Easy Ways to Improve Insulin Sensitivity : आज की तेज रफ्तार जिंदगी, असंतुलित खानपान और शारीरिक एक्टिविटी की कमी ने डायबिटीज (Diabetes) जैसी बीमारी का बहुत ही आम बना दिया है। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। डायबिटीज जैसी बीमारी की जड़ है, इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity)। दिल्ली की गट व हार्मोन हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा के अनुसार, अगर इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधार लिया जाए, तो डायबिटीज के साथ मोटापे, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम किया जा सकता है।
इस लेख में गट हेल्थ कोच से जानेंगे इंसुलिन सेंसिटिविटी क्या है (What is Insulin Sensitivity), इसे सुधारने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इंसुलिन सेंसिटिविटी क्या है- What is Insulin Sensitivity
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ पर प्रकाशित एक रिसर्च बताती है कि इंसुलिन एक हार्मोन है जो अग्न्याशय (पैंक्रियास) द्वारा मैनेज किया जाता है। इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज (शुगर) को कोशिकाओं के भीतर पहुंचकर एनर्जी में बदलने का काम करता है। इंसुलिन सेंसिटिविटी का आसान भाषा में अर्थ है कि शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कितनी संवेदनशील हैं। अगर सेंसिटिविटी अच्छी है, तो कम मात्रा में इंसुलिन से भी ग्लूकोज का उपयोग सही तरह से होता है। लेकिन जब कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील (insulin resistant) हो जाती हैं, तो ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। इससे डायबिटीज और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी कम होने के कारण- Causes of Insulin Sensitivity
गट व हार्मोन हेल्थ कोच का कहना है कि इंसुलिन सेंसिटिविटी कम होने के कई कारण होते हैं। इसमें अत्यधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड खाना, मानसिक तनाव ज्यादा होना, धूम्रपान या शराब का सेवन अधिक करना शामिल है।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी क्यों जरूरी है- Why is insulin sensitivity important
- इंसुलिन सेंसिटिविटी शरीर के ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
- बेहतर सेंसिटिविटी से शरीर में कम इंसुलिन बनता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
- इंसुलिन सेंसिटिविटी सही न होने पर हार्ट अटैक, PCOD और PCOS का खतरा रहता है।
- ये मानसिक और शारीरिक बीमारियों से भी बचाव करता है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार के लिए क्या करें- Easy Ways to Improve Insulin Sensitivity
डायबिटीज और खराब जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार बेहद जरूरी है। इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने के लिए आप नीचे बताए गए 3 उपायों को अपना सकते हैं।
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1. खाने के बाद 10 मिनट टहलें
दोपहर और रात का खाना खाने के बाद रोजाना 10 से 15 मिनट वॉक जरूर करें। डाइटिशियन बताती हैं कि खाने के बाद वॉक करने से खाने से मांसपेशियों की ग्लूकोज अपडेट क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर की कोशिकाओं की इंसुलिन रिसेप्टिविटी को तेजी से सुधरती है। अगर आप रोजाना खाने के बाद वॉक नहीं कर सकते हैं, तो इस प्रक्रिया को सप्ताह में 5 दिन जरूर करें।
2. सुबह दालचीनी की चाय
इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने के लिए नियमित तौर पर सुबह खाली पेट दालचीनी की चाय पिएं। दालचीनी की चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करते हैं। दालचीनी शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है, जिससे ग्लूकोज अवशोषण को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
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3. फाइबर युक्त फूड खाए
खाने में फाइबर युक्त फूड जैसे साबुत अनाज, ब्राउन राइस, बाजरा, दलिया, सब्जियां, फलियां, नट्स और बीज व अंकुरित अनाज का सेवन करें। फाइबर इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, फाइबर पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे खून में ग्लूकोज धीरे-धीरे प्रवेश करता है और अचानक ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होता है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए क्या नहीं करना चाहिए- What not to do to increase insulin sensitivity
- इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने के लिए चीनी और रिफाइन्ड वाले फूड्स से दूरी बनाएं। खाने में सफेद चावल, मैदा, चीनी, मिठाई, सॉफ्ट ड्रिंक्स, बेकरी आइटम्स को शामिल न करें।
- लगातार 9 से 12 घंटे बैठकर काम करने से मांसपेशियों की एक्टिविटी घटती है जिससे ग्लूकोज प्रोसेस नहीं हो पाता है। इसलिए हर 30 मिनट में 2 से 3 मिनट के लिए डेस्क से उठकर टहलें जरूर।
- स्मोकिंग और अल्कोहल दोनों ही इंसुलिन रेसिस्टेंस को बढ़ाते हैं। इसलिए जहां तक संभव हो, शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें।
- रात को देर से सोने के कारण इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए रोजाना सही नींद जरूर लें।
निष्कर्ष
इंसुलिन सेंसिटिविटी सिर्फ डायबिटीज से बचने का उपाय नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने के लिए जीवन में छोट-छोटे बदलाव जरूर करें।
FAQ
इंसुलिन सेंसिटिविटी क्या है?
इंसुलिन सेंसिटिविटी का मतलब है कि शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन के प्रति कितनी संवेदनशील हैं।इंसुलिन सेंसिटिविटी होने पर क्या न करें?
इंसुलिन सेंसिटिविटी में मीठा, प्रोसेस्ड फूड, शराब, देर तक बैठना, तनाव, नींद की कमी और बिना सलाह सप्लीमेंट लेने से बचना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि इस तरह की चीजें इंसुलिन सेंसिटिविटी को बिगाड़ देते हैं।इंसुलिन सेंसिटिविटी के लक्षण क्या हैं?
अगर किसी व्यक्ति को इंसुलिन सेंसिटिविटी की परेशानी है, तो उसे शरीर में नीचे बताए गए 5 लक्षण नजर आते हैं। 1. शारीरिक थकान2. शुगर क्रेविंग3. डार्क अंडरआर्म्स4. बहुत ज्यादा भूख लगना5. पेट पर चर्बी बढ़ना