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आयरन की कमी के कितने चरण होते हैं? डॉक्टर से समझें

अक्सर लोगों को खून की कमी हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होती है। इस लेख में जानते हैं कि खून की कमी यानी आयरन की कमी के कितने चरण होते हैं?
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आयरन की कमी के कितने चरण होते हैं? डॉक्टर से समझें


Stages Of Iron Deficiency Anemia In Hindi: शरीर में आरयन की कमी को ज्यादातर लोग खून की कमी से जानते हैं। दरअसल, जिन लोगों को आरयन की कमी के कारण एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) होता है, उनके शरीर में आयरन की कमी के चलते रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है। जब शरीर के अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, तो उनमें दबाव उत्पन्न होता है। ऐसे में व्यक्ति थोड़ा काम करने पर ही थकान महसूस करने लगता है। इस समस्या के कई चरण होते हैं, जो धीरे-धीरे गंभीर हो सकते हैं। इस लेख में एसेंट्रिक्स डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया के विभिन्न चरणों क्या होते हैं? साथ ही, इसके लक्षणों के बारे में भी जानेंगे।

आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया के तीन मुख्य चरण - Stages Of Iron Deficiency Anemia In Hindi

आयरन की कमी (Iron Depletion)

यह प्रारंभिक चरण है जिसमें शरीर में आयरन का स्टोर (आयरन स्टोर्स) कम होने लगता है, लेकिन इसका कोई विशेष प्रभाव हीमोग्लोबिन के स्तर पर नहीं पड़ता। जिसकी वजह से व्यक्तिक कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को थकान और ध्यान केंद्रित करने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। जो लोग डाइट में आयरन युक्त चीजें नहीं लेते हैं या महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होने की वजह से इस स्थिति से गुजरना पड़ सकता है।

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आयरन की कमी का एरिथ्रोपोइजिस (Iron-Deficient Erythropoiesis)

इस चरण में शरीर में आयरन की कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) का निर्माण प्रभावित होने लगता है। ऐसे में हीमोग्लोबिन का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी वजह से स्किन में पीलापन, हाथ पैर ठंडे होना और नाखूनों के बार-बार टूटने की स्थिति बनने लगती है।

आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)

यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर में आयरन की कमी बढ़ जाती है, और हीमोग्लोबिन का स्तर खतरनाक रूप से कम हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी, दिल की धड़कने अनियमित होना, सिरदर्द होना, चक्कर आना, मुंह का बार-बार सूखना और सूजन आना आदि लक्षण देखने को मिल कर सकते हैं।

आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया से बचाव कैसे करें? - Prevention Tips of Iron Deficiency Anemia In Hindi

  • आयरन युक्त आहार का सेवन करें। इसके लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और मेथी का सेवन नियमित रूप से करें। इसके अलावा, सूखे मेवे जैसे खजूर और बादाम और फलों का सेवन अधिक करें।
  • विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आप नींबू, संतरा, और अमरूद जैसे फलों का सेवन करें।
  • खून की नियमित जांच कराएं और यदि हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
  • आयरन की कमी को दूर करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट्स का सेवन करें।

इसे भी पढ़ें: आयरन की कमी को दूर करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, मिलेगा आराम

Iron Deficiency Anemia In Hindi: आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसके तीन चरण धीरे-धीरे शरीर पर असर डालते हैं, लेकिन सही समय पर इलाज से इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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