ठंड के मौसम के बाद, लोग गर्मियों का इंतजार करते हैं। जहां एक ओर गर्मियों में लोग आइसक्रीम और ठंडी ड्रिंक्स का लुत्फ लेते हैं वहीं दूसरी ओर यह मौसम बीमारियों को भी साथ लाता है। गर्मियों में मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। कई लोगों को यह लगता है कि मलेरिया की बीमारी, मानसून में ही फैलती है। लेकिन ऐसा नहीं है। नमी और गंदगी के कारण मलेरिया गर्मियों में भी अपना प्रकोप दिखा सकता है। मलेरिया एक संक्रामक रोग है। गर्म और उमस भरे मौसम में पानी का जमाव और गंदगी मच्छरों के लिए उपयुक्त वातावरण बना देता है, जिससे मलेरिया के मामले बढ़ जाते हैं। बच्चों, बुज़ुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, थकान और सिर दर्द इसके आम लक्षण हैं। अगर समय रहते सावधानी बरती जाए, तो मलेरिया से बचाव संभव है। आइए मलेरिया के 5 बड़े जोखिम कारक जो गर्मियों में विशेष रूप से ध्यान देने लायक हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. गलत खानपान और पोषण की कमी- Poor Diet and Nutritional Deficiency
अगर आप मलेरिया से बचाव के उपायसोच रहे हैं, तो अपनी डाइट पर गौर करें। अनहेल्दी खानपान से बचें। तला-भुना खाना, ज्यादा मीठी चीजें आदि से बचें। इससे शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी से बचें। कमजोर पोषण, शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। शरीर में विटामिन-सी, बी-कॉम्प्लेक्स या आयरन की कमी से मलेरिया की रिकवरी स्लो हो सकती है इसलिए डाइट पर फोकस करें।
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2. गंदगी और खराब सैनिटेशन- Poor Sanitation and Hygiene
मलेरिया के मच्छर गंदगी में पनपते हैं। इससे मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है। गंदगी का ढेर, बिना ढके हुए कूड़ेदान, खुले नाले मच्छरों का घर बन जाते हैं। गर्मियों में नमी और बदबू के कारण मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। गंदगी के कारण मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा दोगुना हो जाता है इसलिए इनसे बचना चाहिए।
3. रात में बिना मच्छरदानी में सोना- Sleeping Without Mosquito Nets
ऐसा नहीं है कि मलेरिया के मच्छर केवल मानसून में ही पनपते हैं। मलेरिया का खतरा गर्मियों में भी हो सकता है। अगर आप रात को मच्छरदानी के बगैर सोते हैं, तो मलेरिया का मच्छर आपको बीमार बना सकता है। मलेरिया फैलाने वाले मच्छर, खासकर शाम को और रात के समय एक्टिव होते हैं। ऐसे में शरीर को ढककर सोना और मच्छरदानी का इस्तेमाल बहुत जरूरी हो जाता है।
4. कमजोर इम्यूनिटी- Weak Immunity
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, वे मलेरिया के इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बुज़ुर्ग और पहले से बीमार लोगों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आसपास सफाई रखने से मलेरिया के मच्छरों और मलेरिया की बीमारी से बचाव संभव है।
5. शरीर में पानी की कमी और थकान- Dehydration and Fatigue
अगर आपके शरीर में पानी की कमी है या आपको थकान रहती है, तो यह संभव है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें मलेरिया की बीमारी, ज्यादा परेशान कर सकती है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण इंफेक्शन से लड़ने की ताकत घट जाती है। अगर मलेरिया हो जाए, तो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की सही मात्रा बनाए रखें वरना स्थिति गंभीर हो सकती है।
गर्मियों में मलेरिया से बचने के लिए आसपास साफ-सफाई रखें, मच्छरों को पनपने से रोकें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इस तरह आप मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी से खुद को बचा सकते हैं।
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