खराब लाइफस्टाइल और खान पान की गलत आदतों का असर अक्सर हमारी सेहत पर पड़ता है। ऐसे में इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद का ध्यान रखना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकती है। इस स्थिति में हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियां लोगों में आम होती जा रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। खासकर हाइपरटेंशन की समस्या नौजवानों में काफी बढ़ रही है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो उसे अपने तनाव को कंट्रोल में रखना उसके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। ऐसे में आइए दिल्ली के धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर और हेड, एमडी (मेडिसिन); डीएनबी (कार्डियोलोजी) के डॉ. प्रदीप कुमार नायक (Dr. Pradeep Kumar Nayak, Director and Head, MD (Medicine); DNB (Cardiology), Dharamshila Narayana Superspeciality Hospital, Delhi) से जानते हैं कि हाइपरटेंशन की समस्या डायबिटीज को कैसे प्रभावित करती है?
हाइपरटेंशन डायबिटीज को कैसे प्रभावित करता है? - How Does Hypertension Affect Diabetes in Hindi?
हाइपरटेंशन और डायबिटीज दोनों ही क्रॉनिक बीमारियां हैं और अक्सर साथ-साथ पाई जाती हैं। जब ये दोनों स्थितियां एक साथ होती हैं, तो एक-दूसरे को और ज्यादा मुश्किल बना देती हैं।" आइए समझते हैं कि हाइपरटेंशन डायबिटीज को कैसे प्रभावित करता है?
1. दिल और रक्त धमनियों पर असर
डायबिटीज के कारण आपके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल ज्यादा होता है, जिससे रक्त नलिकाएं (blood vessels) पहले ही कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में अगर पीड़ित को हाइपरटेंशन भी हो जाए, तो उन वेसल्स पर और ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा दोगुना हो जाता है।
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2. किडनी फेल होने का खतरा
डायबिटीज के कारण मरीज की किडनी पहले ही कमजोर हो जाती है, जिसे डायबेटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है। हाइपरटेंशन होने पर किडनी की छोटे ब्लड वेसल्स पर और ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे किडनी फेलियर की संभावना बढ़ जाती है।
3. आंखों की रोशनी पर प्रभाव
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की आंखों के ब्लड वेसल्स प्रभावीत होते हैं। ऐसे में हाइपरटेंशन होने पर पीड़ित के आंखों के वेसल्स पर और ज्यादा दबाव बढ़ जाता है, जिससे अंधेपन का जोखिम बढ़ सकता है।
4. नसों को नुकसान
डायबिटीज में ब्लड शुगर के कारण नसें (nerves) सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। ऐसे में अगर मरीज अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल नहीं रख पाते हैं और बीपी बढ़ जाता है तो नर्व डैमेज होने की प्रक्रिया तेज हो सकती है, जिससे हाथ-पैर में झनझनाहट, दर्द और चलने में दिक्कत की समस्या हो सकती है।
5. दवा के असर पर प्रभाव
हाइपरटेंशन और डायबिटीज दोनों को कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग दवाएं लेनी पड़ती हैं। कभी-कभी कुछ ब्लड प्रेशर की दवाएं ब्लड शुगर को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए दोनों बीमारियों के इलाज को एक ही समय पर संतुलित रखना जरूरी होता है।
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6. दोनों को कंट्रोल करना मुश्किल
डायबिटीज या हाइपरटेंशन में से एक बीमारी भी हो जाए तो पीड़ित के लिए मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जब डायबिटीज के साथ पीड़ित तो हाइपरटेंशन की समस्या भी हो जाए तो डाइट, एक्सरसाइज, दवा और लाइफस्टाइल को मैनेज करना काफी चुनौतीपूर्ण लगने लगता है।
निष्कर्ष
हाइपरटेंशन की समस्या डायबिटीज के लक्षणों को और ज्यादा गंभीर बना सकते हैं। इसके कारण आपके शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं, जिससे व्यक्ति को काफी परेशानी हो सकती है। इसलिए, जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवानी चाहिए और डॉक्टर की दी गई गाइडलाइन्स को फॉलो करना चाहिए।
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FAQ
बीपी बढ़ने पर क्या महसूस होता है?
ब्लड प्रेशर बढ़ने पर आपके शरीर में कुछ बदलाव हो सकते हैं, जिसके बारे में आसानी से पता लगाता जा सकता है। हाई बीपी होने पर आपके सिर में तेज दर्द, सांस लेने में मुश्किल होना, थकान या चक्कर आने की समस्या हो सकती है।डायबिटीज में क्या नहीं खाना चाहिए?
डायबिटीज की समस्या में कुछ खास खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए, जिसमें चीनी और मीठे फूड्स से परहेज, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, हाई फैट वाले फूड्स, प्रोसेस्ड फूड्स आदि शामिल है।दिमाग में टेंशन कैसे दूर करें?
तनाव बढ़ने से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। इसलिए आप टेंशन कम करने के लिए पर्याप्त नींद लेने, नियमित एक्सरसाइज करने, हेल्दी डाइट लेने और मेडिटेशन करने की कोशिश करें।