Causes Of Problems In Pregnancy After Abortion In Hindi: कुछ महिलाओं को अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी में परेशानी होने की समस्या होती है, जो एक आम समस्या है। इसके कारण महिलाओं का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है, साथ ही, कई बार महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है? ऐसे में आइए जयपुर में स्थित ए 70 लाइफट्रोन्स क्लिनिक की निदेशक और एसडीएम अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉ. निशि गुप्ता से जानें अबॉर्शन के बाद क्यों आती है प्रेग्नेंसी में परेशानी?
अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी में परेशानी क्यों आती है? - Why Are There Problems In Pregnancy After Abortion?
डॉ. निशि के अनुसार, कई बार महिलाओं को 1-2 अबॉर्शन होने के बाद प्रेग्नेंसी में परेशानी या प्रेग्नेंसी रूकने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसे रिकंर्ट प्रेग्नेंसी लॉस कहा जाता है, जिसमें महिलाओं को अबॉर्शन या गर्भपात होने की समस्या होती है। इसके काई कारण हो सकते हैं।
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इंफेक्शन की समस्या
कई बार महिलाओं को टोक्सोप्लाज़मोसिस, रुबेला, साइटोमेगालोवायरस और हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस (toxoplasma, rubellam CMV, HSV) जैसे इंफेक्शन्स हो सकते हैं, जिसके कारण भ्रूण को नुकसान होता है। इसके कारण महिलाओं को बार-बार अबॉर्शन होने या प्रेग्नेंसी में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यूट्रस से जुड़ी समस्या के कारण
कई बार अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी में परेशानी फाइब्रॉइड, सेप्टेट यूटेरस, पॉलीप या यूट्रस की अंदर की दीवारों के जुड़े रहने के कारण हो सकता है। इन समस्याओं के कारण भ्रूण को जगह नहीं मिल पाती है और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक स्ट्रेस में रहना
कई बार अधिक स्ट्रेस में रहने, धूम्रपान, अल्कोहल और नींद की कमी जैसी समस्याओं के कारण महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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हार्मोन्स का असंतुलित होना
शरीर में थायराइड हार्मोन से जुड़ी समस्या होने या प्रोजेस्टेरोन की कमी होने के कारण भी महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी से गर्भाशय में भ्रूण टिक नहीं पाता है।
इम्यूनिटी कमजोर होने
शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण महिलाओं को अबॉर्शन या गर्भपात का खतरा बढ़ता है। ऐसे में हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें।
ब्लड में क्लॉट बनने की समस्या
कई बार महिलाओं को ब्लड में क्लॉट बनने की समस्या होती है, ऐसा थ्रोम्बोफिलिया (Thrombophilia) या एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम (ASP) के कारण हो सकता है। इनके कारण नसों में रुकावट आने, प्लेसेंटा में ब्लड सप्लाई रुक जाने की समस्या होती है, जिसके कारण भ्रूण का विकास रुक जाता है और प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
क्रोमोसोमल असामान्यताएं
माता-पिता के जीन्स में हल्की समस्या होने के कारण भी भ्रूण के विकसित नहीं होने की समस्या हो सकती है, जिससे महिलाओं को प्रेग्नेंसी में परेशानी हो सकती है।
अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी की परेशानी से बचने के उपाय - Ways To Avoid The Problems Of Pregnancy After Abortion In Hindi
पूरी जांच कराएं
अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी से जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर ब्लड टेस्ट, सोनोग्राफी, हार्मोन्स टेस्ट, एचएसजी और हाइस्टेरोस्कोपी जैसे टेस्ट को कराया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में डॉक्टर की सलाह पर पीजीएस या पीजीडी जैसे जेनेटिक टेस्टिंग की जरूरत पड़ सकता है।
हेल्दी डाइट लें
प्रेग्नेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए आयरन, विटामिन-डी, प्रोटीन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों से युक्त हेल्दी डाइट लें। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर कुछ सप्लीमेंट्स को भी लिया जा सकता है।
स्ट्रेस कम करें
प्रेग्नेंसी की समस्या से बचने के लिए स्ट्रेस कम करें। इसके लिए मेडिशन करें, साथ ही, किसी भी समस्या से बचने के लिए कम से कम शुरुआती 3 महीने आराम बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
अबॉर्शन के बाद महिलाओं को प्रेग्नेंसी में परेशानी की समस्या कई कारण से हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से सही सलाह लेना जरूरी है। जिससे प्रेग्नेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।
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