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World Diabetes Day 2025: क्या लगातार मोबाइल देखना ब्लड शुगर बढ़ा सकता है? जानें डॉक्टर से सच्चाई

Use of Mobile cause Blood Sugar: जो लोग लगातार मोबाइल देखते हैं, उन्हें डायबिटीज होने का रिस्क बढ़ सकता है या फिर नहीं? अगर आप भी रातभर मोबाइल देखते हैं, तो डॉक्टर ने इसका असर विस्तार से इस लेख में बताया है। 

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World Diabetes Day 2025: क्या लगातार मोबाइल देखना ब्लड शुगर बढ़ा सकता है? जानें डॉक्टर से सच्चाई

Use of Mobile cause Blood Sugar: आज के लाइफस्टाइल में मोबाइल फोन लग्जरी की बजाय जरूरत बन गया है। आजकल बच्चों की स्टडी के लिए मोबाइल फोन पर होने लगी है तो बड़ों के ऑफिस का काम भी मोबाइल फोन पर निर्भर हो गया है। काम के अलावा, लोगों का सारा दिन सोशल मीडिया पर भी बीतने लगा है, इससे भी मोबाइल का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अब लोग रात में सोते समय भी मोबाइल स्क्रॉल करके ही सोते हैं और सुबह उठकर भी मोबाइल से शुरूआत होती है। ऐसे में क्या इसका असर शरीर पर पड़ना स्वाभाविक है। क्या मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल ब्लड शुगर भी बढ़ा सकता है? World Diabetes Day के मौके पर हमने इस बारे में हमने दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. साकेत कांत (Dr. Saket Kant, Endocrinology, Senior Consultant, Sri Balaji Action Medical Institute, Delhi) से बात की।


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लगातार मोबाइल देखने से कैसे बढ़ सकता है ब्लड शुगर?

इस बारे में डॉ. साकेत कांत कहते हैं कि लगातार मोबाइल देखने से शरीर पर इसका असर पड़ता है और इसमें डायबिटीज होने का भी रिस्क होता है।

फिजिकल एक्टिविटी से बढ़ता है डायबिटीज रिस्क

दरअसल, लोग मोबाइल स्क्रॉल करते समय एक ही जगह पर बैठकर कई घंटे बिता देते हैं। इससे फिजिकल एक्टिविटी बिल्कुल कम हो जाती है। लोग स्ट्रेचिंग भी नहीं कर पाते, इससे शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी कम होने लगती है। इससे शरीर का ग्लूकोज सही तरीके से एनर्जी नहीं बना पाता और ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क बढ़ सकता है।

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नींद खराब होने से ब्लड शुगर बढ़ना

देर रात तक मोबाइल देखने से इसका असर नींद पर पड़ता है। मोबाइल की ब्लू लाइट (blue light) ब्रेन में मेलाटोनिन हार्मोन कम कर देती है और इससे नींद नहीं आती और फिर नींद पूरी न होने से कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो स्ट्रेस को बढ़ा देते हैं। हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ने से इंसुलिन पर असर पड़ता है और इससे शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए जो लोग देर रात तक मोबाइल देखते हैं, वे उन्हें सुबह उठकर ब्लड शुगर ज्यादा महसूस होता है और यह बात डायबिटीज मरीजों को ज्यादा महसूस होती है।

स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ना

आमतौर पर जो लोग रातभर मोबाइल पर लगे रहते हैं, उनके दिमाग में डोपामाइन हार्मोन तेजी से रिलीज होता है। इसका मतलब है कि लोगों को मोबाइल देखने में मजा आने लगता है और इस वजह से उनमें बार-बार स्नैक्स, मीठा और जंक फूड खाने की तलब बढ़ जाती है। इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है और डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है।

स्ट्रेस से शुगर का बढ़ना

जो लोग रातभर सोशल मीडिया, रील्स या नोटिफिकेशन चेक करते हैं, उनका दिमाग ओवरस्टिमुलेट करता है और इससे शरीर में स्ट्रेस बढ़ता है, जो सीधे ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए कह सकते हैं कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमालडायबिटीज के रिस्क को बढ़ा सकता है।

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मोबाइल से दूरी कैसे बनाएं?

डॉ. साकेत कांत ने मोबाइल का सही इस्तेमाल करने के कुछ टिप्स दिए हैं।

  1. हर 30–40 मिनट में मोबाइल से ब्रेक लें। अपनी सीट से उठे और थोड़ा स्ट्रेच करें। आंखों को आराम दें।
  2. रात को सोने से कम से कम 1 घंटा पहले मोबाइल, टीवी, लैपटॉप बंद कर दें। समय पर सोने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है।
  3. डाइट में ओट्स, साबुत अनाज, फल, हरी सब्जियां, दालें, बादाम, अखरोट, मूंग जरूर शामिल करें। ये ब्लड शुगर को स्टेबल रखते हैं।
  4. जंक फूड, मीठा खाना, देर रात में खाना, रात में स्नैक्स खाना, बिस्तर पर लेटकर मोबाइल चलाने की आदत को कम करें।
  5. रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। इसमें योग, मेडिटेशन, जॉगिंग शामिल है। इससे स्ट्रेस कम होता है और हार्मोन बैलेंस रहते हैं।
  6. डायबिटीज के मरीजों को हर 10-15 दिन में शुगर का चेकअप कराना चाहिए। इससे ब्लड शुगर के बारे में पता चलता रहता है।

निष्कर्ष

डॉ. साकेत कहते हैं कि मोबाइल स्क्रीन टाइम ब्लड शुगर को सीधे नहीं बढ़ाता, लेकिन कम एक्टिविटी, खराब नींद, ज्यादा स्ट्रेस और अनहेल्दी स्नैकिंग के कारण डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है। अगर कोई प्री-डायबिटिक है, तो उसे अपनी मोबाइल स्क्रीन टाइम की आदतों पर ध्यान देना चाहिए। इससे डायबिटीज का रिस्क कम हो सकता है।

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  • Nov 14, 2025 14:00 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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