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डायबिटीज में बार-बार प्यास और पेशाब क्यों लगती है? डॉक्टर से जानें असली कारण

डायबिटीज एक ऐसी मेटाबॉलिक बीमारी है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और इसका असर धीरे-धीरे हर अंग पर दिखने लगता है। यहां जानिए, डायबिटीज में बार-बार पेशाब आने और प्यास लगने का क्या कारण है?
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डायबिटीज में बार-बार प्यास और पेशाब क्यों लगती है? डॉक्टर से जानें असली कारण


क्या आपने कभी गौर किया है कि डायबिटीज से जूझ रहे लोग अपने साथ हमेशा ही पानी की बोतल रखते हैं? अक्सर वो बार-बार प्यास की शिकायत करते हैं और वॉशरूम भी कई बार जाना पड़ता है। आमतौर पर लोग इसे मजाक में लेते हैं कि डायबिटीज वालों को तो हमेशा प्यास लगती रहती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की असली वजह क्या है? यह सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि डायबिटीज का बेहद अहम लक्षण है। भारत को आज डायबिटीज कैपिटल तक कहा जाता है क्योंकि यहां डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जिन लोगों को अचानक बहुत ज्यादा प्यास लगने लगे या दिन-रात पेशाब की मात्रा बढ़ जाए, उन्हें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का सीधा संकेत हो सकता है। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानिए, डायबिटीज में बार-बार पेशाब आने और प्यास लगने का क्या कारण है?

डायबिटीज में बार-बार पेशाब आने और प्यास लगने का क्या कारण है? - Why Are Diabetics Always Thirsty And Urinating

डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि जब डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है तो शरीर उसे कंट्रोल करने की कोशिश करता है। किडनी का काम है ब्लड को फिल्टर करना और जरूरत के मुताबिक ग्लूकोज को शरीर में वापस पहुंचाना। लेकिन जब शुगर का लेवल बहुत ज्यादा हो जाता है तो किडनी अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र यानी पेशाब के जरिए बाहर निकालने लगती है। इसी वजह से डायबिटीज मरीजों को बार-बार पेशाब आती है।

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वहीं जब शरीर ज्यादा ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बाहर निकालता है, तो पानी की मात्रा भी शरीर से तेजी से कम होती है। इससे शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। डिहाइड्रेशन की इस स्थिति में ब्रेन हमारे शरीर को ज्यादा पानी पीने के लिए सिग्नल देता है, जिससे डायबिटीज मरीजों को बार-बार प्यास लगने लगती है।

टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में फर्क - Difference between type 1 and type 2 diabetes

टाइप-1 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन बनाना ही बंद कर देता है, जबकि टाइप-2 डायबिटीज में इंसुलिन बनता तो है लेकिन शरीर उसे सही से उपयोग नहीं कर पाता। दोनों ही स्थितियों में शुगर लेवल बढ़ता है और प्यास व पेशाब की समस्या सामने आती है। हालांकि टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में ये लक्षण तेजी से नजर आते हैं जबकि टाइप-2 मरीजों में धीरे-धीरे विकसित होते हैं।

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What causes increased thirst in diabetes

बचाव और मैनेजमेंट कैसे करें? - How to prevent and manage it

  • अगर बार-बार प्यास और पेशाब की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर शुगर टेस्ट कराएं।
  • मीठे और रिफाइंड फूड से बचें, हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें।
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं, ताकि डिहाइड्रेशन न हो।
  • फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं, रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
  • डॉक्टर की दवाई समय पर लें, अगर डायबिटीज हो चुका है तो डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों और इंसुलिन का सही तरीके से पालन करें।

निष्कर्ष

डायबिटीज में बार-बार प्यास लगना और पेशाब आना सिर्फ एक सामान्य परेशानी नहीं है, बल्कि यह आपके शरीर का अलार्म है कि ब्लड शुगर लेवल बढ़ रहा है। इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। समय पर जांच और इलाज करवाकर इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है और डायबिटीज से होने वाले गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • क्या बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का शुरुआती लक्षण है?

    बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का शुरुआती और आम लक्षण हैं। इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
  • क्या सिर्फ डायबिटीज ही प्यास और पेशाब बढ़ने की वजह होती है?

    नहीं, कभी-कभी किडनी की बीमारी, यूटीआई, दवाओं का साइड इफेक्ट या ज्यादा नमक और कैफीन लेने से भी यह समस्या हो सकती है। लेकिन डायबिटीज इसका प्रमुख कारण है।
  • डायबिटीज मरीज इन लक्षणों को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं?

    ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना सबसे जरूरी है। इसके लिए हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज, पर्याप्त पानी और डॉक्टर की दवाइयों का पालन जरूरी है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Sep 29, 2025 15:30 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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