) रहा है, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ये टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।
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2. गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर- Cervical Cancer in Women
सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा आम कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए पॅप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी (HPV) टेस्ट किए जाते हैं। सर्वाइकल कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए 21 से 29 साल की महिलाओं को हर 3 साल में एक बार पॅप स्मीयर टेस्ट करना चाहिए। वहीं, 30 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को हर पांच साल में 1 बार पॅप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। डॉ. पूजा बब्बर के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर कम उम्र में भी सामने आ सकता है। इससे बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनडॉक्टर की सलाह पर जरूर लगवाएं।
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3.ओवरी कैंसर -Ovarian Cancer in Women
ओवरी का कैंसर का पता लगाने के लिए वर्तमान में कोई सुनिश्चित मेडिकल टेस्ट मौजूद नहीं है। लेकिन किसी महिला के परिवार में ओवरी कैंसर की हिस्ट्री रही है, तो उन्हें समय-समय पर अल्ट्रासाउंट और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
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डॉक्टर का कहना है कि ये मेडिकल टेस्ट कैंसर सेल्स का सही समय पर पता लगाने में मदद करते हैं। इससे इलाज सही समय पर शुरू करके मरीज की जान बचाई जा सकती है। अगर आप कैंसर का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट करवाने से डर रहे हैं, तो अब वक्त है इसे निकालकर आगे बढ़ने का। क्योंकि सही समय पर जांच करवा कर एक महिला सिर्फ खुद की जिंदगी नहीं बचा सकती है, बल्कि परिवार और समाज को भी आगे बढ़ाने मे मदद कर सकती है।