डिलीवरी के बाद महिलाओं को बच्चे और खुद की सेहत के लिए कई तरह की सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद का समय काफी उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में मानसिक और भावनात्मक बदलाव तेजी से आते हैं। इन लक्षणों से बचने के लिए महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस समय महसूस होने वाले कुछ लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह आपके लिए बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं। इस लेख में मैक्स अस्पताल की निदेशक और सीनियर गायनोकलॉजिस्ट डॉक्टर सीमा जैन से जानते हैं कि डिलीवरी के बाद किन संकेतों को महिलाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
डिलीवरी के बाद शरीर में दिखे ये 5 लक्षण, तो न करें नजरअंदाज - Signs That Could Cause Problem After Delivery in hindi
अत्यधिक ब्लीडिंग (प्रसवोत्तर रक्तस्राव) - Regular Bleeding
डिलीवरी के बाद रक्तस्राव (पीपीएच) का लक्षण होना एक आम समस्या है। कुछ सप्ताह का तक कभी-कभार ब्लीडिंग हो सकती है। लेकिन, यदि आपको चार से छह सप्ताह के बाद भी रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग हो रही है, तो यह किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। इस दौरान आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।
सिरदर्द होना - Headache
डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं को सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इस दौरान लगातार सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर और प्रीक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है। चार से छह सप्ताह के बाद भी सिरदर्द लगातार बना रहे तो ऐसे में आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
संक्रमण होने की संभावना - Infection Risk
डिलीवरी के बाद शरीर के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण हो सकता है, जिसमें गर्भाशय (एंडोमेट्रैटिस), मूत्र पथ और स्तन (मास्टिटिस) शामिल हैं। संक्रमण के दौरान महिलाओं को बुखार, सूजन, स्तनों में दर्द व सर्दी जुकाम की समस्या हो सकती है। संक्रमण से बचने के लिए आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।
सांस लेने में परेशानी होना - Breathing Problems
जिन महिलाओं को पहले से सांस से जुड़ी कोई समस्या होती है। उनको डिलीवरी के बाद सांस लेने में समस्या हो सकती है। यह पल्मोनरी एम्बोलिस्म का संकेत हो सकता है। यह फेफड़ों से संबंधित रोग है। इसमें तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
पेशाब करने या मल त्यागने में परेशानी - Urinal Problem
प्रसव के बाद पेशाब या मल त्याग में समस्याएं कई तरह की समस्याओं का संकेत हो सकती हैं। इसमें महिलाओं को पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस हो सकती है। साथ ही, कुछ महीनों तक कब्ज की समस्या बनी रह सकती है। इस कारण मल में ब्लड आ सकता है। इससे जुड़ी परेशानी से बचने के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें।
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इस दौरान महसूस होने वाली हर समस्या का प्रभाव बच्चे पर भी पड़ सकता है। दरअसल, इस समय बच्चा छोटा होता है और वह केवल मां के दूध पर ही निर्भर होता है। ऐसे में मां की समस्या से उनके ब्रेस्ट मिल्क पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इस वजह से इस दौरान किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें। किसी भी परेशानी में आप तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लें।