
Is it normal to have piles after delivery: मां बनने का सुख महिलाओं के लिए बहुत बड़ा होता है लेकिन इसी खुशी के बीच कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी महिलाओं को परेशान करती हैं। इसी में से एक पाइल्स की समस्या भी है। इस लेख में डॉक्टर बता रहे हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को यह दिक्कत क्यों होती है? और इसके लक्षण क्या होते हैं? साथ ही इससे बचाव कैसे संभव है? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
क्या है पाइल्स की समस्या- What Is Piles In Hindi
सबसे पहले जानिए कि पाइल्स की समस्या क्या होती है? वैसे तो यह दिक्कत कई कारणों से स्त्री और पुरुष दोनों को होती है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ता है। असल में पाइल्स को सामान्य भाषा में बवासीर कहा जाता है। यह समस्या मलाशय या फिर गुदा यानी एनस के ईद-गिर्द की नसों में सूजन के रूप में सामने आती है। यह सूजन गाठों जैसी महसूस होती है। पाइल्स दो तरह की होती है, एक इंटरनल और दूसरी एक्सटर्नल पाइल्स। इंटरनल पाइल्स गुदा के अंदर होती है, वहीं एक्सटर्नल पाइल्स एनस के बाहर होती है। अंदरूनी यानी इंटरनल पाइल्स में मल के साथ खून आता है लेकिन इसमें दर्द कम होता है। वहीं बाहरी पाइल्स यानी एक्सटर्नल पाइल्स में दर्द ज्यादा होता है और सूजन, जलन, खुजली जैसी दिक्कतें होती हैं। इसमें व्यक्ति काफी असहजता महसूस करता है।
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क्या डिलीवरी के बाद बवासीर होना नॉर्मल है?- Is It Normal To Have Piles After Delivery In Hindi
डिलीवरी से पहले और खासकर बाद में पाइल्स होना एक सामान्य बात है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। जैसे डिलीवरी के दौरान महिलाओं का वजन बहुत बढ़ जाता है, जिससे पेल्विक एरिया में काफी दबाव पड़ता है। ऐसा होने पर निचले हिस्से की नसों पर असर पड़ता है, जिसके कारण पाइल्स की समस्या हो सकती है। डिलीवरी से पहले महिलाओं को काफी कब्ज की दिक्कत भी होती है। इस कारण मल त्यागने में जोर लगाना होता है। इस कारण भी पाइल्स की समस्या होती है। तनाव के कारण भी कई बार महिलाओं को पाइल्स की समस्या देखी गई है। कुछ महिलाएं गर्भावस्था में कम सक्रिय रहती हैं, बहुत ही कम फिजिकल एक्टिविटी करती हैं। इससे उनका पाचन ठीक नहीं रहता है, जिससे कब्ज बनी रहती और उन्हें इस कारण पाइल्स की समस्या का सामना करना पड़ता है।
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डिलीवरी के बाद कैसे करें बवासीर का उपचार
ऐसा नहीं है कि इस पाइल्स की समस्या का कोई इलाज नहीं है। पहले तो यह डिलीवरी के कुछ दिनों बाद खुद ही ठीक हो जाती है। अगर यह समस्या ठीक न हो, तो महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
अपनी डाइट में फाइबर बढ़ा देना चाहिए। फल, सब्जी और दलिया जैसे आहार ज्यादा खाने चाहिए। साथ ही पानी भी काफी मात्रा में पीना चाहिए। जब महिलाएं पानी की कमी शरीर में नहीं होने देंगी तो वह कब्ज की समस्या से बच पाएंगी और ऐसा होने पर उन्हें पाइल्स की दिक्कत से भी छुटकारा मिलेगा।
डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपनी शारीरिक गतिविधियां भी बढ़ानी चाहिए। व्यायाम करना चाहिए, हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए।
इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जब महिलाएं मल त्यागे तो बहुत अधिक जोर ना लगाएं। खुद को समय दें और मल त्याग शांति से करें। ऐसा करने से पाइल्स की समस्या अधिक नहीं बढ़ेगी और कुछ समय बाद ठीक भी हो जाएगी।
डिलीवरी के बाद बवासीर के लिए कब जाएं डॉक्टर के पास
अगर तमाम उपायों के बाद भी पाइल्स की यह समस्या डिलीवरी के कई महीनों बाद भी ठीक ना हो तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वह आपका दवाओं के माध्यम से इलाज करें, आपको इस समस्या से निजात पाने में पूरी मदद करेंगे।
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