
Collagen increase Diabetes: कोलेजन सप्लीमेंट पिछले कुछ सालों से लोगों के बीच बहुत ही पॉपुलर हुआ है। सोशल मीडिया पर कोलेजन को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा स्किन को चमकदार बनाना, बालों को मजबूत करना और जोड़ों के दर्द को कम करना शामिल है। सोशल मीडिया पर लगातार चल रही रीलों के चलते लोगों ने बिना डॉक्टर की सलाह पर कोलेजन लेना शुरू कर दिया है। क्या इस तरह कोलेजन लेना सेफ है? वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) के मौके पर हमने कोलेजन से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की। इसमें सबसे महत्वपूर्ण थी कि क्या कोलेजन से शुगर बढ़ता है? क्या इससे टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क रहता है? इस पर हमने दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संचयन रॉय (Dr. Sanchayan Roy, Internal Medicine, Consultant, pollo Spectra Hospital, Delhi) से बात की।
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कोलेजन क्या है?
डॉ. संचयन कहते हैं,”सबसे पहले कोलेजन के बारे में जानना जरूरी है। दरअसल, कोलेजन नेचुरल प्रोटीन होता है, जो शरीर की स्किन, हड्डियों, मांसपेशियों और टिश्यू को मजबूती देता है। कोलेजन शरीर का करीब 30% प्रोटीन संरचना बनाता है लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है या डाइट में खराबी होती है, तो शरीर का कोलेजन घटने लगता है। इसका असर सीधे स्किन पर दिखता है। इसलिए कोलेजन की कमी को पूरा करने के लिए लोग कोलेजन पाउडर या कैप्सूल लेते हैं, लेकिन इन सप्लीमेंट्स का असर क्या शुगर पर पड़ता है, यह जानना बहुत जरूरी है।”

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क्या कोलेजन ब्लड शुगर बढ़ाता है?
डॉ. संचयन रॉय कहते हैं, “ वैसे अभी तक किसी भी तरह के वैज्ञानिक रिसर्च तो सामने नहीं आई है कि कोलेजन सप्लीमेंट सीधे ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं, लेकिन कोलेजन पाउडर को फ्लेवर, शुगर या अन्य ऐडिटिव्स मिलाने पर इसका असर ब्लड शुगर पर पड़ता है। मार्केट में मिलने वाले फ्लेवर्ड कोलेजन अगर लगातार लिए जाए, तो ब्लड शुगर बढ़ सकता है और अगर किसी की डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री है या प्रीडायबिटीक है, तो उसे डायबिटीज का रिस्क हो सकता है। इसलिए कोलेजन लेते समय पैक पर लिखी सामग्री जरूर पढ़ें। इसके अलावा, कुछ रिसर्च कहती हैं कि ज्यादा प्रोटीन लेने पर अगर शरीर उसका इस्तेमाल न कर पाए, तो कुछ समय के लिए ब्लड शुगर बढ़ सकता है।”
क्या टाइप-2 डायबिटीज मरीज कोलेजन ले सकते हैं?
डॉ. संचयन ने कहा कि अगर टाइप-2 डायबिटीज मरीज कोलेजन सप्लीमेंट लेना चाहते हैं, तो उन्हें इन बातों का खास ध्यान रखा चाहिए।
- हमेशा अनफ्लेवरड और बिना शुगर वाला कोलेजन ही लें। किसी भी कोलेजन सप्लीमेंट को लेने से पहले लेबल पर “No Added Sugar” या “Unflavoured” लिखा होना चाहिए।
- डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा रखनी चाहिए। अगर कोई मरीज कोलेजन लेना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें और अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा पर भी बात करें।
- कोलेजन सप्लीमेंट सुबह या दोपहर में ही लें ताकि दिनभर में शरीर इसे पचा सके और ब्लड शुगर पर प्रेशर भी न पड़े।
- कोलेजन लेते समय खाली पेट बिल्कुल न रहें। स्नैक्स या फल खाने के बाद ही कोलेजन लें, ताकि ब्लड शुगर में ज्यादा बदलाव न हो।
- जो मरीज इंसुलिन या मेटफॉर्मिन जैसी दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें अपना ब्लड शुगर मॉनिटर करना चाहिए।
- कोलेजन सप्लीमेंट के साथ डाइट में फाइबर, हरी सब्जियां, कम GI वाले फूड्स और पानी जरूर शामिल करना चाहिए।
क्या कोलेजन डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है?
हाल ही में IIT Bombay ने अपनी रिसर्च में पाया है कि कोलेजन का इस्तेमाल करने से डायबिटीज की कंडीशन गंभीर हो सकती है। कुछ रिसर्च में पाया गया है कि इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है। हालांकि ये सभी रिसर्च अभी बहुत ही शुरुआती स्टेज पर है, इसलिए जब भी किसी को कोलेजन सप्लीमेंट लेना हो, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही शुरू करना चाहिए क्योंकि डॉक्टर मरीज की सेहत, बीमारियों की कंडीशन, फैमिली हिस्ट्री चेक करके ही कोलेजन लेने की सलाह देते हैं।
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निष्कर्ष
डॉ. संचयन कहते हैं कि जिन लोगों को किडनी, लिवर, एलर्जी या डाइजेशन की समस्या है, उन्हें डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं को भी कोलेजन लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए। वैसे कोलेजन कोई नुकसान करने वाला नहीं होता, लेकिन दिक्कत तब शुरू होती है, जब लोग इसे ट्रेंड में देखकर लेना शुरू कर देते हैं। हमेशा कोलेजन सप्लीमेंट लेते समय लेबल जरूर पढ़े और फ्लेवर्ड या शुगर मिले प्रोडेक्ट बिल्कुल न लें, वरना लगातार ऐसे प्रोडेक्ट लेने से डायबिटीज का रिस्क भी बढ़ सकता है। खासतौर पर डायबिटीज मरीजों को तो कोलेजन लेने से पहले अपने डॉक्टर या डायटिशियन से जरूर बात करनी चाहिए।
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Nov 13, 2025 13:44 IST
Published By : Aneesh Rawat