Common Blood Tests For Mother In Hindi: कल मदर्स डे है। हर संतान चाहती है कि वह अपनी मां के लिए इस दिन को खास बना दे। कई बच्चे अपनी मां को सुंदर-सुंदर उपहार देते हैं, तो कोई अपनी मां को शानदार ट्रिप गिफ्ट करता है। इस मदर्स डे आप चाहें, तो अपनी मां बेहतर हेल्थ गिफ्ट कर सकते हैं। ध्यान रखें कि एक परिवार के स्वास्थ्य की पूरी जिम्मेदारी मां पर होती है। वह अपने परिवार के खानपान से लेकर सेहत का पूरा ध्यान रखती हैं। इस मदर्स डे आप उन्हें हेल्थ चेकअप के लिए ले जाएं। यहां हम आपको कुछ ऐसे जरूरी टेस्ट्स के बारे में बताएंगे, जो हर मां और सभी महिला को करवाने चाहिए। इससे कई बीमारियों से समय रहते बचा जा सकता है और समय पर ट्रीटमेंट भी शुरू करवाया जा सकता है। इन टेस्ट की मदद से हर मां की हार्ट हेल्थ से लेकर हार्मोनल लेवल तक संतुलित रहने में मदद मिलेगी। इस बारे में हमने फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल में Consultant- Obstetrics & Gynaecology डॉ. हिना शेख और Neuberg Ajay Shah Laboratory के लैब प्रमुख अजय शाह से बात की।
हर मां के लिए किए जाने वाले जरूरी टेस्ट- Blood Tests For Every Mother In Hindi
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हार्ट हेल्थ टेस्ट
आपने हाल के सालों में देखा होगा कि बहुत से युवा, जो फिट दिखते हैं, पर अचानक आए हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। इसका मतलब है कि हार्ट का हेल्दी रहना बहुत जरूरी है। हार्ट स्वस्थ है तो आप भी स्वस्थ होंगे। उसे स्वास्थ्य का केंद्र माना जाता है। लिपिड पैनल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जांच करता है। हाई कोलेस्ट्रॉल हार्ट से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक के रिस्क को बढ़ा सकता है। यदि आपके परिवार में हृदय संबंधी समस्याओं का इतिहास रहा है, मां का वजन अधिक है, या उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो यह टेस्ट और भी जरूरी हो जाता है।
ब्लड शुगर टेस्ट
यह टेस्ट ब्लड शुगर के स्तर की जांच करने के लिया किया जाता है। इससे डायबिटीज और प्रीडायबिटीज का पता लगाने में भी मदद मिलती है। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हो जाता है। ऐसी महिलाओं को शिशु के जन्म के बाद भी अपने ब्लड शुगर के स्तर की समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।
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थायराइड फंक्शन टेस्ट
थायराइड फंक्शन टेस्ट भी मांओं के लिए एक जरूरी टेस्ट है। आपको बता दें कि थायराइड एक छोटा सा ग्लैंड है, जो ऊर्जा, मूड और मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है। थायराइड फंक्शन टेस्ट टीएसएच, टी3 और टी4 जैसे हार्मोन की जांच की होती है। अगर आपकी मां को बहुत ज्यादा थकान बनी रहती है, तेजी से वजन घटा या बढ़ रहा है, तो यह सही संकेत नहीं है। ऐसा थायराइड की वजह से हो सकता है। इसकी पुष्टि के लिए थायराइड फंक्शन टेस्ट करवाएं।
हार्मोन लेवल टेस्ट
हार्मोन टेस्ट एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर की जांच की जाती है। ये हार्मोन मूड, एनर्जी को प्रभावित करते हैं। साथ ही अच्छी नींद और पीरियड साइकिल को बैलेंस करने के लिए भी हार्मोन का संतुलन होना जरूरी है। अगर महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है, उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है। इसकी जांच के लिए हार्मोनल लेवल टेस्ट किया जाता है।
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विटामिन और आयरन टेस्ट
हमारे यहां कई मांओं को इसलिए थकान और कमजोरी बनी रहती है क्योंकि वे अपने पोषण का पूरा ध्यान नहीं रखती हैं। ऐसे में उनके शरीर में आयरन, विटामिन डी या विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। आपकी मां को इस तरह की दिक्कतें हों, तो जल्द से जल्द विटामिन और आयरन टैस्ट करवाएं। इससे विटामिन और आयरन के स्तर की जांच होती है। इस तरह की समस्या की पुष्टि होने पर डॉक्टर सप्लीमेंट दे सकते हैं।
कंप्लीट ब्लड काउंट
कंप्लीट ब्लड काउंट यानी सीबीसी टेस्ट महिला के ओवर ऑल हेल्थ की सटीक जानकारी देने के लिए आवश्यक होता है। इस टेस्ट की मदद से संक्रमण, एनीमिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाया जाता है। यह बहुत ही आम टेस्ट्स में से एक है। हर मां की नियमित रूप से सीबीसी टेस्ट होना चाहिए।
FAQ
महिलाओं के लिए कौन-कौन से टेस्ट होते हैं?
महिलाओं के लिए कई तरह के टेस्ट जरूरी होते हैं, जैसे सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग ह्यूमन पैपिलोमा वायरस टेस्ट, स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी आदि। हर महिला को अपनी उम्र के हिसाब से रेगुलर चेकअप करवाना चाहिए और किसी बीमारी के होने को जोखिम हो, तो संबंधित टेस्ट करवाए जाते हैं।ब्लड टेस्ट के लिए कौन सा टेस्ट होता है?
ओवर ऑल हेल्थ की जांच के लिए महिलाओं में कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट खून में अलग-अलग सेल के लेवल को नापता है। इस टेस्ट में रेड ब्लड सेल, व्हाइट ब्लड सेल, हिमोग्लोबिन और प्लेटलेट शामिल हैं।महिला हार्मोन टेस्ट क्या है?
हार्मोनल टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि महिला के शरीर में किसी तरह का हार्मोनल इंबैलेंस तो नहीं है। हार्मोनल इंबैलेंस टेस्ट की मदद से इंफर्टिलिटी, मेनोपॉज, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और कुछ प्रकार के ट्यूमर के बारे में पता लगाया जाता है। इन टेस्ट की मदद से महिला का इलाज समय पर शुरू किया जा सकता है।