Postpartum Rectal Bleeding: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। पहली बार प्रेग्नेंट होने वाली महिलाओं के लिए यह अलग तरह का अनुभव होता है। लेकिन, कुछ लक्षण उनको डिलीवरी के बाद भी महसूस हो सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को घबराना नहीं चाहिए। दरअसल, कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद (प्रसवोत्तर) मलाशय से ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। नॉर्मल डिलीवरी में भी महिलाओं को इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस दौरान महिलाओं को मलाशय में खुजली, मल त्याग करते समय दर्द और रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में महिलाएं स्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर परामर्श कर सकती हैं। इस लेख में आगे मणिपाल अस्पताल के आब्सटेट्रिक्स और गायनकोलोजी कंसल्टेंट डॉ. विनीता दिवाकर से जानते हैं कि डिलीवरी के बाद मलाशय से ब्लीडिंग होने के क्या कारण हो सकते हैं।
डिलीवरी के बाद मलाशय से ब्लीडिंग के कारण - Causes Of Postpartum Rectal Bleeding In Hindi
बवासीर की समस्या
कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद से बवासीर के लक्षण महसूस होने लगते हैं। मलाशय में सूजी हुई नसें डिलीवरी के बाद मलाशय से ब्लीडिंग की एक मुख्य वजह मानी जाती है । डिलीवरी के समय होने वाले तनाव,हार्मोनल परिवर्तन और पेल्विक क्षेत्र पर बढ़ते दबाव की वजह से, मौजूदा बवासीर के लक्षण बढ़ सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को मल त्याग करते समय ब्लीडिंग हो सकती है।
एनल फिशर
प्रसव के दौरान पेरिनियल क्षेत्र में खिंचाव और चोट की वजह से महिलाओं के मलाशय में छोटे-छोटे घाव हो सकते हैं। इसे एनल फिशर कहा जाता है। डिलीवरी के बाद मल सख्त होने या कब्ज के कारण ये घाव की दरारें बढ़ सकती हैं। ऐसे में मल त्याग करते समय ब्लीडिंग हो सकती है।
मलाशय में घाव (Rectal Lacerations)
इंस्ट्रुमेंटल डिलीवरी (उदाहरण के लिए वैक्यूम निष्कर्षण) के मामलों में, मलाशय के फटने का खतरा बढ़ जाता है। रेक्टल म्यूकोसा के फटने की वजह से महिलाओं को ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
रेक्टोसेले (Rectocele)
योनि व मलाशय की दीवार में उभार होने को आप रेक्टोसेले कह सकते हैं। यह कमजोर पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के कारण डिलीवरी के बाद विकसित हो सकता है। यह उभार मल त्यागने में कठिनाई का कारण बनता है। इसकी वजह कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग हो सकती है।
इंफ्लामेट्री बाउल डिजीज (आईबीडी- Inflammatory Bowel Disease)
जिन महिलाओं को पहले से ही क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे आईबीडी होते हैं, उनको डिलीवरी के बाद कई समस्याएं हो सकती हैं। इनको पेट में दर्द, थकान के साथ मलाशय से ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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डिलीवरी के बाद मलाशय से ब्लीडिंग बेहद कम मामलों में देखने को मिलती है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए ये लक्षण मुश्किल भरे हो सकते हैं। इसके लिए आप डॉक्टर से मिलकर उचित इलाज करा सकती है। डॉक्टर इस समस्या के कारण के आधार पर इलाज शुरू कर सकते हैं। साथ ही, डॉक्टर द्वारा आपको लक्षणों को कम करने के लिए उपाय भी बताए जा सकते हैं।