
डायबिटीज आज विश्वभर में सबसे आम लाइफस्टाइल डिजीज में से एक बन चुका है, सामान्यतौर पर इसे हम अनियमित डाइट, मोटापा और अनुवांशिक कारणों से जोड़ते हैं, लेकिन इन कारणों के अलावा भी कई ऐसी वजहें होती हैं जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण डायबिटीज हो सकता है? दरअसल, बैक्टीरिया छोटे-छोटे जीवाणु होते हैं जो हमारे शरीर में संक्रमण यानी इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं, यह संक्रमण यूटीआई (UTI), स्किन इंफेक्शन या गट (आंत) के असंतुलन के रूप में दिखाई दे सकते हैं। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानिए, क्या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण डायबिटीज हो सकता है?
क्या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण डायबिटीज हो सकता है? - Can bacterial infections cause diabetes
डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि बैक्टीरिया हमारे शरीर में कई तरह के इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं, जैसे कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), स्किन इंफेक्शन या गट में असंतुलन। ये इंफेक्शन शरीर में सूजन (Inflammation) और इम्यून रिस्पांस को बढ़ाते हैं। लगातार सूजन और इम्यून सिस्टम का एक्टिव रहना इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) को बढ़ा सकता है। इसका सीधा असर ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है और समय के साथ यह टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकता है।
जिन लोगों में बार-बार बैक्टीरियल इंफेक्शन होते हैं, उनके शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन और साइटोकाइन का लेवल बढ़ जाता है। ये हॉर्मोन और प्रोटीन इंसुलिन की कार्यक्षमता को कम कर सकते हैं। जब इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता, तो ग्लूकोज कोशिकाओं में नहीं पहुंच पाता और ब्लड शुगर बढ़ जाता है। यही इंसुलिन प्रतिरोध का मुख्य कारण माना जाता है। इसका मतलब है कि बैक्टीरियल इंफेक्शन सिर्फ असुविधा नहीं देते, बल्कि लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं।
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NIH की रिसर्च इस बात पर जोर देती है कि डायबिटीज में संक्रमणों की व्यापकता और गंभीरता के बारे में जागरूकता प्रभावी रोकथाम और उपचार के लिए जरूरी है। इसके अलावा, निवारक उपाय, विशेष रूप से टीकाकरण और पैरों की सावधानीपूर्वक देखभाल मधुमेह रोगियों में इंफेक्शन से जुड़ी बीमारी और मृत्यु दर को उल्लेखनीय रूप से कम करने के लिए जरूरी हैं।
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बचाव के उपाय
- साफ-सफाई और हाइजीन का ख्याल रखें, संक्रमण से बचने के लिए रोजाना साफ-सफाई और हाथ धोने की आदत जरूरी है।
- प्रोबायोटिक्स, फाइबर और हाइड्रेटिंग फूड्स से गट हेल्थ सुधारें।
- विटामिन और मिनरल्स शरीर के लिए जरूरी हैं। इम्यून सिस्टम मजबूत रखने के लिए विटामिन C, D और जिंक का सेवन करें।
- किसी भी बैक्टीरियल इंफेक्शन को समय रहते सही एंटीबायोटिक या चिकित्सकीय सलाह से ठीक करें।
डॉक्टर की सलाह
डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं, ''बार-बार होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन शरीर में लगातार सूजन पैदा करते हैं। यह इंसुलिन की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और लंबे समय में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए इंफेक्शन को हल्के में न लें और समय पर इलाज कराएं।''
निष्कर्ष
बैक्टीरियल इंफेक्शन केवल असुविधा नहीं देते, बल्कि लंबे समय में इंसुलिन प्रतिरोध और डायबिटीज के लिए खतरा भी बढ़ा सकते हैं। बार-बार संक्रमण होने वाले लोग और विशेष रूप से ओबेसिटी या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीज इस जोखिम में ज्यादा हैं। इसलिए संक्रमण से बचाव, समय पर इलाज और बैलेंस लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है।
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FAQ
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक रोग है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर का लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है। यह इंसुलिन की कमी या उसके सही काम न करने की वजह से होता है।डायबिटीज कितने प्रकार की होती हैं?
डायबिटीज के मुख्य रूप से 3 प्रकार होते हैं, टाइप 1 डायबिटीज शरीर में इंसुलिन का निर्माण नहीं होता। टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन काम करता है लेकिन शरीर इसे सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता और गेस्टेशनल डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हो सकती है।शुगर को कैसे नियंत्रित करें?
हेल्दी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट के साथ डॉक्टर की सलाह शुगर को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है। डॉक्टर आपकी शरीर के जरूरत अनुसार दवाओं की सलाह दे सकते हैं।
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Oct 24, 2025 12:26 IST
Published By : Akanksha Tiwari