महिलाओं में कई शारीरिक समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनका समय पर इलाज न किया जाए, तो आगे चलकर गंभीर बीमारियों या स्वास्थ्य समस्याओं का रूप ले लेती हैं। ऐसी ही एक समस्या है अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव जिसे हम डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग (Dysfunctional Uterine Bleeding) के नाम से भी जानते हैं। इस डिसऑर्डर के कारण अनियमित ब्लीडिंग होती है। महिलाओं में सामान्य मासिक धर्म चक्र 21 से 36 दिनों का होता है। अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव होने पर ब्लीडिंग 21 दिनों से कम या 36 दिनों से ज्यादा हो सकती है। इस डिसऑर्डर के कारण एनीमिया की समस्या भी हो सकती है इसलिए समय पर इलाज करवाएं। इस लेख में हम डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग के लक्षण, कारण और इलाज पर बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग क्या है?- Dysfunctional Uterine Bleeding
डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग को अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव के नाम से जाना जाता है। डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग को आप हार्मोन्स में होने वाला एक असंतुलन भी कह सकते हैं। ये एक तरह का डिसऑर्डर है, जिसमें यूटरेस से अनियमित ब्लीडिंंग की समस्या होती है। जिन महिलाओं को डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग होती है, उनके मासिक धर्म चक्र में अनियमितता नजर आने लगती हैं। इस डिसऑर्डर के कारण ब्लीडिंग बहुत कम या ज्यादा होने लगती है।
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डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग के लक्षण- Dysfunctional Uterine Bleeding Symptoms
- पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना।
- 7 दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग होना।
- 21 दिनों से पहले ब्लीडिंग होना।
- ब्लीडिंग में खून के थक्के होना।
- पेल्विक एरिया में सूजन, दर्द या दबाव महसूस होना।
- चक्कर आना या लो बीपी की समस्या।
- हार्ट रेट बढ़ना।
- कमजोरी या तेज दर्द महसूस होना।
डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग के कारण- Dysfunctional Uterine Bleeding Causes
- हार्मोन्स में असंतुलन के कारण ये डिसऑर्डर हो सकता है।
- मानसिक या शारीरिक तनाव के कारण ये समस्या हो सकती है।
- तेजी से वजन घटने या बढ़ने के कारण डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग हो सकती है।
- आईयूडी जैसे डिवाइस के ज्यादा इस्तेमाल से ऐसी समस्या हो सकती है।
- बर्थ कंट्रोल पिल्स का ज्यादा सेवन करने से आपको ये समस्या हो सकती है।
- नॉन-कैंसर ट्यूमर फाइब्रॉइड होने के कारण भी असामान्य ब्लीडिंग की समस्या होती है।
डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग का इलाज- Dysfunctional Uterine Bleeding Treatment
डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग का इलाज कराने के लिए आपको अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट, एंडोमेट्रियल बायोप्सी आदि जांचें करवानी पड़ सकती हैं। कई बार महिलाएं शर्म या डर से बीमारी के बारे में बताती नहीं हैं, पर ऐसा करने से समस्या बढ़ सकती है। डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग का इलाज किया जा सकता है। जानते हैं इसका सही इलाज-
- इस डिसऑर्डर का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपको हार्मोनल थेरेपी कराने की सलाह दे सकते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं की मदद से भी ब्लीडिंग की समस्या को रोका जा सकता है।
- इस बीमारी के इलाज में आईयूडी का इस्तेमाल भी किया जाता है। हैवी ब्लीडिंग की समस्या को रोकने के लिए आईयूडी यानी इंट्रा यूट्राइन डिवाइस का यूज किया जाता है।
- कुछ गंभीर केस में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। सर्जरी में मायोमेक्टॉमी, एंडोमेट्रियल एब्लेशन, हिस्टेरेक्टॉमी आदि विकल्पों को डॉक्टर चुन सकते हैं।
डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से सलाह लें। शुरुआती स्टेज में इस समस्या का इलाज दवाओं के जरिए किया जा सकता है।