Can Anemia Be Treated: एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की संख्या या यूं कहें कि हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। इस स्थिति में खून की शरीर के अंगों और टिशूज तक ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एनीमिया की समस्या बहुत आम होती है, लेकिन लोगों को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसकी वजह से व्यक्ति को कई तरह की छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या एनीमिया की समस्या को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. निक्की यादव, सलाहकार - प्रसूति स्त्री रोग विशेषज्ञ और उन्नत, गायनी लेप्रोस्कोपिक सर्जन, मेट्रो अस्पताल, नोएडा (Dr. Nikky Yadav, Consultant - Obstetrician Gynecologist & Advanced, Gynae Laparoscopic Surgeon, Metro Hospital, Noida) से विस्तार में जान लेते हैं।
क्या एनीमिया का इलाज संभव है?- Is Anemia Curable
जैसा हमने आपको बताया कि एनीमिया (Anemia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की संख्या या उनमें मौजूद हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। हालांकि, यहां खुशी की बात यह है कि अधिकांश प्रकार के एनीमिया का इलाज संभव है। बशर्ते इस बीमारी के पीछे के सही कारण की पहचान हो जाए और सही समय पर उपचार शुरू किया जाए।
डॉक्टर के रूप में हम सबसे पहले यह समझने की कोशिश करते हैं कि एनीमिया का कारण क्या है, क्योंकि हर प्रकार के एनीमिया का इलाज अलग होता है। आमतौर पर एनीमिया के मुख्य कारणों में शामिल हैं:
आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia)
यह एनीमिया का सबसे सामान्य प्रकार है, जो पोषण की कमी, पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग, या पेट में ब्लीडिंग से होता है। अगर इसके इलाज की बात करें, तो व्यक्ति को आयरन सप्लीमेंट्स, आयरन युक्त भोजन (हरी सब्जियां, अनार, गुड़, अंडा, मांस) और गंभीर मामलों में आयरन इंजेक्शन या ब्लड चढ़ाने जैसी जरूरत पड़ सकती है।
विटामिन- B12 या फोलिक एसिड की कमी (Vitamin-B12 or Folic Acid Deficiency)
यह स्थिति शाकाहारी व्यक्तियों या खराब आंतों के अब्सॉर्प्शन के कारण हो सकती है। इसके इलाज के लिए विटामिन-B12 के इंजेक्शन या टेबलेट, साथ ही फोलिक एसिड सप्लीमेंट का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
क्रॉनिक डिजीज एनीमिया (Anemia of Chronic Disease)
कई लोग क्रोनिक बीमारियों जैसे किडनी की बीमारी, कैंसर या ऑटोइम्यून रोगों का सामना कर रहे होते हैं। उनमें भी खून की कमी की समस्या हो सकती है। अगर इसके इलाज की बात करें, तो व्यक्ति को Erythropoietin इंजेक्शन (किडनी मरीजों में) और पोषण में सुधार करने की सलाह दी जाती है।
अप्लास्टिक एनीमिया या थैलेसीमिया जैसे जेनेटिक एनीमिया (Genetic Anemia Like Aplastic Anemia or Thalassemia)
इन मामलों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट या बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत हो सकती है। इसका इलाज ज्यादा जटिल होता है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी में लंबे समय तक कंट्रोल किया जा सकता है।
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सही डायग्नोसिस है बचाव की पहली सीढ़ी
ध्यान रखें कि किसी भी इलाज की शुरुआत सही जांच से होती है। एक साधारण CBC (Complete Blood Count), हीमोग्लोबिन का स्तर, रेटिकुलोसाइट काउंट, आयरन प्रोफाइल, विटामिन-B12 और फोलिक एसिड टेस्ट कराना जरूरी होता है। इसके अलावा, कई मामलों में बोन मैरो टेस्ट से भी एनीमिया के कारण स्पष्ट हो सकते हैं।
लाइफस्टाइल और पोषण में सुधार
बता दें कि एनीमिया का इलाज केवल दवाइयों से नहीं होता है। इसके लिए मरीज को संतुलित आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना, तनाव से दूर रहना और नियमित जांच करवाना भी जरूरी होता है। महिलाओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि ये समूह एनीमिया के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होता है।
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कुल मिलाकर, आप डॉक्टर की सलाह लेकर इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। इस स्थिति से बचाव के लिए आप लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव कर सकते हैं। अगर आप हेल्दी आदतों को फॉलो करेंगे, तो खून की कमी जैसी आम दिखने वाली गंभीर समस्या का सामना आपको नहीं करना होगा।