Why is Iron Deficiency Anemia More Common in Women : आजकल लोग शरीर में हो रही पोषक-तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए कई तरह के सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं। इनमें सबसे आम सप्लीमेंट आयरन का है। लोगों में आयरन की कमी के चलते एनीमिया की समस्या या आसान शब्दों में कहें, तो एनीमिया के कारण खून की कमी का सामना करते हैं। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि खून की कमी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि महिलाओं में खून की कमी ज्यादा क्यों होती है? अगर आपके मन में भी यह सवाल है, तो आइए इसका जवाब हम डॉ. निक्की यादव, सलाहकार - प्रसूति स्त्री रोग विशेषज्ञ और उन्नत, गायनी लेप्रोस्कोपिक सर्जन, मेट्रो अस्पताल, नोएडा (Dr. Nikky Yadav, Consultant - Obstetrician Gynecologist & Advanced, Gynae Laparoscopic Surgeon, Metro Hospital, Noida) से जान लेते हैं।
महिलाओं में आयरन की कमी से एनीमिया ज्यादा क्यों होता है?- Why is Iron Deficiency Anemia More Common in Women
आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia - IDA) दुनिया भर में सबसे आम प्रकार का एनीमिया है। यह महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा पाया जाता है, विशेष रूप से प्रजनन आयु की महिलाओं में ये बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके पीछे कई जैविक, सामाजिक और जीवनशैली से जुड़े कारण होते हैं। आइए इन कारणों के बारे में जानते हैं:
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पीरियड्स से होने वाला खून का नुकसान
महिलाओं में हर महीने पीरियड्स के दौरान 30-40 मिलीलीटर खून की हानि होती है। ऐसे में लगभग 15-20 मिलीग्राम आयरन शरीर से निकल जाता है। वहीं, अगर किसी महिला को ज्यादा ब्लीडिंग (Menorrhagia) होती है, तो यह हानि ज्यादा भी हो सकती है। ऐसे में अगर भोजन में पर्याप्त मात्रा में आयरन न लिया जाए, तो धीरे-धीरे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।
गर्भावस्था और प्रसव के बाद की स्थिति
गर्भावस्था के दौरान शरीर को ज्यादा आयरन की आवश्यकता होती है, क्योंकि भ्रूण को विकास के लिए और मां के खून की मात्रा बढ़ाने के लिए आयरन जरूरी होता है। अगर महिला पहले से ही आयरन की कमी से जूझ रही हो या आयरन सप्लीमेंट न ले रही हो, तो एनीमिया हो सकता है। प्रसव (Delivery) के दौरान भी खून की हानि होती है।
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आहार संबंधी आदतें
डाइट में आयरन युक्त भोजन की कमी के कारण भी यह समस्या हो सकती है। खासकर जब भोजन में मांस, मछली या अंडे शामिल न हों। इस स्थिति में आयरन की कमी हो सकती है।
क्रोनिक बीमारियां और संक्रमण
एंडोमेट्रिओसिस, यूटेराइन फाइब्रॉइड्स जैसी बीमारियों की वजह से भी महिलाओं में खून की कमी हो सकती है। साथ ही, कुछ पेट की बीमारियां, जैसे सीलिएक रोग या इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज आयरन के अब्सॉर्प्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
किशोर लड़कियों में हो सकती है ये समस्या
किशोरावस्था में जब पीरियड्स शुरू होते हैं, उस समय शरीर को ग्रोथ के लिए आयरन की जरूरत होती है। अगर बॉडी को सही पोषण न मिले, तो एनीमिया की समस्या हो सकती है।
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बता दें कि महिलाओं को थकान, चक्कर आना, चेहरे पर पीलापन, सांस फूलना जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। एक साधारण ब्लड टेस्ट से ही एनीमिया की पहचान हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आपको समय पर आयरन सप्लीमेंट, खानपान में सुधार और जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन या ब्लड ट्रांसफ्यूजन की मदद लेनी पड़ सकती है। ऐसे में आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।