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PCOS और PCOD में स्किन हेल्थ पर क्या असर पड़ता है? एक्सपर्ट से समझें

पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या में स्किन हेल्थ पर भी असर पड़ता है। जानें ये समस्याएं स्किन हेल्थ को कैसे प्रभावित करती हैं।   
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PCOS और PCOD में स्किन हेल्थ पर क्या असर पड़ता है? एक्सपर्ट से समझें

पीसीओडी और पीसीओएस अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण होने वाली समस्याएं है। खराब डाइट और लाइफस्टाइल के कारण बॉडी में कई हार्मोन्स इंबैलेंस होना शुरू हो जाते हैं। ये समस्याएं एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और इंसुलिन हार्मोन्स के इंबैलेंस होने की वजह से होती हैं। इस कारण ओवरी में कई सारे सिस्ट बनना शुरू हो जाते हैं और इससे पीरियड्स और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इतना ही नहीं पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या स्किन हेल्थ को भी प्रभावित करती है। इसके कारण स्किन हेल्थ में कई सारे बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। अक्सर हम इन बदलावों को नॉर्मल समझकर अवॉइड कर देते हैं। जबकि इन स्किन इशुज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। हार्मोन्स इंबैलेंस के कारण होने वाली इन समस्याओं के लिए भी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। आइए लेख के माध्यम से जानें पीसीओडी और पीसीओएस में स्किन हेल्थ पर क्या असर पड़ता है। 

hormonal acne

पीसीओएस और पीसीओडी स्किन हेल्थ को कैसे प्रभावित करते हैं? How Pcos and Pcod Affects Skin Health

हार्मोन्स इंबैलेंस होने के कारण पीसीओएस और पीसीओडी में कई स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। ऐसे में शरीर में एंड्रोजन हार्मोन बढ़ने से इन बदलावों को देखा जाता है- 

एक्ने की समस्या- Acne

पीसीओएस और पीसीओडी में कई महिलाओं को चेहरे पर मुंहासे की समस्या भी रहती है। ऐसे में उनके फेस पर हमेशा एक्ने रहते हैं जो दवाओं से कंट्रोल हो सकते हैं। बॉडी में एंड्रोजन हार्मोन बढ़ने के कारण त्वचा में सीबम प्रोडक्शन बढ़ जाता है। इस कारण स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं और एक्ने ब्रेकआउट होने लगते हैं। हार्मोन बढ़ने के कारण चेहरे, कमर और चेस्ट पर एक्ने होने लगते हैं। 

शरीर में बाल आना- Hirsutism

हार्मोन इंबैलेंस के कारण शरीर में बालों की ग्रोथ भी बढ़ जाती है। इस कारण फेशियल हेयर की समस्या भी देखने को मिलती है। साथ ही, चेस्ट, हाथों और जांघों पर भी बालों की ग्रोथ होने लगती है। 

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हाइपरपिग्मेंटेशन होना- Hyperpigmentation

पीसीओएस और पीसीओडी में इंसुलिन हार्मोन भी इंबैलेंस रहता है। इस वजह से कई महिलाओं को हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में स्किन में डार्क पैचेस होने लगते हैं। ये डार्क पैचेस गर्दन, अंडरआर्म्स और कोहनी में ज्यादा देखने को मिलते हैं। ये समस्याएं इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होती हैं जिसे कंट्रोल रखा जा सकता है। 

ऑयली स्किन- Oily Skin

ऑयली स्किन की समस्या पीसीओएस और पीसीओडी में होने वाली आम समस्या है। इसके कारण स्किन पर हमेशा ऑयल महसूस होता है। सीबम प्रोडक्शन बढ़ने से स्किन में ऑयल प्रोडक्शन बढ़ जाता है जिससे एक्ने भी होने लगते हैं। 

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त्वचा में मस्से होना- Skin Tags 

शरीर में अलग-अलग हिस्सों पर मस्से होना भी पीसीओएस और पीसीओडी का संकेत होता है। ऐसे में आपको गर्दन, कोहनी और शरीर के कई हिस्सों पर छोटे-छोटे मस्से नजर आ सकते हैं। 

पीसीओएस और पीसीओडी में स्किन हेल्थ का ध्यान कैसे रखें?

  • अपने डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह पर स्किन केयर रूटीन फॉलो करें। क्योंकि इससे ऑयली स्किन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। 
  • अगर त्वचा संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, तो किसी डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हार्मोन्स के लिए दवा लेने से आपको काफी मदद मिलगी। 
  • डाइट का विशेष ध्यान रखें। अपनी डाइट में ऑयली, डीप फ्राइड चीजें शामिल न करें। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल जैसे समय पर सोना, हेल्दी खाना और वर्कआइट करने जैसी आदतें बनाएं। 

इस लेख में हमने जाना कि पीसीओएस और पीसीओडी में स्किन हेल्थ पर क्या असर पड़ता है। साथ ही, इसे कंट्रोल रखने के लिए हम क्या कर सकते हैं। 

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