Expert

क्या सिर्फ ओवरवेट वाली महिलाओं को ही होती है PCOS और PCOD की समस्या? एक्सपर्ट से जानें

ओवरवेट लड़कियों में पीसीओएस और पीसीओडी जैसी समस्याएं अक्सर देखी जाती हैं। लेकिन क्या ये समस्याएं किसी पतली लड़की को नहीं होती है?
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या सिर्फ ओवरवेट वाली महिलाओं को ही होती है PCOS और PCOD की समस्या? एक्सपर्ट से जानें

Is PCOS Related To Weight: पीसीओएस और पीसीओडी अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण होने वाले डिसऑर्डर हैं। ये डिसऑर्डर बॉडी में एंड्रोजन और इंसुलिन हार्मोन बढ़ने की वजह से होते हैं। हार्मोन्स इंबैलेंस होने के कारण ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं। पीसीओएस में सिस्ट बड़े और ज्यादा होते हैं। लेकिन पीसीओडी में सिस्ट कम होते हैं। खराब डाइट और खराब लाइफस्टाइल के कारण इस समस्या का खतरा बढ़ जाता है। अधिकतर देखा गया है जिन महिलाओं को पीसीओएस या पीसीओडी होता है, उनका वजन ज्यादा होता है। लेकिन क्या सिर्फ ओवरवेट लड़कियों में ही पीसीओएस और पीसीओडी जैसी समस्याएं होती हैं? इस बारे में जानकारी देते हुए क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और नैचरोपैथी एक्सपर्ट डॉ अखिला पम्पनानाइक जोशी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइये लेख में जानें इस प्रश्न का उत्तर।

inside-pcod-and-pcos

क्या सिर्फ ओवरवेट लड़कियों को पीसीओएस और पीसीओडी होता है? Do Only Overweight Women Get Pcos and Pcod

एक्सपर्ट के मुताबिक अंडरवेट और पतली लड़कियों में भी पीसीओएस और पीसीओडी का खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये खराब लाइफस्टाइल के कारण होने वाली समस्याएं हैं। ऐसे में लाइफस्टाइल जितना ज्यादा खराब होगा उतना ही ज्यादा इन समस्याओं का खतरा रहेगा। लेकिन ओवरवेट लड़कियों में इन समस्याओं का खतरा थोड़ा ज्यादा रहता है। नॉर्मल वेट वाली लड़कियों में भी लाइफस्टाइल डिजीज और हार्मोनल इंबैलेंस और अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे फैक्टर्स बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- PCOS के कारण त्वचा पर हो जाते हैं मुंहासे, जानें यह बीमारी स्किन हेल्थ को कैसे करती है प्रभावित?

जानें ओवरवेट लड़कियों में पीसीओएस और पीसीओडी खतरा ज्यादा क्यों होता है?

ओवरवेट लड़कियों में जेनेटिक प्रॉब्लम, लाइफस्टाइल डिजीज और हार्मोनल इंबैलेंस जैसी समस्याओं का खतरा ज्यादा रहता है। ये सभी फैक्टर पीसीओएस और पीसीओडी होने का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए अगर किसी ओवरवेट लड़की को ये समस्याएं हैं, तो एक्सपर्ट्स सबसे पहले वेट मेंटेन करने की सलाह देते हैं।

पीसीओएस और पीसीओडी का खतरा कैसे कम करें? How To Reduce the Risk of Pcos and Pcod

हार्मोन हेल्थ पर ध्यान दें- Hormone Health

ये समस्याएं हार्मोन्स इंबैलेंस के कारण होती हैं। इसलिए अपनी हार्मोन हेल्थ पर विशेष ध्यान दें। उन फैक्टर्स से दूरी बनाएं जो हार्मोन्स इंबैलेंस होने का कारण बन सकते हैं।

तनाव से दूरी बनाएं- Avoid Stress

तनाव के कारण पीसीओएस और पीसीओडी का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि तनाव बढ़ने से कोर्टिसोल हार्मोन इंबैलेंस हो जाता है। जो एंड्रोजन और इंसुलिन हार्मोन्स इंबैलेंस होने की वजह बन सकता है।

इसे भी पढ़ें- PCOS के कारण शरीर में इन 4 पोषक तत्वों की हो जाती है कमी, जानें कैसे करें पूर्ति

हेल्दी डाइट लें- Healthy Diet

हेल्दी डाइट के जरिये इन समस्याओं का खतरा कम हो सकता है। इसलिए जंक और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं। साथ ही, केवल ताजी और नेचुरल चीजों का सेवन करें।

हेल्दी लाइफस्टाइल बनाएं- Healthy Lifestyle

पीसीओएस और पीसीओडी का खतरा कम करने के लिए लाइफस्टाइल हेल्दी रखना जरूरी है। हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जैसे समय पर सोना, समय पर खाना, वर्कआउट करना और तनाव से दूरी बनाना जरूरी है।

बॉडी वेट मेंटेन रखें- Maintain Body Weight

बॉडी वेट पीसीओएस और पीसीओडी होने का फैक्टर है। वेट जितना ज्यादा बढ़ता जाएगा, उतना ही इन समस्याओं का खतरा भी ज्यादा होगा। इसलिए हमेशा हेल्दी वेट मेंटेन करके रखें।

इस तरह से पीसीओएस और पीसीओडी का खतरा हर लड़की को हो सकता है। इसलिए इससे जुड़े फैक्टर्स पर काम करें और लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें।

Read Next

क्या डिलीवरी के बाद बवासीर होना नॉर्मल है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer