Can Weather Change Affect Your Health In Hindi: हाल के दिनों में आपने नोटिस किया होगा कि मौसम में बार-बार बदलाव हो रहे हैं। कभी अचानक बारिश होने लगती है, तो कभी लू और आंधी चलने लगती है। कभी बारिश की वजह से मौसम में ठंडापन और उमस बढ़ जाती है। सवाल है, क्या बार-बार मौसम में हो रहे परिवर्तन का हमारी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। क्या वे समस्याएं गंभीर होती हैं? और उन समस्याओं को कैसे मैनेज किया जा सकता है? आइए, जानते हैं इस बारे में ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल में सलाहकार-आंतरिक चिकित्सा डॉ. स्वप्निल शिखा से।
क्या मौसम में हो रहे बदलाव का सेहत पर बुरा असर पड़ता है?- Does Weather Change Affect Your Body In Hindi
जब मौसम बार-बार बदलता है, तो उमस और तापमान में भी बार-बार परिवर्तन नोटिस किया जाता है। ये तमाम ऐसी बातें हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर, यह उन लोगों के लिए अधिक परेशानी खड़ी कर सकता है, जो पहले से सांस संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं। असल में, जब अचानक मौसम में बदलाव होते हैं, तो इसकी वजह से सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी समस्याएं बहुत आसानी हो जाती हैं। इसके अलावा जब बारिश बहुत ज्यादा होती है, तो इसकी वजह से फंगल इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। साथ ही, इन दिनों मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिसके डेंगू और मलेरिया के मामले में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
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मौसम में हो रहे बदलाव स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं?
रेस्पीरेटरी इश्यूज होते हैं
जब अचानक मौसम में परिवर्तन होता है, तो ब्रोंकियल से जुड़ी परेशानी से ग्रस्त लोगां की समस्या ट्रिगर होने लगती है। ऐसे में अस्थमा और ब्रोंकाटिस से जूझ रहे लोगों में खांसी, लंग्स में प्रॉब्लम और सांस लेने में दिक्क्त होने लगती है।
एलर्जी ट्रिगर होती है
जिन लोगों को पोलन से एलर्जी है, उन लोगों के लिए भी मौसम परिवर्तन किसी चुनौती से कम नहीं होता है। असल में, जब मौसम ट्रांजिशन यानी परिवर्तन के चरण में होता है, तो इस दौरान हवा में पोलन का स्तर बढ़ जाता है। कई लोगों के लिए इससे एलर्जी होता है, जिससे उन्हें खांसी और सांस लेने में तकलीफ, आंखों में रेडनेस, सीने में अकड़न जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
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डिहाइड्रेशन
जब मौसम बार-बार बदल रहा होता है, तो इसका सबसे बुरा प्रभाव हमारे हाइड्रेशन पर ही पड़ता है। दरअसल, जब गर्मी होती है, तो हम पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं। लेकिन, जैसे ही मौसम में ठंडापन आ जाता है, हम पानी पीना कम कर देते हैं। वहीं, बारिश के कारण हवा में उमस बढ़ जाती है, जिससे पसीना काफी आने लगता है। पसीने के जरिए हमारे शरीर से काफी पानी बह जाता है। नतीजतन बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है। इसकी वजह से स्किन ड्राइनेस, सिरदर्द और थकान जैसी परेशानियां ट्रिगर होने लगती हैं।
सर्दी-जुकाम
मौसम में बार-बार बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम भी लोगों को परेशान करने लगती है। खासकर, छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम काफी होता है, जो कि सही नहीं है। शुरुआती दिनों में लगता है कि यह समस्या अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी। लेकिन, मौसम परिवर्तन सर्दी-जुकाम को पूरी तरह ठीक नहीं होने देती है। इसके उलट, कभी-कभी यह समस्या 10-15 दिनों से ज्यादा समय तक बनी रहती है।
बदलते मौसम में बीमार होने से कैसे बचें
- इम्यूनिटी बूस्ट करेंः बदलते मौसम में सबसे जरूरी है कि आप अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करें। इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए डाइट में फल और मौसमी सब्जियां शामिल करें। इसके जरिए डाइट में विटामिन-सी, जिंक सप्लीमेंट आदि पोषक तत्वों को डाइट का हिस्सा बनाएं।
- एलर्जी को मैनेज करेंः अगर आपको मौसम परिवर्तन से एलर्जी है, तो इसे मैनेज करने की कोशिश करें। इसके लिए, हाइजीन का ध्यान रखें, बीमार व्यक्ति के दूर रहें और डॉक्टर से संपर्क कर उनकी दी हुई जरूरी सलाह को फॉलो करें।
- सर्दी से बचेंः गर्मी के दिनों में अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम की समस्या हो जाती है। ऐसा क्यों? क्योंकि बाहर मौसम गर्म होता है और घर के अंदर एसी के कारण तापमान ठंडा होता है। ऐसे में सर्द-गर्म लगने का रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए, कोशिश करें कि कमरे का तापमान सामान्य रखें। ज्यादा ठंडा न रखें। इस तरह आप सर्दी से बचे रह सकते हैं।
FAQ
मौसम परिवर्तन शरीर को क्या करता है?
मौसम में परिवर्तन होने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित होती है, जिससे बीमार होने का रिस्क बढ़ जाता है।मौसम बदलने के बाद आप बीमार क्यों पड़ते हैं?
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे लोग मौसम बदलने पर बीमार पड़ते हैं।बदलते मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें?
बदलते मौसम में सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए, रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट फॉलो करना चाहिए। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमार होने का रिस्क कम होता है।