
यह सोचना आसान है कि पेशाब का हल्का-फुल्का रिसाव कोई बड़ी समस्या नहीं है, उम्र बढ़ रही है, थोड़ी बहुत दिक्कत तो होगी ही। कई लोग इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, तो कुछ इसे शर्म और संकोच की वजह से छिपाने की कोशिश करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही छोटी दिखने वाली परेशानी धीरे-धीरे आपके लिए एक गंभीर खतरा बन सकती है? यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस यानी पेशाब पर नियंत्रण न रहना केवल एक असुविधा नहीं है, बल्कि यह आपकी स्किन से लेकर किडनी तक और आपकी मानसिक शांति से लेकर आपकी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल तक शरीर के कई हिस्सों पर गहरा असर डाल सकता है। हर साल लाखों लोग इस समस्या से जूझते हैं, खासकर बुजुर्ग, महिलाएं और वे लोग जिनके पास पहले से मौजूद हार्मोनल या मेडिकल कंडीशन होती हैं। फिर भी, अधिकांश लोग इलाज लेने में देर करते हैं। इस लेख में यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के वरिष्ठ सलाहकार यूरोलॉजिस्ट, डॉ. एम. गोपीचंद ( Dr. M. Gopichand, Senior Consultant Urologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से जानिए, यूरिन लीकेज को नजरअंदाज करने से क्या हो सकता है?
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यूरिन लीकेज को नजरअंदाज करने से क्या हो सकता है? - Long Term Health Risks Of Untreated Incontinence
डॉ. एम. गोपीचंद के अनुसार, बिना इलाज के छोड़ा गया इनकॉन्टिनेंस न सिर्फ स्किन को नुकसान पहुंचाता है बल्कि इंफेक्शन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ाता है। आइए जानते हैं कि यह समस्या लंबे समय तक अनदेखी रहने पर कैसे गंभीर रूप ले सकती है।
1. स्किन को नुकसान
इनकॉन्टिनेंस का सबसे पहला और सबसे दिखने वाला प्रभाव स्किन पर पड़ता है। जब बार-बार पेशाब का रिसाव होता है और नमी स्किन पर बनी रहती है, तो इससे स्किन इरिटेशन, लालिमा और रैशेज बनने लगते हैं। डॉ. गोपीचंद बताते हैं कि यूरिन में मौजूद अमोनिया और बैक्टीरिया स्किन की नेचुरल सुरक्षा परत को नुकसान पहुंचाते हैं। समय के साथ यह नुकसान गहरा होकर स्किन फटने यानी घाव का रूप ले सकता है।
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बुजुर्गों में घाव भरने की क्षमता कम होती है, इसलिए ऐसे घाव आसानी से ठीक नहीं होते। कई बार ये घाव इंफेक्शन का रूप ले लेते हैं और चलने-फिरने में दर्द और परेशानी बढ़ाते हैं। यह एक ऐसा खतरा है जिसे लोग शुरुआत में कम महत्व देते हैं, लेकिन समय पर इलाज न मिले तो समस्या गंभीर हो सकती है।
2. बार-बार UTI का जोखिम
जब यूरिन ठीक से बाहर नहीं निकलता या ब्लैडर में लंबे समय तक रुका रहता है, तो बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ जाता है। यूटीआई सिर्फ पेशाब में जलन या दर्द तक सीमित नहीं है, अगर समय पर इलाज न हो तो यह इंफेक्शन किडनी तक पहुंच सकता है।
डॉ. गोपीचंद के अनुसार, लंबे समय तक UTI रहने पर यह किडनी इंफेक्शन का कारण बनता है। कुछ गंभीर मामलों में इंफेक्शन खून में फैलकर सेप्सिस का रूप ले सकता है, जो जानलेवा स्थिति है। इसलिए, इनकॉन्टिनेंस को हल्के में लेकर उपचार टालना गंभीर समस्याओं को न्योता देने जैसा है।
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3. गिरने और फ्रैक्चर का खतरा
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस अक्सर सडन अर्ज यानी अचानक पेशाब की तीव्र इच्छा के साथ आता है। कई बुजुर्ग इस इच्छा का मुकाबला नहीं कर पाते और जल्दी-जल्दी बाथरूम की तरफ दौड़ते हैं। ऐसा करते समय फिसलने, टकराने या गिरने का जोखिम बढ़ जाता है। रात के समय, जब लाइट कम होती है और संतुलन भी कमजोर रहता है, यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। गिरने से कूल्हे की हड्डी टूटना, फ्रैक्चर होना या लंबे समय तक बिस्तर पर रहने की नौबत आ सकती है। यह सिर्फ फिजिकल हेल्थ नहीं, बल्कि लाइफ क्वालिटी को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।

4. मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर
इनकॉन्टिनेंस सिर्फ शारीरिक समस्या नहीं है, यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी बड़ा असर डालता है। लगातार रिसाव का डर, बदबू की चिंता, गीले होने का शर्मिंदगी भरा एहसास, ये सब मिलकर व्यक्ति में एंग्जायटी, डिप्रेशन और लो सेल्फ-एस्टीम पैदा कर सकते हैं। कई लोग बाहर जाना छोड़ देते हैं, दोस्तों से मिलना कम कर देते हैं और सामाजिक एक्टिविटी से दूरी बना लेते हैं। यह धीरे-धीरे सोशल आइसोलेशन और एकांत का कारण बनता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
डॉक्टर की सलाह
डॉ. गोपीचंद के अनुसार, सही निदान और उचित उपचार से इनकॉन्टिनेंस के लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। कई मामलों में लाइफस्टाइल बदलाव, फिजियोथेरेपी, दवाएं या चिकित्सीय प्रक्रियाएं बेहद प्रभावी साबित होती हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि इस समस्या को शर्म या संकोच की वजह से छिपाना नहीं चाहिए। यह एक मेडिकल कंडीशन है और इसका इलाज संभव है। जितनी जल्दी जांच और उपचार शुरू होगा, उतना कम जोखिम और बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।
निष्कर्ष
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस को मामूली समझना या इसे अनदेखा करना लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। स्किन संबंधी समस्याओं से लेकर किडनी इंफेक्शन, गिरने की घटनाओं और मानसिक तनाव तक, इसके प्रभाव व्यापक और गंभीर हैं। इसलिए, अगर आपको या आपके किसी परिजन को यह परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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Nov 17, 2025 17:01 IST
Published By : Akanksha Tiwari