Why Are Urinary Catheters Used In Hindi: पेशाब निकालने वाली नली जिसे अंग्रेजी में यूरिनरी कैथेटर के नाम से जाना जाता है। यह दो तरह के मटीरियल से बनती है। एक मेडिकेटेड और दूसरा नॉन-मेडिकेटेड मटीरियल। अगर लंबे समय के लिए इस्तेमाल करना हो, तो मेडिकेटेड मटीरियल से बने कैथेटर का यूज किया जाता है। यह सिलिकॉन बेस्ड होता है। यह मूत्राशय से पेशाब को बाहर की ओर ले जाने का काम करता है। इस ट्यूब को जरूरत के अनुसार मरीज के यूरेथ्रा में लगाया जाता है और जब जरूरत खत्म हो जाती है, इसे रिमूव कर दिया जाता है। इसे पेशाब के रास्ते से ही लगाया जाता है। यहां यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत क्यों पड़ती है? आखिर किन स्थितिया में इस ट्यूब का उपयोग किया जाता है? जानें, इस लेख में विस्तार से। इस बारे में हमने शारदा अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार-इंटरनल मेडिसिन डॉ. श्रेय श्रीवास्तव और बीएलके मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. भानु मिश्रा से बात की।
पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत क्यों पड़ती है?- Why Are Urinary Catheters Used In Hindi
पेशाब निकालने वाली नली का जरूरत उन स्थितियों में पड़ती है, जब व्यक्ति खुद से पेशाब नहीं कर सकता है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
यूटीआई का मतलब है मूत्रमार्ग में इंफेक्शन होना। वैसे तो यूटीआई के ज्यादातर मामलों में एंटीबायोटिक की मदद से इंफेक्शन को पूरी तरह ठीक कर दिया जाता है। लेकिन, अगर समय रहते मरीज को प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं मिला, तो इंफेक्शन शरीर के अन्य अंगों तक पहुंच सकता है। इस स्थिति में बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है। ध्यान रखें कि यह इंफेक्शन किडनी तक पहुंच सकता है। जब इंफेक्शन काफी ज्यादा फैल जाता है, तब मरीज को पेशाब करने में असुविधा हो सकती है। इस स्थिति में पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत पड़ सकती है।
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मूत्राशय में कमजोरी
मूत्राशय में कमजोरी होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मूत्राशय की नर्व का डैमेज होना, सर्जरी या पेशाब करने में दिक्कत होना। इस तरह की स्थिति में मरीज को पेशाब निकालने वाली नली लगाई जाती है। इसके साथ-साथ व्यक्ति का ट्रीटमेंट चलता है। जैसे-जैसे मरीज की रिकवरी होती जाती है, पेशाब निकालने वाली नली को निकालने की संभावना बढ़ती है। हालांकि, पेशाब निकालने वाली नली को कब निकालना है, यह डॉक्टर तय करते हैं।
मूत्राशय में पथरी
मूत्राशय में पथरी बनने के कारण कई बार मरीज को पेशाब करने में असुविधा होती है। दरअसल, ब्लैडर स्टोन यानी मूत्राशय में पथरी बनने के कारण मूत्रमार्ग ब्लॉक हो जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज का स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है। मूत्राशय को खाली करने के लिए डॉक्टर जरूरत अनुसार पेशाब निकालने वाली नली लगाते हैं। इससे मूत्राशय समय-समय पर खाली होता रहता है। इसके साथ-साथ मरीज का ट्रीटमेंट भी चलता है, ताकि मूत्राशय से पथरी को रिमूव कर मूत्रमार्ग को खाली किया जा सके।
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ब्लैडर कैंसर
ब्लैडर कैंसर या ब्लैडर से जुड़ी तमाम समस्याओं में पेशाब निकालने वाली नली का उपयोग किया जाता है। असल में, पेशाब निकालने वाली नली की मदद से कीमोथेरेपी की दवाईयों को पेशाब निकालने वाली नली की मदद से सीधे ब्लैडर में पहुंचाया जाता है। हालांकि, इस तकनीक का तब उपयोग किया जाता है, जब मूत्राशय कैंसर के लिए इंट्रावेसिकल इम्यूनोथेरेपी नकामयाब हो जाती है। यह भी ब्लैडर कैंसर के ट्रीटमेंट का तरीका है।
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