Malaria Patient Care In Hindi: मलेरिया बुखार जानलेवा है। हालांकि, शुरुआती दिनों में मलेरिया के लक्षण बिल्कुल सामान्य बुखार की तरह नजर आते हैं। जैसे ठंड लगना, सिरदर्द, थकान आदि। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि मलेरिया का इलाज जितनी जल्दी शुरू किया जाता है, मरीज के स्वस्थ होने की संभावना भी उतनी बेहतर होती है। इसलिए, अगर जरा भी अंदेशा हो कि किसी को मलेरिया हो गया है, तो उन्हें तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए। अगर घर के किसी सदस्य को मलेरिया हो गया है, तो बहुत जरूरी है कि उसकी सही केयर की जाए। सही देखभाल व्यक्ति को मलेरिया से जल्द से जल्द रिकवर होने में मदद करती है। इस बारे में Gr. Noida West स्थित सर्वोदय अस्पताल में Consultant - Internal Medicine डॉ. पंकज रेलन से बात की।
मलेरिया में देखभाल कैसे करें?- How To Take Care Of Malaria Patient In Hindi
ले जाएं डॉक्टर के पास
अगर कई दिनों तक बुखार बना हुआ है। बुखार की दवा लेने के बावजूद स्वास्थ्य खराब रहता है, थकान, कमजोरी और कंपकंपनी छूट रही है, तो इन लक्षणों की अनदेखी न करें। मरीज को जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं और मलेरिया की जांच करवाएं। मलेरिया की जांच के लिए कुछ प्राइमरी टेस्ट किए जाते हैं। इसमें ब्लड स्मियर माइक्रोस्कॉपी और रेपिड डायग्नॉस्टिक टेस्ट शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य जरूरी टेस्ट भी करवाए जाते हैं। डॉक्टर मरीज की स्थिति देखते हुए अन्य जांचों का परामर्श देते हैं।
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जल्द से जल्द ट्रीटमेंट शुरू करवाएं
अगर आपको पता चल गया है कि किसी करीबी को मलेरिया हो गया है, तो जांच करवाने में देरी न करें। ध्यान रखें कि ट्रीटमेंट जितनी देरी से शुरू होगा, मरीज की स्थिति उतनी गंभीर होती चली जाएगी। यहां तक कि कुछ गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। हालांकि, समय रहते इलाज किया जाए, तो मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
लक्षणों पर ध्यान दें
मलेरिया से निपटने के लिए आवश्यक है कि उसके लक्षणों को नियंत्रित किया जाए। ऐसा कैसे कर सकते हैं? इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर मरीज को दवा दें। इसके अलावा, बुखार है, तो उसे कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवा मरीज को देना न भूलें। यही नहीं, मलेरिया के लक्षणों को कम करने के लिए मरीज के लिए पर्याप्त रेस्ट करना भी जरूरी है। उन्हें अच्छी नींद लेने को कहें और किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी से दूर रहने की सलाह दें। वहीं, उन्हें मलेरिया होने पर हाइड्रेट रहने के लिए भी कहा जाता है। इसलिए, मरीज को समय-समय पर पानी जरूर पिलाएं।
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डाइट का रखें ध्यान
मलेरिया के मरीज बहुत कमजोर हो जाते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि मलेरिया आंतों को भी प्रभावित करता है। ऐसे में जरूरी है कि मलेरिया के मरीज की डाइट पर अच्छी नजर रखी जाए। उन्हें हेल्दी सब्जियां खाने को दें। इससे उनकी इम्यूनिटी पर अच्छा असर पड़ता है और मलेरिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। यही नहीं, मलेरिया के मरीजों को कैफीन, प्रोसेस्ड फूड और शुगरी युक्त पेय पदार्थों से दूर रहने की सलाह दें।
मच्छरों से बचें
मलेरिया, मादा मच्छर एनोफिलीज के कांटने से होने वाली बीमारी है। इसका मतलब है कि मलेरिया के मरीज के आसपास साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। मच्छरों से बचने के लिए मस्किटो रेप्लेंट यूज करें, पूरे बाजू के कपड़े पहनें और आसपास गंदगदी जमा न होने दें। ध्यान रखें कि गंदी जगहों पर मच्छर तेजी से फैलने लगते हैं। इससे मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी का रिस्क भी बढ़ता है। इसके अलावा, रात को सोने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।
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