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क्या डायबिटीज रोगियों को स्किन इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है? जानें एक्सपर्ट से

Diabetics And Skin Infections In Hindi: डायबिटीज के रोगियों को स्किन इंफेक्शन का रिस्क रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका ब्लड शुगर का स्तर संतुलित नहीं होता है। जानें, इसके अन्य कारकों के बारे में-
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क्या डायबिटीज रोगियों को स्किन इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है? जानें एक्सपर्ट से


Are Diabetics More Prone To Skin Infections In Hindi: डायबिटीज के रोगियों का ब्लड शुगर का स्तर संतुलित नहीं होता है। डायबिटीज के कुछ मरीजों का ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा होता है, तो कुछ लोगों का कम। ध्यान रखें कि दोनों ही स्थितियां सही नहीं हैं। ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस्ड रखना जरूरी होता है। ऐसा न किए जाने पर मरीज को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। जैसे हार्ट डिजीज, हार्ट स्ट्रोक, किडनी से जुड़ी बीमारियां। इसका शरीर के अन्य अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसा किसी के साथ न हो, इसलिए विशेषज्ञ डाइट और लाइफस्टाइल को हेल्दी तरीके से मैनेज करने की सलाह देते हैं। आपने यह भी नोटिस किया होगा कि डायबिटीज के रोगियों को अक्सर स्किन से जुड़ी परेशानियां होती रहती हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज के रोगियों को स्किन इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है? आइए, जानते हैं इस बारे में शारदा अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार-इंटरनल मेडिसिन डॉ. श्रेय श्रीवास्तव का क्या कहना है।

क्या डायबिटीज के रोगियों को स्किन इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है?- Are Diabetics More Prone To Skin Infections In Hindi

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यह सच है कि डायबिटीज रोगियों को स्किन से जुड़ी दिक्कतें अक्सर होती रहती हैं। इसी तरह, स्किन इंफेक्शन का खतरा भी डायबिटीज के रोगियों को अधिक होता है। इस संबंध में डॉक्टर का कहना है, "डायबिटीज के रोगियों में स्किन इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है और इसके पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार होते हैं। जैसे अगर किसी मरीज का ब्लड शुगर ज्यादा है, तो इससे त्वचा में फंगाई और बैक्टीरिया के पनपने का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हाई ब्लड शुगर के कारण हमारे शरीर में ऐसा एन्वायरमेंट बन जाता है, जो फंगाई और बैक्टीरिया को बढ़ावा देने लगते हैं।" डॉक्टर आगे कहते हैं, "हाई ब्लड शुगर की वजह से नर्व डैमेज होने का रिस्क भी रहता है। ध्यान रखें कि नर्व डैमेज होने पर व्यक्ति दर्द, ठंड या गर्मी का अहसास पूरी तरह नहीं कर पाता है। वहीं, डायबिटीज के रोगियों की इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है। ऐसी स्थिति में स्किन इंफेक्शन होने पर उसकी रिकवरी भी धीमी हो जाती है।" कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि हाई ब्लड शुगर होने के कारण स्किन से जुड़ी परेशानियां और स्किन इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है।

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डायबिटीज के रोगियों को किस तरह का स्किन इंफेक्शन का रिस्क होता है?

बैक्टीरियल इंफेक्शनः यह हमने पहले ही जिक्र किया है कि डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा होने पर बैक्टीरिया के पनपने का जोखिम अधिक हो जाता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन आई लिड, हेयर फोलिकल्स और नाखूनों में अधिक दिखते हैं। समय रहते इनका इलाज किया जाना जरूरी है। ऐसा न होने पर समस्या बढ़ सकती है।

फंगल इंफेक्शनः ब्लड शुगर के अधिक होने पर फंगल इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है। इस तरह का इंफेक्शन होने पर मरीज को जॉक इंफेक्शन, एथलीट फुट और दाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह की परेशानी होने पर मरीज को काफी ज्यादा इचिंग यानी खुजली होती है। व्यक्ति जितनी ज्यादा खुजली करता है, उसकी कंडीशन उतनी ज्यादा बिगड़ती जाती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो समस्या बढ़कर गंभीर रूप ले सकती है।

खुजलीः डायबिटीज के मरीजों में इचिंग भी एक सामान्य समस्या बन जाती है। हालांकि, स्किन इंफेक्शन होने के कारण खुजली हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज के रोगियों की त्वचा ड्राई होती है, यह भी खुजली का एक कारण बनती है। आपको बता दें कि ब्लड शुगर का स्तर अंसतुलित होने के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का स्तर प्रभावित होता है, जिससे स्किन इंफेक्शन और त्वचा से जुड़ी अन्य परेशानियां होने का रिस्क बढ़ जाता है।

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डायबिटीज के रोगी स्किन इंफेक्शन से कैसे करें बचाव

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जैसा कि यह स्पष्ट है कि डायबिटीज के रोगियों को स्किन इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। लेकिन, इससे बचाव भी संभव है। जानें, इसके बारे में-

  • हमेशा अपने ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाए रखने की कोशिश करें।
  • स्किन केयर करना न भूलें। जरा-सी भी इचिंग या ड्राईनेस हो, तो इस ओर ध्यान दें। जरूरी हो, तो समय रहते एक्सपर्ट के पास जाएं।
  • फंगल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण नजर आने पर घर पर इसका ट्रीटमेंट करने की कोशिश न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • किसी भी तरह के स्किन इंफेक्शन होने पर वहां खुजली करने से बचें। जगह को सूखा रखें और समय-समय पर डॉक्टर की दी हुई दवा लगाएं।
All Image Credit: Freepik

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