
Mosquitoes Related Diseases in Bihar: वैसे तो मानसून की वजह से हर साल ही मच्छरों से जुड़ी बीमारियां बढ़ती है, लेकिन इस साल तो मानसून से कोई राहत ही नहीं मिल रही। पंजाब, उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और लगातार हो रही बारिश के कारण मच्छरों से जुड़ी बीमारियों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। इस साल तो बाढ़ की वजह से मच्छरों की बीमारियां भी रिकॉर्ड बना रही है। कुछ ऐसा ही हाल बिहार का भी है, वहां भी इस साल डेंगू, मलेरिया के मामले काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। ओनली माय हेल्थ के हाइपर लोकल कैंपेन के तहत हमने राज्य में मच्छरों के बढ़ते कारणों की वजह जानने की कोशिश की।आइये एक नजर डालते हैं, बिहार में मच्छरों से जुड़ी बीमारियों के आंकड़ों पर और डॉक्टर्स से जानते हैं कि बिहार सरकार किस तरह इन मामलों को मैनेज कर रहे हैं।
पटना में डेंगू के मामले
पटना में इस साल के अगस्त के पहले 20 दिन में ही डेंगू के 86 मामले सामने आए हैं। इसमें सबसे ज्यादा केस कनकरबाग, पोस्टल पार्क, योगीपुर, पाटिलपुत्र कालोनी, बोरिंग रंग, दिगा, दानापुर में मिले हैं। इस बार डेंगू के मामले पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि सबसे ज्यादा खतरा स्कूली बच्चों को है, क्योंकि कई स्कूलों में अब भी बारिश का पानी जमा है। प्रशासन ने कंकड़बाग, पटना सिटी, बोरिंग कैनाल रोड और दीघा समेत कई इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित किया है। इस बारे में अकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. रमन कुमार कहते हैं, “इस साल बिहार में मानसून के चलते काफी ज्यादा जलभराव हो रहा है और ये मच्छरों की ब्रीडिंग के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। इस साल ज्यादा बारिश होने के कारण डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए लोगों को थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत है।”
इसे भी पढ़ें: OMH Hyperlocal: महाराष्ट्र में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का ग्राफ साल दर साल क्यों बढ़ता जा रहा है? जानें डॉक्टरों से
बिहार में चिकनगुनिया के मामले
बिहार में चिकनगुनिया के मामलों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, साल 2022 में 67 मामले थे, जो साल 2024 में बढ़कर 520 हो गए। इसे देखते हुए लगता है कि बिहार में चिकगुनिया के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इतने ज्यादा केस बढ़ने की वजह पटना के हिमालय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. बी के रॉय ने बताई, “एक तो पानी भरने की वजह से मच्छर पनप रहे हैं, दूसरा लोग बुखार होने पर पहले ही पैरासीटामोल या एंटी बॉयोटिक दवाइयां लेकर घर पर ही इलाज करना शुरू कर देते हैं। कई मामलों में तो पपीते के पत्ते का जूस पीने जैसे घरेलू उपाय भी करने लगते हैं। इस वजह से बीमारी गंभीर स्थिति में पहुंच जाती है और यही वजह है कि चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं।”
इसे भी पढ़ें: OMH Hyperlocal: उत्तर प्रदेश में मच्छरों से जुड़ी बीमारियों का पिछले 5 साल का जानें हाल
मलेरिया के मामलों में थोड़ी गिरावट
इस समय बिहार में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, लेकिन मलेरिया के मामलों में थोड़ी गिरावट आई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, साल 2023 में 1257 मामले थे, तो साल 2024 में ये घटकर 906 केस हो गए हैं। हालांकि हाल की में परिवार कल्याण मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी करके बताया कि पिछले साल जून तक मलेरिया के 185 मामले थे, जो इस साल जून तक बढ़कर 261 हो गए हैं। इससे पता चलता है कि इस साल मानसून के चलते मलेरिया के मामलों में भी बढ़ोतरी होने वाली है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली में भारी बारिश के चलते जुलाई में मलेरिया का 10 साल का रिकॉर्ड टूटा, डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय
मच्छरों से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए सरकार के कदम
मच्छरों के जुड़े संक्रमण को रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। हालांकि ये कदम काफी नहीं हो रहे, शायद इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस बारे में एमडी डॉयबेटिक और हार्ट रिसर्च सेंटर के डॉ. एन के सिंह ने कहा, “सरकार ने मच्छरों से जुड़ी बीमारियों को रोकने के लिए विशेष टीमें बनाई है, जो फॉगिंग और एंटी लार्वा स्प्रे कर रही हैं। ये छिड़काव खासतौर पर अस्पतालों, स्कूलों और पब्लिक स्थानों पर किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयों, प्लेटलेट्स और जांच के डिवाइस उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो सके।”
मच्छरों से बचाव का लोग भी रखें ध्यान
डॉक्टर्स लोगों को सलाह देते हैं कि मच्छरों से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए लोगों को आसपास पानी न रुकने दें। नालियों की नियमित सफाई रखें और नालियों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर डालें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और घर में कबाड़ में पानी न होने दें। कूलरों के पानी को हर दूसरे दिन बदलें। बिहार में मच्छरों से जुड़ी बीमारियां गंभीर समस्या बनी हुई है, लेकिन सरकार और लोगों के साझा प्रयासों और सतर्कता के चलते बीमारियों से बचा जा सकता है।
FAQ
चिकनगुनिया ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?
आमतौर पर, लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लें। एसिटामिनोफेन दवा का इस्तेमाल दर्द और बुखार से राहत पाने के लिए किया जा सकता है।डेंगू वायरस शरीर में कितने दिन तक रहता है?
ज्यादातर लोगों में हल्के लक्षण होते हैं या कोई लक्षण नहीं होते। शुरूआत में मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, मतली और उल्टी होने लगती है और ये 4 से 10 दिनों तक रहता है। लक्षण दो से सात दिनों तक बने रहते हैं और इसके बाद मरीज के सेहत में सुधार होने लगते हैं।क्या मलेरिया में नहाना चाहिए?
बिल्कुल, मरीज को नहाना चाहिए, लेकिन ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए। नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। बहुत ज्यादा देर तक नहाना या ठंडे पानी से नहाना नुकसानदेह हो सकता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version