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महिलाओं में डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड्स बंद होते हैं? जानें डॉक्टर से

First Period After Giving Birth: बच्चे के जन्म के बाद पहला पीरियड कितने समय तक रहता है, आइए जानते हैं डॉक्टर से।
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महिलाओं में डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड्स बंद होते हैं? जानें डॉक्टर से


First Period After Giving Birth: प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के लिए खास होता है। 9 महीने महिला बच्चों को गर्भ में रखने के बाद उसको जन्म देती है, जिससे डिलीवरी भी कहा जाता है। इन 9 महीने के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। कंसीव करने से लेकर जब तक बच्चे का जन्म नहीं होता, तब तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगी रहती हैं। महिलाओं की डिलीवरी दो तरह से होती है पहले नॉर्मल डिलीवरी और दूसरी सर्जियन डिलीवरी। दोनों डिलीवरी डॉक्टर के देखरेख में की जाती है। दोनों तरह की डिलीवरी का तरीका अलग होता है। महिला और बच्चे की हालत देखकर ही डॉक्टर ये पता लगाते हैं कि महिला के लिए कौन सी डिलीवरी का माध्याम उचित रहेगा। डिलीवरी होने से लेकर डिलीवरी के बाद तक महिला को दर्द के साथ कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है। कंसीव करने के बाद से ही महिला को पीरियड्स आने बंद हो जाते है। वहीं डिलीवरी होने के बाद ये फिर से शुरू होते हैं। अक्सर महिलाओं के मन में ये सवाल होता है कि डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड्स बंद होते हैं। आइए जानते हैं डॉक्टर से इस सवाल के जवाब के बारे में। 

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डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड्स बंद होते हैं?

लैब गायनेकोलोजिकल सर्जन और ऑब्सटेट्रिसियन & गायनेकॉलोजिस्ट, पारस हेल्थ उदयपुर की डॉ आकांक्षा त्रिपाठी, कहती हैं कि “बच्चे के जन्म के बाद वजाइनल ब्लीडिंग (योनि से रक्तस्राव) होना सामान्य बात है। इसे डॉक्टरी भाषा में लोकिया कहा जाता है, और यह छह हफ्ते तक हो सकता है। प्रसव के बाद की इस 6 हफ्ते की अवधि को प्यूपरियम के नाम से जाना जाता है। पहले चार से पांच दिनों तक ब्लीडिंग आम तौर पर पीरियड्स की तरह होती है। धीरे-धीरे यह  ब्लीडिंग कम होती जाती है, अगले 10 से 15 दिनों में यह हल्की हो जाती है। इस चरण के दौरान डिस्चार्ज गुलाबी रंग के धब्बे की तरह दिखाई दे सकता है। इन विशिष्ट चरणों के अलग अलग नाम हैं: लोकिया रूब्रा (लाल), लोकिया सेरोसा (सीरस), और अंत में, लोकिया अल्बा (सफेद)। अगर आपको ब्लीडिंग ज्यादा होने के बारे में चिंता है या कोई अन्य असामान्य लक्षण अनुभव होता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।”

वहीं कंसल्टेंट गायनेकॉलोजिस्ट रीजेंसी हॉस्पिटल लिमिटेड कानपुर की डॉक्टर निधि सिंघवी ने बताया हर महीने गर्भधारण के लिए आपके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। अगर गर्भधारण नहीं होता है, तो गर्भाशय की मोटी परत गिर जाती है, जिसकी वजह से पीरियड्स आता है। हालांकि, अगर गर्भावस्था होती है, अर्थात गर्भ ठहरता है तो आपके शरीर में गर्भाशय की परत बनी रहती है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान आपको पीरियड्स आना बंद हो जाता है। वहीं बच्चे के जन्म के बाद पीरियड फिर से आने में अलग-अलग समय सीमा हो सकती है। कुछ महिलाओं में प्रसव के 4 से 6 हफ्ते बाद ही नॉर्मल पीरियड्स फिर से शुरू हो जाता है। जो महिलाएं बोतल से दूध पिलाती हैं या बहुत कम स्तनपान कराती हैं, उनमें पीरियड्स स्तनपान कराने वाली महिलाओं की तुलना में जल्दी वापस आ जाता है। केवल स्तनपान कराने से पीरियड्स की वापसी में कई महीनों का समय लग सकता है। गर्भावस्था के बाद पीरियड्स की वापसी के लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, और यह गारंटी नहीं है कि वे पहले की तरह ही होंगे। अगर आपको कोई बदलाव दिखाई देता है या आपको पीरियड्स साइकल के बारे में चिंता है, तो सलाह के लिए अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

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डिलीवरी के बाद शरीर की कमजोरी को दूर करने के तरीके

  • डिलीवरी के बाद महिलाओं को डाइट में प्रोटीन, हरी सब्जियों और नट्स को शामिल करना चाहिए।
  • डिलीवरी के बाद महिलाओं को शरीर को हाइड्रेट रखना भी जरूरी होता है।
  • डिलीवरी के बाद महिलाओं को रात को 7 से 8 घंटे की नींद लेना भी जरूरी होता है।
  • महिलाओं को डाइट में अंडे, सोया और दालों को शामिल करना चाहिए।
  • महिलाओं को इस समय डाइट में दूध और इससे बनी चीजों को भी शामिल करना चाहिए। 

डिलीवरी के बाद महिलाओं को पीरियड्स के संबंध में जानकारी के लिए डॉक्टर से अवश्य बात करनी चाहिए। 

 

 

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