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डिलीवरी के बाद आम है ब्लीडिंग की समस्या, जानें इससे जुड़े ये 3 फैक्ट्स

डिलीवरी के बाद महिलाओं को ब्लीडिंग होना एक आम प्रोसेस है, ऐसे में आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में- 
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डिलीवरी के बाद आम है ब्लीडिंग की समस्या, जानें इससे जुड़े ये 3 फैक्ट्स


प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डिलीवरी के बाद भी कई महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। जबकि कुछ महिलाओं को कम ब्लीडिंग होती है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को ब्लीडिंग होना उनके ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी होता है, क्योंकि इससे पेट में जमी गंदगी, खराब खून, प्लेसेंटा आदि चीजें बाहर निकलती है। लेकिन डिलीवरी के बाद महिलाओं में ये डिस्चार्ज जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है कि आप इसकी स्थिति का भी ध्यान रखें। ऐसे में आइए गयनेकोलॉजिस्ट और प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. चांदनी सहगल से जानते हैं डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होने से जुड़ी जरूरी बातें और डिलीवरी के बाद महिलाओं में ब्लीडिंग फेज क्या है? 

डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग से जुड़े फैक्ट्स

फेज 1: लोचिया रूब्रा

लोचिया रूब्रा, डिलीवरी के बाद महिलाओं के योनि से होने वाली पहली ब्लीडिंग होती है। इस ब्लीडिंग में ब्लड, बलगम, प्लेसेंटा, भ्रूण की झिल्लियों के टुकड़ें शामिल होते हैं। डिलीवरी के बाद यह ब्लीडिंग होना एक आम प्रक्रिया है और ये हेल्दी होता है। बच्चे के जन्म के 0 से 4 दिन बाद लोचिया रूब्रा होता है, जो चमकीला या गहरा लाल, पीरियड के पहले दिनों जैसा और इसमें बदबू भी पीरियड ब्लड जैसी होती है।

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फेज 2: लोचिया सेरोसा

लोचिया सेरोसा, डिलीवरी के बाद होने वाले योनि डिस्चार्ज का दूसरा स्टेप है। यह प्रसव के बाद चार से 12 दिनों तक रहता है। इस दौरान, डिस्चार्ज का रंग गुलाबी-भूरा हो जाता है और यह कम खूनी और ज्यादा पानीदार होता है। डिलीवरी के 4 से 10 दिन बाद महिलाओं को यह ब्लीडिंग की समस्या होती है, जिसमें ब्लड का रंग लाल, गुलाबी या भूरे रंग का होता है। इस फेज में ब्लीडिंग लोकिया रूब्रा से हल्का, लेकिन गतिविधि या स्तनपान के साथ बढ़ सकता है। ब्लीडिंग बढ़ने के साथ क्लोटिंग की समस्या कम होती है।

फेज 3: लोचिया अल्बा

लोचिया अल्बा, डिलीवरी के 10 से 25 दिन के बीच होता है। इस स्थिति में सफेद या पीले-सफेद रंग का डिस्चार्ज होता है। यह आमतौर पर डिलीवरी के बाद दूसरे से तीसरे से छठे सप्ताह तक रहता है। इसमें कम रेड ब्लड सेल्स होते हैं और यह मुख्य रूप से ल्यूकोसाइट्स, उपकला सेल्स, कोलेस्ट्रॉल, फैट और बलगम से बना होता है।

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निष्कर्ष

डिलीवरी के बाद डिस्चार्ज कब बंद हो जाता है, या ब्लीडिंग कितने दिन तक होती है? महिलाओं में अक्सर इस तरह के सवाल होते हैं, जिसका जवाब डॉक्टर से विस्तार से बताया है। लेकिन अगर इस अवधि के बाद भी आपको ब्लीडिंग की समस्या बनी रहती है तो इस समस्या को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।

 

 

 

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A post shared by Dr Chandni Sehgal | MBBS, MS (OBGY), FMAS, DMAS, Asso-RCOG (UK) (@busy_birthing)

Image Credit: Freepik

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