प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं और इस दौरान मां को न केवल अपनी सेहत का ख्याल रखना होता है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा और विकास की जिम्मेदारी भी होती है। ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को कोई इंफेक्शन हो जाए, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। कई बार महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि क्या प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाला इंफेक्शन उनके होने वाले बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के कंसल्टेंट, एमबीबीएस, डीएनबी (पीडियाट्रिक्स), डॉएनबी (नियोनेटोलॉजी) डॉ. हेमंत शर्मा (Dr. Hemant Sharma, MBBS, DNB (Pediatrics), DrNB (Neonatology), Amrita Hospital, Faridabad) से बात की-
क्या प्रेग्नेंसी में होने वाला इंफेक्शन गर्भ में शिशु को भी प्रभावित कर सकता है? - Does Infection Affect Baby During Pregnancy
इस विषय में डॉक्टर हेमंत शर्मा बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान इंफेक्शन होने पर भ्रूण यानी गर्भस्थ शिशु पर भी असर पड़ (Can an infection during pregnancy harm the baby) सकता है और यह कई बार प्रीमैच्योर डिलीवरी (Preterm Delivery) जैसी जटिलताओं की वजह बन सकता है। डॉ. शर्मा बताते हैं कि अगर किसी गर्भवती महिला को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) हो जाए, तो वह सामान्य इंफेक्शन से कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान बच्चेदानी और मूत्राशय एक-दूसरे के काफी करीब होते हैं और गर्भ में पल रहा भ्रूण मूत्राशय से महज 4-5 सेंटीमीटर की दूरी पर होता है। इस स्थिति में अगर यूरिन में इंफेक्शन हो और समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह इंफेक्शन ऊपर की ओर बढ़ सकता है। इससे न सिर्फ मां को तेज बुखार और पेट में दर्द जैसी तकलीफें होती हैं, बल्कि यह बढ़ता संक्रमण गर्भ में पल रहे बच्चे तक भी पहुंच सकता है।
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प्रीटर्म डिलीवरी का सबसे बड़ा कारण हो सकता है इंफेक्शन
डॉक्टर हेमंत शर्मा का कहना है कि आज के समय में जो बच्चे समय से पहले यानी प्रीटर्म जन्म लेते हैं, उनमें से अधिकांश मामलों में कारण कोई न कोई संक्रमण ही होता है। चाहे वह यूट्रस में संक्रमण हो, प्लेसेंटा में हो या फिर यूरिनरी ट्रैक्ट में, सभी संक्रमण गर्भवती महिला की गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं। प्रीमैच्योर डिलीवरी न केवल बच्चे के लिए जोखिम भरी होती है, बल्कि इससे मां को भी गंभीर शारीरिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। समय से पहले जन्मे बच्चों को NICU में विशेष देखभाल की जरूरत होती है और कई बार उन्हें सांस, पाचन या इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी में इंफेक्शन से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां
- प्रेग्नेंसी के दौरान इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई और पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
- रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि पेशाब में इंफेक्शन की संभावना कम हो।
- टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं।
- टाइट कपड़े पहनने से बचें और कॉटन अंडरगारमेंट्स पहनें।
- अगर पेशाब के दौरान जलन, दुर्गंध या बार-बार पेशाब आने की शिकायत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- नियमित रूप से प्रेग्नेंसी चेकअप करवाएं और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं को समय पर लें।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी में होने वाला कोई भी इंफेक्शन, विशेष रूप से यूटीआई और प्लेसेंटा इंफेक्शन, मां और शिशु दोनों के लिए जोखिमभरा हो सकता है। डॉक्टर हेमंत शर्मा के अनुसार, समय पर पहचान और इलाज से इन जटिलताओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। इसलिए हर गर्भवती महिला को थोड़ी सी भी असामान्य स्थिति महसूस होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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