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World Malaria Day 2025: क्या है Feverless Malaria? डॉक्टर से जानें इसके कारण

Feverless Malaria Causes In Hindi: फीवरलेस मलेरिया होने पर मरीज को बुखार नहीं होता है। लेकि, ऐसा क्यां होता है और इसके क्या कारण हैं? जानें, डॉक्टर से-
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World Malaria Day 2025: क्या है Feverless Malaria? डॉक्टर से जानें इसके कारण


Feverless Malaria In Hindi: मलेरिया के बारे में बात करते ही हमारे दिमाग में एक ऐसी बीमारी आती है, जो मच्छरों के काटने के कारण फैलती है। विशेषज्ञों की मानें, तो मलेरिया परजीवी के कारण होने वाली बीमारी है। संक्रमित मच्छरों के काटने की वजह से यह बीमारी एक से दूसरे इंसान को हो सकती है। जब किसी को मलेरिया हो जाता है, तो बुखार, कंपकंपी, ठंड लगने जैसे कई लक्षण नजर आने लगते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि फीवरलेस मलेरिया भी होता है। यह मलेरिया का एक ही प्रकार है। मगर यह सामान्य मलेरिया से कैसे अलग होता है? इस बारे में Gr. Noida West स्थित सर्वोदय अस्पताल में Consultant - Internal Medicine डॉ. पंकज रेलन से बात की।

क्या है फीवरलेस मलेरिया- What Is Feverless Malaria In Hindi

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फीवरलेस मलेरिया भी एक तरह का मलेरिया ही होता है। लेकिन, फीवरलेस मलेरिया होने पर मरीज को सामान्य मलेरिया की तरह बुखार नहीं होता है। हालांकि, फीवरलेस मलेरिया में मरीज को अन्य लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, फीवरलेस मलेरिया क्यां होता है, यह स्पष्ट नहीं है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमित करने वाले पैरासाइट या मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली में होने वाले बदलाव इस समस्या का मुख्य कारक बन सकता है। लेकिन, आपको बता दें कि फीवरलेस मलेरिया कम लोगों को ही होता है। आमतौर पर ज्यादातर लोगों को मलेरिया होने पर बुखार के साथ-साथ कंपकंपी और ठंड लगती है।

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फीवरलेस बुखार होने के कारण- Causes Of Feverless Malaria In Hindi

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पार्शियल इम्यूनिटीः जो लोग ऐसी जगहों पर रहते हैं, जहां मलेरिया के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। इन लोगों की इम्यूनिटी इस तरह विकसित हो चुकी है, तो मलेरिया होने के बावजूद उन्हें बुखार का अनुभव नहीं होता है। 

अंतर्निहित परिस्थितियांः कई बार उन लोगों को भी फीवरलेस मलेरिया हो सकता है, जिन्हें पहले मलेरिया हो चुका है। वहीं, कुछ अन्य मेडिकल कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे इम्यूनोसप्रेशन। आपको बता दें कि इम्यूनोसप्रेशन का मतलब प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता का कमजोर होना होता है।

मलेरिया पैरासाइट का म्यूटेशनः कुछ एक्सपर्ट्स सुझाव देते हैं कि फीवरलेस मलेरिया का संबंध मलेरिया पैरासाइट के म्यूटेशन पर भी निर्भर करता है।

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फीवरेलस मलेरिया के लक्षण

फीवरलेस मलेरिया हो या सामान्य मलेरिया हो, दोनों के लगभग एक ही तरह के लक्षण होते हैं जैसे-

  1. बुखार
  2. कमजोरी
  3. थकान
  4. ब्लड प्रेशर का गिरना
  5. दिल की धड़कनों का अनियमित होना

फीवरलेस मलेरिया का इलाज

चूंकि, फीवरलेस मलेरिया में लोगों को बुखार नहीं होता है, इसलिए इसका इलाज समय पर करना संभव नहीं हो पाता है। हालांकि, अन्य लक्षण दोनों ही स्थितियों में एक जैसे नजर आते हैं। इसलिए, इनका इलाज एक जैसा ही होता है। अगर बुखार के अलावा, मलेरिया के अन्य लक्षण नजर आए, तब भी आप अपनी जांच करवाएं। ब्लड टस्ट फीवरलेस मलेरिया की पुष्टि के लिए सबसे सही विकल्प है। इसके बाद, डॉक्टर द्वारा प्रॉपर ट्रीटमेंट लें। वे आपको जरूरी दवाएं देंगे और पर्याप्त रेस्ट करने की सलाह देंगे।

All Image Credit: Freepik

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