World Malaria Day 2025: हालांकि मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए दुनियाभर की एजेंसियों लगातार काम कर रही हैं, इसके बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, साल 2023 में 83 देशों में 26 करोड़ से ज्यादा लोग मलेरिया की चपेट में आ गए थे। अगर समय पर मलेरिया का इलाज मिल जाए, तो इस बीमारी को रोका जा सकता है, लेकिन देरी होने पर यह जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए जब भी आप मलेरिया प्रभावित इलाके में जाए, तो कुछ खास बातों का ध्यान रखकर बीमारी से बच सकते हैं। वर्ल्ड मलेरिया डे (World Malaria Day) के मौके पर हमने मुम्बई के होली फैमिली अस्पताल के जनरल मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. सनाह मर्चेंट (Dr. Sanah Merchant, Consultant General Medicine at Holy Family Hospital, Mumbai) से बात की और जाना कि अगर कोई ऐसी जगह पर जा रहा हो, तो उसे क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
मलेरिया के लक्षणों को जानें - Symptoms of Malaria in Hindi
कहीं भी मलेरिया प्रभावित इलाके में जाने से पहले, मलेरिया के लक्षणों की पहचान होना बहुत महत्वपूर्ण है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया फैलाने वाले मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें शुरुआती लक्षण सिरदर्द, बुखार और ठंडा लगना है। लेकिन जब बीमारी गंभीर हो जाती है, तब ये लक्षण नजर आते हैं।
- बहुत ज्यादा थकान लगना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- पेशाब का रंग गहरा होना या खून आना
- पीलिया होना
- शरीर में अकड़न महसूस होना
- असामान्य रक्तस्त्राव होना
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मलेरिया प्रभावित इलाके में सावधानियां जरूरी - Precautions While Travelling Malaria Affected Areas
1. डॉक्टर से सलाह लेकर एंटी-मलेरिया दवाइयां रखें
डॉ. सनाह मर्चेंट कहती हैं, “मलेरिया प्रभावित जगह पर जाने से पहले डॉक्टर से मिलें और उनकी सलाह जरूर लें। डॉक्टर उस खास जगह और आपकी मेडिकल हिस्ट्री चेक करने के बाद आपको एंटी-मलेरिया दवाइयां देते हैं। इन दवाओं को सफर शुरू करने से कुछ दिन पहले, ट्रैवल करते समय और लौटने के बाद भी लेना जरूरी होता है। इससे शरीर में मलेरिया के परजीवियों को पनपने से रोका जा सकता है।”
2. सफर के दौरान मच्छरों को भगाने के लिए रिप्लटेंट इस्तेमाल करें
डॉ. सनाह के अनुसार, जिन रिपेलेंट्स में DEET का कन्संट्रेशन 20-30 प्रतिशत, पिकारिडिन या IR3535 होता है, उनका पूरे शरीर पर इस्तेमाल करना चाहिए। इससे मच्छर दूर रहते हैं और मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से भी बचा सकता है। आप स्विमिंग, नहाने, पसीने आने पर, कसरत और बारिश में भीगने के बाद रिपेलेंट दोबारा लगाना जरूरी होता है ताकि उसका असर बना रहे।
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3. पूरे कपड़े पहनें
डॉ. मर्चेंट कहती हैं कि अगर आप मलेरिया प्रभावित इलाके में हैं, तो शरीर को ढकने वाले पूरे कपड़े पहनना जरूरी है। साथ ही पैरों में जुराबें जरूर पहनकर रखें। खासतौर पर शाम और रात के समय, जब मच्छर सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं, तब ढीले, हल्के रंग के कपड़े पहनें। इससे मच्छर कम आकर्षित होते हैं और काटने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
4. सोते समय खास ध्यान रखें
डॉ. मर्चेंट ने बताया कि ऐसे इलाकों में रहने की जगह का चुनाव ध्यान से करना चाहिए। कमरे में एसी, पंखा और मच्छर को रोकने वाली जालीदार खिड़कियां होनी चाहिए। इसके अलावा, अपने बेड पर मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करें। मार्किट में कई ऐसी मच्छरदानियां आती है, जो कीटनाशक केमिकल्स से बनी होती है। ये मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से सुरक्षा देती हैं।
5. मलेरिया के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें
अगर बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना या मतली जैसी दिक्कते महूसस हों, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर मलेरिया का इलाज शुरु करें। मलेरिया का शुरुआती स्टेज पर इलाज शुरू हो जाए, तो इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है और गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
सफर से लौटने के बाद कुछ समय तक मलेरिया के लक्षणों पर नजर रखें। अगर किसी भी तरह का शरीर में बदलाव महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लें।