How Does PCOD Affect The Brain: पीसीओएस और पीसीओडी महिलाओं को होने वाली हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या है। ऐसे में शरीर में एंड्रोजन, इंसुलिन और प्रोजेस्टेरोन जैसे कई हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं। हार्मोन्स इंबैलेंस होने के कारण महिलाओं को कई समस्याएं एक साथ हो जाती हैं। इसमें पीरियड्स इर्रेगुलर होना, फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं, ब्लड शुगर इंबैलेंस होने जैसी समस्याएं भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, पीसीओएस और पीसीओडी न सिर्फ हमारी फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ को भी नुकसान करते हैं। इसके कारण महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर बहुत असर पड़ता है। आइए लेख में जानें पीसीओएस और पीसीओडी में मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है।
पीसीओएस और पीसीओडी मेंटल हेल्थ को किस तरह प्रभावित करते हैं? How Pcos and Pcod Affect Mental Health
स्ट्रेस और एंग्जायटी ज्यादा रहती है- Stress and Anxiety
पीसीओएस और पीसीओडी को मैनेज करने की कोशिश में कई महिलाओं को स्ट्रेस भी होने लगता है। यह हार्मोन्स से जुड़ी समस्या है तो इसमें कोर्टिसोल(स्ट्रेस हार्मोन) इंबैलेंस होने की संभावना भी हो जाती है। फिजिकल और मेंटल हेल्थ में लगातार आने वाले बदलावों के कारण स्ट्रेस और एंग्जायटी रहने की समस्या भी हो जाती है।
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बॉडी इमेज इशुज होना- Body Image Issues
पीसीओएस और पीसीओडी दोनों ही समस्याओं में वजन तेजी से बढ़ता है। ऐसे में वेट कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। हार्मोन्स इंबैलेंस होने के कारण पिंपल्स और फेशियल हेयर की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में कॉन्फिडेंस कम होने लगता है और महिलाएं अपनी बॉडी को लेकर अनकंफर्ट महसूस करने लगती हैं।
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सोशल कनेक्शन कम होते जाना- Avoid Social Gathering
बॉडी इमेज इशुज होने के कारण कई महिलाएं सोशली कम कनेक्ट होती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि लोग उनका मजाक बनाएंगे या उन्हें अनकंफर्ट महसूस करवाएंगे। इसलिए इसके कारण कई महिलाएं खुद को आइसोलेट कर लेती हैं और अकेले रहना पसंद करती हैं।
मूड स्विंग्स ज्यादा होना- Mood Swings
हार्मोन्स इंबैलेंस होने के कारण ब्रेन हेल्थ पर असर पड़ता है। पीसीओएस और पीसीओडी के कारण कोर्टिसोल हार्मोन भी इंबैलेंस हो जाता है। इस कारण मूड स्विंग्स की समस्या भी रहने लगती है। ऐसे में इर्रिटेशन होना, ज्यादा गुस्सा आना या अचानक इमोशनल हो जाने जैसे चेंजेस होने लगते हैं।
मोटिवेशन की कमी महसूस होना- Demotivation
पीसीओएस और पीसीओडी होने के कारण महिलाओं को थकावट भी बहुत ज्यादा रहती है। ऐसे में थोड़ा भी काम करते ही कमजोरी ज्यादा महसूस होने लगती है। एनर्जी लेवल लो होने से डेली एक्टिविटी में भी मोटिवेशन की कमी आ सकती है। मूड स्विंग्स होने के कारण काम पर ध्यान लगाना मुश्किल हो सकता है।
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फर्टिलिटी इशुज के कारण परेशान रहना- Fertility Problems
पीसीओएस और पीसीओडी वाली महिलाओं को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं रहती हैं। ऐसे में कंसीव करने में परेशानी आती है। इससे स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन की स्थिति बन सकती है। ऐसे में महिलाएं अपनी हेल्थ कंडीशन से परेशान होकर डिप्रेशन में चली जाती हैं।
मेंटल हेल्थ इशुज बढ़ना- Mental Health Issues
पीसीओएस और पीसीओडी को रिवर्स और कंट्रोल होने में समय लगता है। यह लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं हैं जिन्हें कंट्रोल रखा जा सकता है। लगातार परेशानियों से जूझने के कारण महिलाएं परेशान रहती हैं जिससे उन्हें मेंटल हेल्थ इशुज शुरू हो जाते हैं।