मानसून का मौसम आने से पहले ही मच्छरों से जुड़ी बीमारियों का कहर शुरू हो जाता है। लोग मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार जैसी बीमारियों से दो-चार होने लगते हैं। आजकल तो देश में मच्छरों से होने वाली बीमारी जीका के भी कई मामले देखने को मिल रहे हैं। अगर किसी को बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखे लाल होना या फिर रेशैज हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेकर टेस्ट कराएं, क्योंकि अगर मच्छरों से जुड़ी इन बीमारियों का सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो गंभीर परिणाम होने का रिस्क रहता है।
आपको बता दें कि सीडीसी ग्लोबल हेल्थ (CDC Global Health) के अनुसार दुनिया का सबसे खतरनाक प्राणी मच्छर है। इसकी वजह से दुनियाभर में हर साल करोड़ों लोगों की मृत्यु होती है। अगर बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बात करें, तो मादा मच्छर को अंडों के विकास के लिए इंसानी या जानवरों का खून चाहिए। इस प्रक्रिया में मादा मच्छर वायरस और पेरासाइट से संक्रमित हो जाती है और फिर जब वह इंसान को काटती है, तो मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे कि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस और जापानी बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है।
विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है और इस मौके पर दुनियाभर में मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरुकता बढ़ाई जाती है। लोगों को मच्छरों के प्रति सचेत करने के बावजूद सीडीसी ग्लोबल रिपोर्ट (CDC Global Health) कहती है कि साल 2022 में 85 देशों में लगभग 24 करोड़ 90 लाख मलेरिया के मामले दर्ज किए गए थे। ये तो सिर्फ एक बीमारी के आंकड़े हैं, अगर सभी बीमारियों के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए, तो स्थिति काफी चिंताजनक हो जाएगी।
अगर हम भारत की बात करें, तो देश में मच्छरों से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने के कई कारण है। गुरुग्राम के सीनियर फिजिशियन डॉ. जे एस आनंद के अनुसार, “भारत में शहरीकरण करते समय प्लानिंग नहीं की गई, जिसके कारण शहरों में जनसंंख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन का काम लगातार चलते रहने से गंदगी फैलना भी मच्छरों के बढ़ने का कारण बनता है। लोगों का गंदगी को लेकर संवेदनशील न होना और घरों के बाहर पानी जमा होना भी मुख्य वजह है। आजकल मौसम में लगातार बदलाव और बारिश की वजह से भी मच्छर पनपते हैं। अगर मच्छरों से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम करनी है, तो सबसे पहले सफाई के प्रति लोगों को जागरुक करना बहुत जरूरी है।”
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क्या कहते हैं आंकड़े?
भारत में मच्छरों से जुड़ी बीमारियों के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि मामले साल दर सल बढ़ते जा रहे हैं।
मलेरिया की बात करें, तो इसके लक्षण काफी हद तक फ्लू से मिलते हैं और कई बार रोगी कंफ्यूजन में फ्लू का इलाज कराता रहता है और इसके बाद मलेरिया के लक्षण गंभीर हो जाते हैं। आमतौर पर मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द और उल्टी शामिल है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार साल 2022 में मलेरिया के एक लाख 76 हजार 522 मामले थें, जो साल 2023 में बढ़कर दो लाख 27 हजार 564 हो गए। मलेरिया के मामलों में ओडिशा का नाम सबसे ऊपर है। साल 2023 में ओडिशा में 41 हजार 973 मामले पाए गए थे। डेंगू में भी साल 2022 से 2023 में करीब 56 हजार मामले बढ़े हैं। साल 2023 में 35 हजार 402 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर था। वहीं चिकनगुनिया के मामले 2020 में 6 हजार से ऊपर थे, जो साल 2023 में बढ़कर 11 हजार से ऊपर चले गए। इसमें पंजाब राज्य 2073 मामलों के साथ सबसे आगे था।
भारत में क्यों बढ़ रहे हैं मलेरिया और डेंगू के मामले?
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 में मलेरिया और डेंगू के मामलों में 50 हजार से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। सरकार, एनजीओ और अन्य निजी संस्थानों के द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के बावजूद मलेरिया और डेंगू के मामलों का बढ़ना चिंताजनक है। देश में मलेरिया और डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर फिजिशियन और सरकारी मेडिकल ऑफिसर डॉ. पी के जैन कहते हैं, “दरअसल, मच्छर कुछ कीटनाशकों (insecticides) के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बना चुके हैं, जिसकी वजह से मच्छरों पर कुछ कीटनाशक असरदार नहीं होते। सबसे बड़ी समस्या ये भी है कि लोग जागरुक होने के बावजूद साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते। सभी को पता है कि गमलों, कूलर या आसपास पानी इकट्ठा होने पर उसे साफ करना जरूरी है, लेकिन लापरवाही के चलते लोग सफाई नहीं करते। इससे भी मच्छरों की तादाद बढ़ती है। जहां तक बात दूरदराज के गांवों की है, तो वहां लोगों में मच्छरों से जुड़ी बीमारियां के प्रति जागरुकता का अभाव है, इस कारण लोग साफ-सफाई और इसके लक्षणों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। शहरों में ड्रेनेज सिस्टम और कूड़े को सही तरीके से मैनेज करके मच्छरों की रोकथाम की जा सकती है। साथ ही लोगों को भी अपने आस-पास सफाई का भी खास ध्यान रखना चाहिए।"
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कौन सी बीमारी हो सकती है गंभीर?
वैसे तो मच्छरों से जुड़ी हर बीमारी ही गंभीर हो सकती है, अगर समय रहते इलाज न कराया जाए। लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि भारत के संदर्भ में मलेरिया और डेंगू की बीमारी ज्यादा घातक हो सकती है। इस बारे में झायनोव्हा शाल्बी अस्पताल की इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. उर्वी महेश्वरी ने बताया, “मच्छर से होने वाली सभी बीमारियां घातक हो सकती है। लेकिन अगर आप भारत की खासतौर पर बात करेंगे, तो देश में मलेरिया और डेंगू के मामले ज्यादा है। अगर फेफड़ों में पानी भर जाए, मलेरिया सिर में चला जाए या किडनी खराब हो जाए, तो रोगी की मौत तक हो सकती है।”
बीमारी के बाद रिकवरी कैसे करें?
गौरतलब है कि मच्छरों से जुड़ी बीमारियों का इलाज होने के बाद भी मरीज काफी समय तक रिकवरी जोन में रहता है। चिकनगुनिया में सबसे ज्यादा असर जोड़ों पर पड़ता है। रोगी के जोड़ों का दर्द खत्म होने में कई महीने लग जाते हैं। मलेरिया के बाद रोगी को काफी समय तक कमजोरी महसूस होती है। बीमारी के बाद रिकवरी के लिए दिल्ली के अपोलो स्पैक्ट्रा अस्पताल के इंटरनल मेडिसन विभाग की सीनियर कंस्लटेंट डॉ. शुभ्रा गुप्ता ने कुछ टिप्स बताए हैं।
- रोगी को पूरी तरह से आराम करना चाहिए।
- ऑफिस या काम पर जाने की जल्दबाजी न करें।
- अगर शरीर में दर्द हो, तो डॉक्टर की सलाह पर ही दवाई लें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
- छाछ, नारियल पानी और ताजा जूस भी प्रभावी रहता है।
- पाचन क्रिया के लिए हल्का भोजन लें।
- मिर्ची या मसालेदार, डिब्बाबंद भोजन से बचें।
रोकथाम के उपाय
बीमारियों से बचने का सबसे आसान उपाय है कि मच्छरों से बचा जाए। झायनोव्हा शाल्बी अस्पताल की इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. उर्वी महेश्वरी ने कुछ बेहतरीन टिप्स दिए हैं, जिसे हर किसी को आजमाने चाहिए।
- पूरे कपड़े पहनकर बाहर निकलें।
- ज्यादा पेड़-पौधों या झाड़ियों में जाने से बचें।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम (mosquito repellent) का उपयोग कर सकते हैं।
- अपने आसपास और छत पर पानी इकट्ठा न होने दें।
- घरों की खिड़कियों और दरवाजों को कसकर बंद करें ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- अगर घर के आसपास तालाब है, तो गंबूजिया मच्छलियों को डाल दें। ये मच्छरों के अंडे खा जाती है।
तो उम्मीद है कि इन सभी टिप्स को अपनाकर हम मच्छर मुक्त इंडिया का निर्माण करने में सफल रहेंगे और आने वाली पीढ़ी को मच्छरों से जुड़ी बीमारियों से दूर रख पाएंगे।