
बुजुर्गों में पेशाब का बार-बार लीक होना या अचानक कंट्रोल खो देना सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के आत्मविश्वास, सामाजिक जीवन और रोजमर्रा की एक्टिविटी को भी गहराई से प्रभावित करता है। कई लोग इसके बारे में बात करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उम्र का ऐसा हिस्सा है जिसे सहना ही पड़ेगा। कुछ लोग तो इसे कमजोरी या शर्म की वजह मान लेते हैं लेकिन सच यह है कि यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस बढ़ती उम्र में भले ही आम हो, पर यह कोई ऐसी समस्या नहीं जिसे नजरअंदाज कर दिया जाए या जिसके साथ उम्रभर जीना पड़े। इस लेख में यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के सीनियर कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और रॉबोटिक सर्जन डॉ. अमन चंद्र देशपांडे (Dr. Aman Chandra Deshpande, Sr. Consultant Urologist, Andrologist, Kidney Transplant and Robotic Surgeon, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से जानिए, क्या बुजुर्गों में यूरिन लीक होना ठीक हो सकता है?
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क्या बुजुर्गों में यूरिन लीक होना ठीक हो सकता है? - Can Urinary Incontinence Be Cured In Older Adults
यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और रॉबोटिक सर्जन डॉ. अमन चंद्र देशपांडे बताते हैं कि इलाज की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इनकॉन्टिनेंस किस प्रकार का है और मरीज की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति कैसी है। डॉ. देशपांडे के अनुसार, यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कई प्रकारों में होता है, जैसे स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस, अर्ज इनकॉन्टिनेंस, और ओवरफ्लो इनकॉन्टिनेंस। हर प्रकार के कारण और उपचार अलग होते हैं। स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस में खांसी, छींक, हंसी या भारी सामान उठाने पर पेशाब निकल जाता है। वहीं अर्ज इनकॉन्टिनेंस में अचानक तीव्र और नियंत्रित न होने वाली पेशाब की इच्छा होती है। ओवरफ्लो इनकॉन्टिनेंस तब होता है जब ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं हो पाता और धीरे-धीरे लीक होने लगता है। सही प्रकार की पहचान करना इलाज के लिए सबसे जरूरी है।
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1. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज
डॉ. अमन चंद्र देशपांडे बताते हैं कि पेल्विक फ्लोर मसल एक्सरसाइज, जिन्हें आमतौर पर कीगल एक्सरसाइज कहा जाता है, इस समस्या के सबसे असरदार इलाजों में से एक हैं। ये एक्सरसाइज उन मांसपेशियों को मजबूत करते हैं जो ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट को सहारा देती हैं। नियमित अभ्यास से बुजुर्गों में मसल कंट्रोल बेहतर होता है और पेशाब लीक होने की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है। कई लोगों में कुछ ही हफ्तों में अच्छे रिजल्ट दिखने लगते हैं।
2. ब्लैडर ट्रेनिंग
ब्लैडर ट्रेनिंग एक और जरूरी तरीका है जिससे इनकॉन्टिनेंस कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें पेशाब को लंबे समय तक रोकने का अभ्यास कराया जाता है ताकि ब्लैडर की क्षमता बढ़ सके। धीरे-धीरे पेशाब के बीच का अंतर बढ़ाकर अचानक लगने वाली urges और बार-बार पेशाब आने की समस्या कम की जा सकती है। डॉक्टर बताते हैं कि यह तरीका विशेष रूप से अर्ज इनकॉन्टिनेंस वाले मरीजों में काफी लाभकारी साबित होता है।
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3. लाइफस्टाइल में सुधार
डॉ. अमन चंद्र देशपांडे बताते हैं कि कुछ साधारण लाइफस्टाइल में बदलाव यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए-
- कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करना
- पानी उचित मात्रा में पीना
- कब्ज से बचना
- वजन कंट्रोल रखना
- धूम्रपान छोड़ना
4. मेडिकल थेरेपी
अर्ज इनकॉन्टिनेंस के लिए कुछ दवाइयां उपलब्ध हैं जो ब्लैडर को रिलैक्स करती हैं और बार-बार पेशाब आने की समस्या कम करती हैं। कुछ स्थितियों में लेजर या अन्य मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाएं भी अच्छा रिजल्ट देती हैं।
5. सर्जरी
जब समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाए या अन्य तरीके असर न करें, तो सर्जरी एक विकल्प हो सकता है। आधुनिक तकनीकों, जैसे स्लिंग सर्जरी, ब्लैडर नेक सपोर्ट और रॉबोटिक प्रक्रियाओं में कई मरीजों को लंबे समय के लिए राहत मिलती है। बुजुर्गों में भी सही मूल्यांकन और तैयारी के बाद यह सर्जरी सुरक्षित मानी जाती है।
निष्कर्ष
बुजुर्गों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस सामान्य है, लेकिन यह बढ़ती उम्र का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। सही जांच, उचित उपचार, नियमित अभ्यास और लाइफस्टाइल में सुधार से कई मरीज इस समस्या से पूरी तरह उबर जाते हैं। डॉक्टर की सलाह है कि शर्म या संकोच छोड़कर डॉक्टर से खुलकर बात करें। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतने अच्छे रिजल्ट मिलेंगे।
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FAQ
क्या बढ़ती उम्र में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस होना सामान्य है?
उम्र बढ़ने के साथ ब्लैडर और पेल्विक मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं, जिससे इनकॉन्टिनेंस के मामले बढ़ते हैं लेकिन यह सामान्य नहीं है कि इसे बिना इलाज के सहा जाए।क्या बार-बार पेशाब लगना ही इनकॉन्टिनेंस है?
बार-बार पेशाब लगना ओवरएक्टिव ब्लैडर का लक्षण हो सकता है। इनकॉन्टिनेंस तब कहा जाता है जब पेशाब अनजाने में लीक हो जाए। दोनों समस्याओं के कारण अलग हो सकते हैं, इसलिए सही जांच जरूरी है।क्या सर्जरी बुजुर्गों के लिए सुरक्षित है?
अधिकांश मामलों में हां। सही मूल्यांकन, ब्लड प्रेशर और हार्ट हेल्थ की जांच के बाद सर्जरी बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है।
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Nov 17, 2025 16:23 IST
Published By : Akanksha Tiwari