मच्छर भगाने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका, न जलेगी क्वाइल, न लगेगी बिजली

वैज्ञानिकों ने एक खास Mosquito Repellent Sheets बनाई हैं, जो मच्छरों के काटने को 50-75% तक कम कर सकती हैं। ये डेंगू, मलेरिया और अन्य मच्छर जनित बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकती हैं।
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मच्छर भगाने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका, न जलेगी क्वाइल, न लगेगी बिजली


शाम होते ही मच्छरों के आतंक से आप भी परेशान होते होंगे। ये मच्छर न सिर्फ काटकर परेशान करते हैं, बल्कि डेंगू-मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां भी फैलाते हैं, जिनसे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। फिलहाल न तो इन बीमारियों को रोकनी की कोई वैक्सीन है, न ही मच्छरों को रोकने का कोई सॉलिड उपाय। मच्छरदानी, कॉयल या क्रीम जैसी चीजें लंबे समय से इस्तेमाल तो हो रही हैं, लेकिन इनके असर की भी सीमाएं हैं। ऐसे में एक नई रिसर्च ने उम्मीद जगाई है। द लैंसेट ग्रुप की eBioMedicine जर्नल में प्रकाशित नई स्टडी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने पतली पेपर जैसी एक विशेष शीट (spatial emanator sheets) बनाई है, जो मच्छरों से बचाव का बेहद असरदार और सुरक्षित तरीका बन सकती है।

क्या है यह नई तकनीक?

ये शीट्स वोलाटाइल पायरैथ्रॉइड स्पैशियल रिपेलेंट्स (VPSRs) से बनी हैं। इन्हें दीवार पर लगाया जा सकता है। इन शीट से लगातार एक हल्का केमिकल निकलता है, जो मच्छरों को दूर रखता है। खास बात यह है कि इसे काम करने के लिए न तो बिजली, बैटरी या हीटिंग की जरूरत होती है और न ही मच्छरदानी की तरह खुद को इसके अंदर बंद करने की जरूरत है। यानी आपको बस ये शीट अपने कमरे में या आसपास कहीं भी लगा लेनी है और मच्छर आपको परेशान नहीं करेंगे।

यही नहीं, कमाल की बात यह भी है कि इस शीट का असर करीब एक साल तक रहता है और इसे घर के अंदर और बाहर, दोनों जगह उपयोग किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपने एक बार ये शीट लगा ली, तो ये सालों तक आपको मच्छरों से बचाएगी।

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रिसर्च में क्या पाया गया?

यह रिसर्च 25 सालों में इकट्ठा किए गए 1.7 मिलियन से अधिक मच्छरों के डेटा और कई बड़े ट्रायल पर आधारित है। नतीजे बताते हैं कि इन शीट्स के इस्तेमाल से मच्छरों के काटने की संभावना 50-75% तक घट गई। इसका प्रभाव मलेरिया फैलाने वाले Anopheles मच्छरों और डेंगू फैलाने वाले Aedes मच्छरों दोनों पर देखा गया। इसके अलावा WHO ने भी इस तकनीक को समर्थन दिया है और इसे मच्छर नियंत्रण के लिए एक बड़ा कदम बताया है।

मच्छरों से बचाव क्यों जरूरी है?

आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में मलेरिया से करीब 6 लाख लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 95% मामले और मौत सिर्फ अफ्रीका में हुईं। इनमें से 76% मौतें 5 साल से छोटे बच्चों की थीं। वहीं डेंगू से साल 2024 में करीब 12000 लोगों की मौत हुई। ऐसे में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से सुरक्षा बेहद जरूरी है।

मौजूदा उपाय जैसे मच्छरदानी, स्प्रे, कॉयल या मस्कीटो रिपेलेंट लिक्विड्स कई बार अधूरी सुरक्षा देते हैं और इन्हें समय-समय पर बदलना भी पड़ता है, जो कुछ लोगों के लिए खर्चीला हो सकता है, वहीं कई केमिकल्स के । ऐसे में यह नई तकनीक किफायती, टिकाऊ और आसान विकल्प बनकर सामने आई है।

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कितनी सुरक्षित है यह शीट?

रिपोर्ट के अनुसार इन शीट्स में वही केमिकल्स इस्तेमाल हुए हैं, जो WHO द्वारा सुरक्षित माने जाते हैं। फिलहाल इस अध्ययन में इनके उपयोग से सेहत से जुड़े किसी नए खतरे की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए इस तकनीक को अगर बड़े स्तर पर लागू किया जाए, तो यह ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकती है। इस तकनीक की सबसे बड़ी ताकत है कम लागत और बिजली पर निर्भर न होना। यह विशेष रूप से भारत जैसे देश के लिए मददगार साबित हो सकती है, जहां गांवों में अभी भी बिजली की समस्या बनी हुई है।

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